चंडीगढ़: पीजीआई के निदेशक प्रोफेसर जगत राम को चिकित्सा के क्षेत्र में अहम योगदान के लिए जाना जाता है. यह कोई पहला मौका नहीं है जब उन्हें सम्मानित किया गया है. इससे पहले भी उन्हें कई बार महत्वपूर्ण अवार्डों से नवाजा जा चुका है. आपको बता दें कि पीजीआई के निदेशक(Director of PGI) प्रोफेसर जगत राम को चिकित्सा जगत में उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए पद्मश्री अवार्ड भी मिल चुका है. साल 2019 में उन्हें राष्ट्रपति ने पद्मश्री से सम्मानित किया था.
प्रोफेसर जगत राम ने साल 1985 में पीजीआई में नौकरी शुरू की थी. साल 2017 में वह पीजीआई के निदेशक बने. प्रोफेसर ने अपनी एमबीबीएस की डिग्री इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला से साल 1978 में हासिल की थी. उन्होंने अपनी एमएस की डिग्री ऑप्थेल्मोलॉजी में चंडीगढ़ पीजीआई से 1982 में पूरी की थी. 1993-94 में उन्हें डब्लूएचओ से फेलोशिप भी मिली.
प्रोफेसर जगत राम ने साल 1994 में पीजीआई में हीफेकोइमल्सीफिकेशन नामक नई तकनीक का विकास किया था. यह तकनीक आंखों के ऑपरेशन में इस्तेमाल की जाती है. यह लोगों के लिए काफी कारगर साबित हुई. इस तकनीक से अब तक हजारों मरीजों का इलाज किया जा चुका है. प्रोफेसर जगत राम अपने 39 साल के करियर में अभी तक करीब 90000 लोगों की आंखों का सफल ऑपरेशन कर चुके हैं.
9 मई 2016 को उन्हें यूएसए में अमेरिकन सोसायटी ऑफ कैट्रेक्ट एंड रिफ्रेक्टिव सर्जरी कॉन्फ्रेंस में अमेरिकन सोसायटी की ओर से बेस्ट ऑफ द बेस्ट अवार्ड दिया गया था. यह अवॉर्ड उन्हें 'न्यू टेक्नीक फॉर सर्जिकल वीडियो इन ऑप्थेलमोलॉजी' कैटेगरी में मिला था. सेन फ्रांसिस्को में हुई इस कॉन्फ्रेंस में 120 देशों के 10 हजार ऑप्थेलमोलॉजिस्ट शामिल हुए थे. सर्जिकल तकनीक में नई खोज के लिए चुनिंदा डॉक्टरों के वीडियो चुने गए थे. इस मौके पर राष्ट्रीय गान भी गाया गया था.
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बता दें कि पीजीआई निदेशक को 2015 में बार्सिलोना में आयोजित वर्ल्ड कांग्रेस ऑफ पेडियाट्रिक ऑप्थेल्मोलॉजी में सबसे प्रतिष्ठित 'ऑस्कर ऑफ पेडियाट्रिक ऑप्थेल्मोलॉजी अवार्ड' दिया गया था.
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