चंडीगढ़: स्वास्थ्य कर्मचारी सिर्फ दिन-रात मरीजों की सेवा कर रहे हैं और हमें करोना जैसे बीमारी से बचा रहे हैं, बल्कि कुछ स्वास्थ्य कर्मी ऐसे भी हैं जो एक कदम आगे बढ़ कर हमें पर्यावरण के महत्व को समझा रहे हैं. चंडीगढ़ के सेक्टर 16 अस्पताल में सेवाएं दे रही नर्सिंग ऑफिसर सपना चौधरी कुछ ऐसा ही कर रही है.
सपना चौधरी ने अपने घर में एक अनोखा बगीचा बनाया है उस बगीचा ना सिर्फ तरह-तरह के पौधे लगाए गए हैं, बल्कि जिन गमलों (Flower Pot) में उन पौधों को लगाया गया है वो भी सपना ने खुद ही तैयार किए हैं. यह सारे गमले घर में निकलने वाले कचरे से तैयार किए गए हैं, जोकि देखने में बेहद सुंदर हैं. इन्हें अलग-अलग जानवरों के चेहरे का रूप दिया गया है.
ऐसे मिली प्रेरणा
अपने बगीचे के बारे में बात करते हुए सपना चौधरी ने बताया कि उन्हें इसे तैयार करने में 8 महीने का वक्त लगा है. 8 महीने पहले उनकी ड्यूटी पंजाब यूनिवर्सिटी के एक हॉस्टल में बनाए गए कोविड वार्ड में लगी थी. जहां वे कोरोना के मरीजो का इलाज कर रही थीं. हॉस्टल के बाहर कई तरह के पौधे लगाए गए थे, जो उन्हें बेहद अच्छे लगे.
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उन्होंने सोचा कि क्यों नहीं इस तरह के पौधों को अपने घर में लगाया जाएं, तो फिर क्या था सपना कुछ पौधे नर्सरी से खरीद कर घर ले आईं, लेकिन पौधों को लगाए जाने वाले गमले बेहद महंगे थे, इसलिए उन्होंने घर में पड़े प्लास्टिक की बोतलों और डिब्बों से ही गमले (Flower pot out of waste) बनाने शुरू किए.
खाली बोतलों और डिब्बों से बनाएं सुंदर गमले
खाली बोतलों और डिब्बों से अलग-अलग जानवरों एवं इंसानों की कलाकृतियां बनाई और उन्हें बेहद सुंदर रंगों से सजाया भी. उन्होंने इनमें अलग-अलग तरह के पौधे लगा दिए, इसके अलावा उन्होंने बगीचे की दीवारों को भी खुद पेंट किया है जो बगीचे की सुंदरता में चार चांद लगा रही हैं.
सपना ने शुरुआत में इस तरह के 2-3 गमले बनाए थे. कुछ लोगों ने उन्हें देखा और उनकी खूब तारीफ की जिससे उनका मनोबल काफी बढ़ गया. उन्होंने इस तरह के अलग-अलग गमले बनाने शुरू कर दिए. आसपास के कई लोग इन कमरों को देखने आते हैं और वह भी इस तरह गमले अपने घरों में बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
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बच्चों को खूब लुभाते हैं ये गमले
सपना चौधरी कहती हैं कि उन्हें सबसे अच्छा तब लगता है जब पड़ोस के बच्चे खासतौर पर इन्हें देखने आते हैं. इन गमलों को देखकर उन्हें अच्छा लगता है, क्योंकि यह गमले अलग-अलग डिजाइन से बनाए गए हैं और इन्हें कई तरह के रूप दिए गए हैं. जिसे बच्चे काफी पसंद कर रहे हैं.
हालांकि उन्हें बचपन में भी इस तरह कलाकृतियां बनाने का शौक था, लेकिन पढ़ाई और उसके बाद नौकरी में आने के बाद यह शौक कहीं पीछे छूट गया, कोविड के दौरान उन्हें फिर से अपने इस शौक को पूरा करने का मौका मिला. जिसे अब वह पूरा कर रही हैं.
'पर्यावरण का ख्याल रखना सभी की जिम्मेदारी'
सपना चौधरी ने बताया कि वे अपने बगीचे के जरिए ना सिर्फ लोगों को यह संदेश दे रही हैं कि वे कचरे को फेंकने की बजाय उसका सदुपयोग करें, बल्कि वह लोगों को यह भी कहना चाहती हैं कि लोग अपने घरों में ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाएं.
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कोविड के दौरान हमने यह जान लिया कि पर्यावरण और साफ हवा का हमारे जीवन में कितना महत्व है. हम अपने घरों में पौधे लगाएंगे तो हम कम से कम अपने घर और आसपास का वातावरण साफ रख पाएंगे, इसलिए हम सभी लोगों को कचरे का सदुपयोग करना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने चाहिए.