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चंडीगढ़ में टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ का प्रदर्शन, इन मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ की नारेबाजी - सेंट्रल सर्विस रुल्स को लागू करवाने की मांग

चंडीगढ़ में बीते करीब 20 दिनों से टीचर और नॉन टीचिंग स्टाफ का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है. रविवार को भी स्टाफ ने ज्वाइंट एक्शन कमेटी के बैनर तले विरोध प्रदर्शन किया. आज कमेटी सीनेट कमेटी के साथ भी बैठक की गई. आने वाले दूसरे रविवार को दोबारा बैठक होगी.

Chandigarh Teachers Protest
टीचर और नॉन टीचिंग स्टाफ का विरोध प्रदर्शन
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Published : Feb 19, 2023, 5:41 PM IST

चंडीगढ़: शहर के सभी सरकारी कॉलेजों की टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ ने ज्वाइंट एक्शन कमेटी के बैनर तले विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारी पंजाब यूनिवर्सिटी गोल्डन जुबली गेस्ट हाउस के बाहर एकत्र हुए. आज ज्वाइंट एक्शन कमेटी सीनेट के साथ बैठक भी की गई. आने वाले रविवार को ही पंजाब यूनिवर्सिटी में सीनेट मीटिंग की जानी है. ऐसे में मीटिंग के दौरान ज्वाइंट एक्शन कमेटी सीनेट के सामने अपनी मांगों को रखते हुए धरने को और बल देने की कोश‌िश की जाएगी.

ऐसे में डीएवी कॉलेज टीचर्स यूनियन के प्रेसिडेंट सुमित गोखलानी ने कहा है कि चंडीगढ़ प्रशासन उनकी मांगों को लेकर मौन धरे हुए हैं. वहीं, आज धरने के ज‌रिए ज्वाइंट एक्शन कमेटी द्वारा सीनेट की मीटिंग में मांगों को दोबारा रखा गया. बता दें कि चंडीगढ़ कॉलेजों के टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ द्वारा पिछले महीने से केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए सेंट्रल सर्विस रुल्स को लागू करवाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन और रोष मार्च निकला जा रहा है. वहीं अभी तक प्रशासन द्वारा 6वां पे कमीशन भी लागू नहीं किया. जबकि मार्च, 2022 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी घोषणा के बाद भी सेंट्रल सर्विस रुल्स लागू नहीं किये.

ऐसे में डीएवी कॉलेज टीचर्स यूनियन के प्रेसिडेंट सुमित गोखलानी ने बताया कि आज धरने के जरिए यूनिवर्सिटी सीनेट से मांग कर रहे हैं, कि चंडीगढ़ प्रशासन लंबे समय जो हमारी मांगों को लेकर मौन धरे हुए हैं. उसे तोड़ते हुए हमारी मांगों के संबध में जवाब दें. वहीं, सेंट्रल सर्विस रुल्स लागू होने के बावजूद आज भी रिटायरमेंट एज को लेकर उनके एफिलेटिड कॉलेजों के टीचर्स पर यूजीसी नियमों को लागू नहीं किया जा रहा है. जिसे जल्द लागू किया जाए क्योंकि हमारे कई ऐसे प्रोफेसर है, जिनकी रिटायरमेंट मार्च महीने में हो सकती है.

ये भी पढ़ें: Bharatpur Youths Burnt Alive: पीड़ित परिवार से मिले ओवैसी बोले- हिंदुस्तान सबका है और संविधान में सब को जीने का अधिकार है

ज्वाइंट एक्शन कमेटी के सदस्यों प्रोफेसर संधू ने बताया कि चंडीगढ़ के ‌सभी कालेजों को UGC के अंडर लाया जाना चाहिए. क्योंकि भारत में 2011 में UGC नियमों को सेंट्रल गवर्नमेंट ने नोटिफाई कर टीचर्स की रिटायरमेंट एज 60 से बढ़ा कर 65 कर दी थी. जिसे पंजाब यूनिवर्सिटी सीनेट और सिंडिकेट ने अपनाते हुए मंजूरी दी थी. वहीं, इसके बाद मार्च, 2022 में एमएचए की नोटिफिकेशन हुई, जिसके तहत चंडीगढ़ के मान्यता प्राप्त कॉलेजों को पंजाब से डिलिंक्ड कर दिया गया. लेकिन फिर भी शहर के सभी सरकारी कालेजों को वह सुविधाएं नहीं दी गई जो दी जानी चाहिए.

