चंडीगढ़: 'द सिटी ब्यूटीफुल' चंडीगढ़ अपनी खूबसूरती और ग्रीनरी के लिए जाना जाता है. चंडीगढ़ का 45 फीसदी से ज्यादा हिस्सा पेड़ों से ढका है. यही वजह है कि यहां पेड़ों को खास महत्व दिया जाता है और यहां 31 ऐसे पेड़ हैं जिन्हें धरोहर वृक्ष (हेरिटेज ट्री)घोषित किया गया है. ऐसा ही एक बरगद का हेरिटेज ट्री चंडीगढ़ के सेक्टर 38 स्थित एक गुरुद्वारे में भी है. जो करीब 300 से 350 साल पुराना है.
इस हेरिटेज ट्री की कहानी (chandigarh banyan heritage tree) जानने के लिए ईटीवी भारत ने बात की चंडीगढ़ के पर्यावरणविद् राहुल महाजन से बात. राहुल महाजन ने बताया कि ये पेड़ करीब 300-350 साल पुराना है. यहां सिख धर्म गुरु और राजा रणजीत सिंह भी आ चुके हैं. उन्होंने बताया कि जिस वक्त चंडीगढ़ नहीं बना था. तब यहां एक गांव हुआ करता था, जिसका नाम शाहपुर था ये पेड़ तभी से यहां हैं.
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उन्होंने बताया कि उस वक्त पोंटा साहिब से चमकौर साहिब या अन्य जगह पर जाने के लिए रास्ता यहीं से होकर गुजरता था और इसी जगह पर सिख धर्म गुरु रुकते थे. उस समय यहां पर राजा रणजीत सिंह का राज्य था. ये गांव चंडीगढ़ के बनने तक मौजूद था, लेकिन जब चंडीगढ़ को बनाया गया तब गांव को खत्म कर दिया गया और वहां पर चंडीगढ़ का सेक्टर 38 बसा दिया गया. पेड़ की उम्र 300-350 साल के करीब है, इसलिए इस पेड़ को हेरिटेज ट्री का दर्जा दिया गया है.
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राहुल शर्मा ने कहा की हालांकि इन पेड़ को हेरिटेज ट्ररी का दर्जा दे दिया गया है, लेकिन इसका सही ढंग से रखरखाव नहीं किया जा रहा है. इस पेड़ के चारों ओर कंक्रीट की तारें बिछा दी गई हैं. जिससे पेड़ की जड़ों को फैलने की जगह नहीं मिल रही है. पेड़ के तने भी खराब होने शुरू हो गए हैं. अगर पेड़ की तरफ ध्यान नहीं दिया गया तो हम इस पेड़ को जल्द ही खो सकते हैं.