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टेक्सटाइल के बाद अब पानीपत बनेगा दवाइयों का हब, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी

आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत केंद्र सरकार ने भारत में तीन बल्क ड्रग्स पार्क को बनाने की मंजूरी दे दी है. तीन में से एक पार्क पानीपत में बनाया जाएगा.

Chief Secretary Keshani Anand Arora
Chief Secretary Keshani Anand Arora
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Published : Jul 16, 2020, 7:55 AM IST

Updated : Jul 16, 2020, 12:41 PM IST

चंडीगढ़: केंद्रीय कैबिनेट ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश में तीन बल्क ड्रग्स पार्क स्थापित करने को मंजूरी दे दी है. तीन में से एक बल्क ड्रग्स (दवाई में इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल) पार्क को पानीपत में स्थापित करने की योजना है. इसी के तहत मुख्य सचिव केशनी आनन्द अरोड़ा ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक में हरियाणा राज्य औद्योगिक और ढांचागत विकास निगम के प्रबन्ध निदेशक अनुराग अग्रवाल ने पानीपत में स्थापित किए जाने वाले बल्क ड्रग्स पार्क के बारे में प्रजेंटेशन दी. इसके जरिए अनुराग अग्रवाल ने नगर निगम द्वारा इस परियोजना के लिए किए गए कामों की जानकारी दी.

  • केंद्र सरकार द्वारा राज्य को प्रत्येक बल्क ड्रग पार्क के लिए अधिकतम 1000 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा.
  • कुल निवेश का 70 प्रतिश्त भारत सरकार और 30 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा.

इन राज्यों को भी होगा फायदा

मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने कहा कि पानीपत में बल्क ड्रग्स बनने से हरियाणा को एक नई उड़ान मिलेगी. मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने कहा कि पानीपत में बल्क ड्रग्स पार्क के स्थापित होने से इसे अतिरिक्त लाभ मिलेगा. पानीपत से निश्चित ही पड़ोसी राज्यों पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, नई दिल्ली और उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बल्क ड्रग के लिए कच्चे माल की सरल उपलब्धता होगी.

क्या-क्या होगी सुविधाएं?

  1. बल्क ड्रग्स पार्कों में सॉल्वेंट रिकवरी प्लांट
  2. डिस्टिलेशन प्लांट
  3. पावर एंड स्टीम यूनिट्स
  4. कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट जैसी सुविधाएं होंगी

मुख्य सचिव ने बताया कि हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं ढांचागत विकास निगम के पास पहले से विकसित औद्योगिक सम्पदा, पानीपत में 500 एकड़ से अधिक भूमि उपलब्ध है. इस प्रोजेक्ट के लिए अनुमानित पूंजी निवेश 2500 से 3000 करोड़ रुपये है. बता दें कि अभी तक भारत में बल्क ड्रग्स में सबसे बड़ा हाथ चीन का है. भारी मात्रा में बल्क ड्रग्स चीन से आयात होता है. गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद चीन से भारत के संबंध बिगड़े हैं. जिसके बाद सरकार ने आत्मनिर्भर अभियान चलाया और भारत में बल्क ड्रग्स पार्क बनाने की योजना बनाई.

हरियाणा सरकार ने केंद्र को भेजा था प्रस्ताव

इससे पहले जून के पहले सप्ताह में हरियाणा सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स मेन्युफेक्चरिंग का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है. अगर केंद्र सरकार इस प्रस्ताव को मंजूर करती है तो गुरुग्राम के सोहना में 400 एकड़ में इलेक्ट्रॉनिक पार्क बनेगा. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बल्क ड्रग्स के लिए केंद्रीय मंत्रियों को पत्र भी लिखा है. हरियाणा सरकार पानीपत में 800 एकड़ में हरियाणा बल्क ड्रग्स मेन्युफेक्चरिंग इकाइयों को स्थपित करना चाहती है. केंद्र ने इसे अनुमति दे दी है.

ये हैं हरियाणा सरकार की प्रथमिकताएं

इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेनेट मेन्यूफेक्चरिंग का प्रस्ताव हरियाणा की तरफ से भारत सरकार को भेजा गया है. अगर केंद्र सरकार इसे मंजूर करती है तो सोहना में 400 एकड़ में इलेक्ट्रॉनिक पार्क बनेगा.

  • बल्क ड्रग्स के लिए मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्रियों को पत्र लिखा है. इसके लिए पानीपत में 800 एकड़ में बल्क ड्रग्स मेन्यूफेक्चरिंग इकाइयों को स्थपित किया जाएगा.
  • हरियाणा मेडिकल डिवाइसिस का भी पार्क बनाना चाहता है, फ़िलहाल प्रथमिकता वाले क्षेत्रों में जो कम्पनियां भारत में निवेश के लिए उत्सुक हैं उनके लिए सरकार और प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली हैं.
  • मेडिकल डिवाइसिस के लिए करनाल को प्रथमिकता दी गई है. अभी जमीन को लेकर अंतिम फैसला होना बाकि है.

क्या होता है बल्क ड्रग्स?

हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं आधारभूत संरचना विकास निगम अनुराग अग्रवाल ने कहा कि बल्क ड्रग्स के लिए निवेश जरुरी है. भारत ड्रग्स के मामले में दुनिया का फार्मेसी कहा जाता है. दवाइयां बनाने के लिए जो गोलियां बनती हैं. उसके इंग्रीडियन्स को बल्क ड्रग्स कहते हैं. वो बाहर से इम्पोर्ट होते हैं. चीन से भारत में ये करीब 70 प्रतिशत तक इम्पोर्ट होता है. अब बल्क ड्रग्स को मेन्यूफेक्चर करना भारत की प्राथमिकता है.