ये भी पढ़ें: सोनीपत सिविल अस्पताल की लाचार व्यवस्था के आगे बेबस परिजन, 10 घंटे बीत जाने के बाद भी नहीं हुआ शव का पोस्टमार्टम

चंडीगढ़: शहर के सभी सरकारी कॉलेजों की टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ ने ज्वाइंट एक्शन कमेटी के बैनर तले विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारी पंजाब यूनिवर्सिटी गोल्डन जुबली गेस्ट हाउस के बाहर एकत्र हुए. आज ज्वाइंट एक्शन कमेटी सीनेट के साथ बैठक भी की गई. आने वाले रविवार को ही पंजाब यूनिवर्सिटी में सीनेट मीटिंग की जानी है. ऐसे में मीटिंग के दौरान ज्वाइंट एक्शन कमेटी सीनेट के सामने अपनी मांगों को रखते हुए धरने को और बल देने की कोश‌िश की जाएगी.

ऐसे में डीएवी कॉलेज टीचर्स यूनियन के प्रेसिडेंट सुमित गोखलानी ने कहा है कि चंडीगढ़ प्रशासन उनकी मांगों को लेकर मौन धरे हुए हैं. वहीं, आज धरने के ज‌रिए ज्वाइंट एक्शन कमेटी द्वारा सीनेट की मीटिंग में मांगों को दोबारा रखा गया. बता दें कि चंडीगढ़ कॉलेजों के टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ द्वारा पिछले महीने से केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए सेंट्रल सर्विस रुल्स को लागू करवाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन और रोष मार्च निकला जा रहा है. वहीं अभी तक प्रशासन द्वारा 6वां पे कमीशन भी लागू नहीं किया. जबकि मार्च, 2022 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी घोषणा के बाद भी सेंट्रल सर्विस रुल्स लागू नहीं किये.

ऐसे में डीएवी कॉलेज टीचर्स यूनियन के प्रेसिडेंट सुमित गोखलानी ने बताया कि आज धरने के जरिए यूनिवर्सिटी सीनेट से मांग कर रहे हैं, कि चंडीगढ़ प्रशासन लंबे समय जो हमारी मांगों को लेकर मौन धरे हुए हैं. उसे तोड़ते हुए हमारी मांगों के संबध में जवाब दें. वहीं, सेंट्रल सर्विस रुल्स लागू होने के बावजूद आज भी रिटायरमेंट एज को लेकर उनके एफिलेटिड कॉलेजों के टीचर्स पर यूजीसी नियमों को लागू नहीं किया जा रहा है. जिसे जल्द लागू किया जाए क्योंकि हमारे कई ऐसे प्रोफेसर है, जिनकी रिटायरमेंट मार्च महीने में हो सकती है.

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ज्वाइंट एक्शन कमेटी के सदस्यों प्रोफेसर संधू ने बताया कि चंडीगढ़ के ‌सभी कालेजों को UGC के अंडर लाया जाना चाहिए. क्योंकि भारत में 2011 में UGC नियमों को सेंट्रल गवर्नमेंट ने नोटिफाई कर टीचर्स की रिटायरमेंट एज 60 से बढ़ा कर 65 कर दी थी. जिसे पंजाब यूनिवर्सिटी सीनेट और सिंडिकेट ने अपनाते हुए मंजूरी दी थी. वहीं, इसके बाद मार्च, 2022 में एमएचए की नोटिफिकेशन हुई, जिसके तहत चंडीगढ़ के मान्यता प्राप्त कॉलेजों को पंजाब से डिलिंक्ड कर दिया गया. लेकिन फिर भी शहर के सभी सरकारी कालेजों को वह सुविधाएं नहीं दी गई जो दी जानी चाहिए.

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