चंडीगढ़: सोमवार को चुनाव आयोग की ओर से चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव का ऐलान होते ही सियासत तेज हो गई है. चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि, इस समय बीजेपी नगर निगम पर काबिज है, लेकिन बीजेपी ने शहर का जो हाल कर दिया है, उससे चंडीगढ़ के लोग त्रस्त हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के पास भाजपा के खिलाफ इतने ज्यादा मुद्दे हैं कि उन्हें यही समझ नहीं आ रहा कि वह किस मुद्दे से शुरुआत करें.
सुभाष चावला ने कहा कि पानी के बिल में बढ़ोतरी करना, शहर की सफाई व्यवस्था खत्म होना, भ्रष्टाचार इत्यादि बहुत से ऐसे मुद्दे हैं जिनसे भाजपा नहीं बच सकती. इसके अलावा उन्होंने बताया कि डंपिंग ग्राउंड भी आज एक बड़ा मुद्दा बन चुका है. भाजपा राज में डंपिंग ग्राउंड कम होने की बजाय लगातार बढ़ रहा है. डंपिंग ग्राउंड का कचरा लोगों के घरों तक आ पहुंचा है. जिससे इलाके में सांस लेना भी हो चुका है. लोग कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं, लेकिन भाजपा ने 5 सालों में कोई समाधान नहीं निकाला.
सुभाष चावला का कहना है कि इस समय भाजपा को लगता है कि कृषि कानून वापस लेने का फायदा उसे मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं है कृषि कानून वापस होने से लोगों में खुशी तो है, लेकिन लोगों के मन में गुस्सा भी है. क्योंकि इसके लिए किसानों ने एक साल तक आंदोलन किया. इस आंदोलन में 700 से ज्यादा किसान जान गंवा बैठे. इसलिए भाजपा को इसका कोई फायदा नहीं मिलेगा. भाजपा ने भी चुनावों में लगातार मिल रही हार को देखते हुए यह फैसला लिया है. भाजपा को आने वाले चुनावों की चिंता सताने लगी थी. इससे पहले भाजपा पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों में हुए कई उपचुनाव को भी हार चुकी है.
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सुभाष चावला ने कहा कि भाजपा को 8 साल बाद लोगों की याद आ रही है और कह रही है कि लोगों से सुझाव लेकर घोषणा पत्र तैयार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मैं बीजेपी से पूछना चाहता हूं कि उन्हें 5 साल के बाद जनता की याद नहीं आई है जो पार्टी सत्ता में हो उस पार्टी को अपने किए गए कामों के आधार पर चुनाव लड़ना चाहिए ना कि लोगों से सुझाव मांगे. उन्होंने कहा कि भाजपा पहले अपने पिछले घोषणापत्र का हिसाब दे. उन्होंने सवाल पूछा कि भाजपा बताए कि कौन-कौन सी घोषणाओं को पूरा किया है तब लोगों से वोट मांगने जाए.
सुभाष चावला ने कहा कि भाजपा ने चंडीगढ़ में प्रचार करने के लिए कई नेताओं की लिस्ट केंद्र में भेजी है. उन्होंने कहा कि मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि उन्हें अमित शाह और योगी आदित्यनाथ जैसे नेताओं को चंडीगढ़ में बुलाने की जरूरत क्यों पड़ी. उन्होंने कहा कि अगर उन्होंने काम किए हैं तो वह अपने स्थानीय नेताओं के दम पर चुनाव लड़कर दिखाएं. दूसरी और योगी आदित्यनाथ जैसे नेता विकास की बात कभी नहीं करते. वह तो सिर्फ हिंदू मुस्लिम की बात करते हैं. ऐसे नेताओं को बुलाकर भाजपा क्या साबित करना चाहती है. अगर भाजपा के स्थानीय नेताओं हिम्मत है तो वे अपने दम पर चुनाव लड़ कर दिखाएं.
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