चंडीगढ़: शहरवासियों द्वारा अपनी ही प्रॉपर्टी पर लगी रोक को लेकर शुक्रवार को चंडीगढ़ में सेक्टर 34 के चौक पर रोष प्रदर्शन किया गया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा शहर में शेयर वाइज रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी गई थी. जिसके बाद प्रॉपर्टी एसोसिएशन व अन्य प्रॉपर्टी संगठन एक साथ होते हुए प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतरे.
शहर में अभी भी सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम फैसले को लेकर प्रॉपर्टी की शेयर वाइज रजिस्ट्रेशन को लेकर चंडीगढ़ में प्रॉपटी की खरीद फरोख्त करने पर रोक लगाई हुई है. सुप्रीम कोर्ट की जजमेंट में कहा गया है कि अपार्टमेंट वाइज सेल पर रोक लगाई गई है, न कि शेयर वाइज सेल पर रोक लगाई गई है. वहीं चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा किसी भी तरह की प्रॉपर्टी की खरीद और सेल पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है. जिससे शहर के लगभग एक लाख लोग प्रभावित हो रहे हैं.
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वहीं बीते हफ्ते बड़ी संख्या में शहर के प्रॉपर्टी ऑनर्स व उनके पारिवारिक सदस्यों द्वारा सेक्टर 17 में कैंडल मार्च निकाला गया था. प्रॉपर्टी ऑनर्स का कहना है कि प्रशासन द्वारा गलत एसओपी जारी करने से शहर में प्रॉपर्टी ऑनर्स में बेचैनी है. उनके कई प्रॉपर्टी ट्रांजेक्शन रुके हुए हैं. प्रॉपर्टी ऑनर्स का कहना था कि प्रशासन की कार्रवाई के चलते वह प्रॉपर्टी की अपनी मर्जी से वसीयत तक नहीं कर सकते हैं.
प्रॉपर्टी ओनर एसोसिएशन चंडीगढ़ के अध्यक्ष हरपाल सिंह ने बताया कि गंभीर हालातों में किसी व्यक्ति को अपनी प्रॉपर्टी बेचनी हो तो वह क्या करेगा. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद प्रशासन ने अपने स्तर पर, जो फैसला लिया है वह लोगों के हित में नहीं है. तीन सालों तक काम करने वाले सरकारी बाबू बिना इस शहर के हालात जाने बिना फैसला ले लेते हैं. शहर के नामी चौक पर खड़ा होने का मकसद है कि शहर में आने वाले लोगों को शहर के प्रशासन की नीतियां बताई जा सके.
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चंडीगढ़ को हैरिटेज सिटी का टैग देकर अफसरों द्वारा तानाशाही की जा रही है. दूसरी ओर लोगों को ऐसे फैसलों से परेशानी हो रही है. वहीं वित्तीय संकट के समय अगर कोई व्यक्ति अपनी प्रॉपर्टी को सेल नहीं कर पाएंगा, तो ऐसे में वो कहां जाएगा. चंडीगढ़ प्रशासन को शर्म आनी चाहिए कि वे बुजुर्गों को इस उम्र में प्रदर्शन करने के लिए मजबूर कर रहे हैं.