चंडीगढ़: किसानों के प्रदर्शन के बाद अब बिजली कर्मचारी भी केंद्र सरकार के खिलाफ मैदान में उतर आए हैं. चंडीगढ़ बिजली विभाग के कर्मचारियों को हरियाणा, पंजाब और हिमाचल की कर्मचारी यूनियनों का भी साथ मिला है. गुरुवार को सभी कर्मचारी यूनियनों ने मिलकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.
इस मौके पर ईटीवी भारत से बात करते हुए यूटी पावरमैन यूनियन के जनरल सेक्रेटरी गोपाल जोशी ने कहा कोरोना की आड़ में केंद्र सरकार ने चुपचाप यूनियन टेरिटरी के बिजली विभागों को प्राइवेट करने का फैसला कर लिया है. जिसमें चंडीगढ़ का नाम भी शामिल है. इस वजह से चंडीगढ़ समेत अन्य राज्यों के कर्मचारी भी केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने पहुंचे हैं.
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गोपाल जोशी ने कहा कि सरकार ने कहा था कि जो विभाग घाटे में चल रहा है उसका निरीक्षण किया जाएगा, जबकि चंडीगढ़ बिजली विभाग सरकार को 250 करोड़ रुपये का मुनाफा कमा कर दे रहा है. इसके बावजूद केंद्र सरकार चंडीगढ़ बिजली विभाग को निजी हाथों में सौंपना चाहती है. इसका सीधा-सीधा मतलब ये है ये फायदा देने वाला विभाग पूजीपतियों को सौंप दिया जाए, ताकि सारा फायदा उन्हें मिले.
गोपाल जोशी ने कहा कि सरकार ने उत्तर प्रदेश बिजली विभाग को भी निजी हाथों में सौंपने का फैसला किया था, लेकिन विरोध के चलते सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ा. हम चंडीगढ़ बिजली विभाग को भी निजी हाथों में जाने नहीं देंगे. अगर सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेती है तो हम लोग अपना प्रदर्शन तेज कर देंगे और हड़ताल भी करेंगे.