चंडीगढ़: केंद्रीय कैबिनेट ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश में तीन बल्क ड्रग्स पार्क स्थापित करने को मंजूरी दे दी है. तीन में से एक बल्क ड्रग्स (दवाई में इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल) पार्क को पानीपत में स्थापित करने की योजना है. इसी के तहत मुख्य सचिव केशनी आनन्द अरोड़ा ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक में हरियाणा राज्य औद्योगिक और ढांचागत विकास निगम के प्रबन्ध निदेशक अनुराग अग्रवाल ने पानीपत में स्थापित किए जाने वाले बल्क ड्रग्स पार्क के बारे में प्रजेंटेशन दी. इसके जरिए अनुराग अग्रवाल ने नगर निगम द्वारा इस परियोजना के लिए किए गए कामों की जानकारी दी.

  • केंद्र सरकार द्वारा राज्य को प्रत्येक बल्क ड्रग पार्क के लिए अधिकतम 1000 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा.
  • कुल निवेश का 70 प्रतिश्त भारत सरकार और 30 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा.

इन राज्यों को भी होगा फायदा

मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने कहा कि पानीपत में बल्क ड्रग्स बनने से हरियाणा को एक नई उड़ान मिलेगी. मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने कहा कि पानीपत में बल्क ड्रग्स पार्क के स्थापित होने से इसे अतिरिक्त लाभ मिलेगा. पानीपत से निश्चित ही पड़ोसी राज्यों पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, नई दिल्ली और उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बल्क ड्रग के लिए कच्चे माल की सरल उपलब्धता होगी.

क्या-क्या होगी सुविधाएं?

  1. बल्क ड्रग्स पार्कों में सॉल्वेंट रिकवरी प्लांट
  2. डिस्टिलेशन प्लांट
  3. पावर एंड स्टीम यूनिट्स
  4. कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट जैसी सुविधाएं होंगी

मुख्य सचिव ने बताया कि हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं ढांचागत विकास निगम के पास पहले से विकसित औद्योगिक सम्पदा, पानीपत में 500 एकड़ से अधिक भूमि उपलब्ध है. इस प्रोजेक्ट के लिए अनुमानित पूंजी निवेश 2500 से 3000 करोड़ रुपये है. बता दें कि अभी तक भारत में बल्क ड्रग्स में सबसे बड़ा हाथ चीन का है. भारी मात्रा में बल्क ड्रग्स चीन से आयात होता है. गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद चीन से भारत के संबंध बिगड़े हैं. जिसके बाद सरकार ने आत्मनिर्भर अभियान चलाया और भारत में बल्क ड्रग्स पार्क बनाने की योजना बनाई.

हरियाणा सरकार ने केंद्र को भेजा था प्रस्ताव

इससे पहले जून के पहले सप्ताह में हरियाणा सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स मेन्युफेक्चरिंग का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है. अगर केंद्र सरकार इस प्रस्ताव को मंजूर करती है तो गुरुग्राम के सोहना में 400 एकड़ में इलेक्ट्रॉनिक पार्क बनेगा. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बल्क ड्रग्स के लिए केंद्रीय मंत्रियों को पत्र भी लिखा है. हरियाणा सरकार पानीपत में 800 एकड़ में हरियाणा बल्क ड्रग्स मेन्युफेक्चरिंग इकाइयों को स्थपित करना चाहती है. केंद्र ने इसे अनुमति दे दी है.

ये हैं हरियाणा सरकार की प्रथमिकताएं

इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेनेट मेन्यूफेक्चरिंग का प्रस्ताव हरियाणा की तरफ से भारत सरकार को भेजा गया है. अगर केंद्र सरकार इसे मंजूर करती है तो सोहना में 400 एकड़ में इलेक्ट्रॉनिक पार्क बनेगा.

  • बल्क ड्रग्स के लिए मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्रियों को पत्र लिखा है. इसके लिए पानीपत में 800 एकड़ में बल्क ड्रग्स मेन्यूफेक्चरिंग इकाइयों को स्थपित किया जाएगा.
  • हरियाणा मेडिकल डिवाइसिस का भी पार्क बनाना चाहता है, फ़िलहाल प्रथमिकता वाले क्षेत्रों में जो कम्पनियां भारत में निवेश के लिए उत्सुक हैं उनके लिए सरकार और प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली हैं.
  • मेडिकल डिवाइसिस के लिए करनाल को प्रथमिकता दी गई है. अभी जमीन को लेकर अंतिम फैसला होना बाकि है.

क्या होता है बल्क ड्रग्स?

हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं आधारभूत संरचना विकास निगम अनुराग अग्रवाल ने कहा कि बल्क ड्रग्स के लिए निवेश जरुरी है. भारत ड्रग्स के मामले में दुनिया का फार्मेसी कहा जाता है. दवाइयां बनाने के लिए जो गोलियां बनती हैं. उसके इंग्रीडियन्स को बल्क ड्रग्स कहते हैं. वो बाहर से इम्पोर्ट होते हैं. चीन से भारत में ये करीब 70 प्रतिशत तक इम्पोर्ट होता है. अब बल्क ड्रग्स को मेन्यूफेक्चर करना भारत की प्राथमिकता है.

Last Updated : Jul 16, 2020, 12:41 PM IST
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