चंडीगढ़: राजधानी में आज बिजली कर्मचारी ने तीन दिवसीय हड़ताल पर चले गए हैं. हड़ताल 22-23-24 फरवरी को जारी रहेगी. यह हड़ताल विभाग के निजीकरण करने के विरोध में की जा रही (Power Department Employee Strike in Chandigarh) है. इस दौरान विभाग के कर्मचारियों द्वारा कामकाज पूरी तरह से ठप किया गया है. हालांकि शहर में बिजली जारी रहेगी लेकिन कोई समस्या आने पर फिर कर्मचारियों द्वारा उसे ठीक नहीं किया जाएगा.
चंडीगढ़ में बिजली कर्मियों के हड़ताल पर जाते ही इसका असर भी दिखने लगा है. दरअसल खबर आ रही है कि चंडीगढ़ के ज्यादातर हिस्सों में बिजली गुल है. हालांकि प्रशासन ने शहर में बिजली ना रहने पर शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है लेकिन इन हेल्पलाइन नंबरों से भी लोगों को कोई खास मदद नहीं मिल रही है. इस वजह से लोग पूरी तरह परेशान हो गए हैं. वहीं कर्मचारियों के हड़ताल पर प्रशासन ने कहा है कि बिजली कर्मचारी जो हड़ताल कर रहे हैं वह सही नहीं है.
चंडीगढ़ प्रशासन हमेशा से ही कर्मचारियों की जायज मांगों को मानता आया है. चंडीगढ़ प्रशासन ने बिजली कर्मियों को हड़ताल न करने और अपने काम पर लौटने की अपील की है. इसके अलावा चंडीगढ़ प्रशासन ने बिजली संबंधी समस्याओं को लेकर कंट्रोल रूम भी बनाया है. इस पर लोग अपनी शिकायत दर्ज करा सकें. इसके अलावा चंडीगढ़ प्रशासन ने लोगों से कहा है कि उनके इलाके में अगर कोई व्यक्ति बिजली सप्लाई को बाधित करने की कोशिश करता दिखाई दे तो इसकी जानकारी तुरंत पुलिस को दे.
बता दें कि इससे पहले बीते एक फरवरी को बिजली कर्मचारियों ने विभाग के निजीकरण का विरोध करते हुए एक दिन की हड़ताल की थी. उस दौरान चंडीगढ़ के कई इलाको में 20-22 घंटे तक बत्ती गुल हो गई थी जिससे लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. नाराज लोग कही भड़क ना जाए इससे पहले प्रशासन ने अहतियातन 13 केंद्रों पर पुलिस भी तैनात कर दी गई थी.
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क्या है बिजली कर्मचारियों की मांग- दरअसल बिजली कर्मचारी अपनी चार सूत्रीय मांगो को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. बिजली कर्मचारियों की मांग है कि बिजली विभाग का निजीकरण रोका जाए, मशीनरी, बिल्डिंग और जमीन की कीमत तय कर ऑडिट कराया जाए, जिस निजी कंपनी को बिजली विभाग सौंपा जा रहा है, उसके पांच सालों के प्रदर्शन की जांच की जाए, बिजली कर्मचारियों का सरकारी दर्जा बहाल रखा जाए.
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