चंडीगढ़: बहुचर्चित आकांक्ष सेन मर्डर मामले में चंडीगढ़ की जिला अदालत ने बुधवार को अपना फैसला सुना दिया. कोर्ट ने हत्या के दोषी हरमेहताब को मरते दम तक कैद की सजा सुनाई है. साथ ही 3 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
पीड़ित पक्ष के वकील तरमिंदर सिंह ने कहा कि हमने कोर्ट से दोषी को सख्त से सख्त सजा देने का आग्रह किया था. कोर्ट ने आज जो फैसला सुनाया है. हम उसका स्वागत करते हैं. वहीं मृतक आकांक्ष के दोस्त गुरप्रीत सिंह ने कहा कि हम सबके लिए एक बड़ी त्रासदी थी. उस समय हमें कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करना चाहिए, लेकिन धीरे-धीरे हम सब ने एक-दूसरे को संभाला और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की. आज कोर्ट में दोषी हरमेहताब को जो सजा सुनाई है, उससे हम सब संतुष्ट हैं.
आपको बता दें कि 9 फरवरी 2017 की देर रात एक पार्टी में दोस्त शेरा की हरमेहताब और उसके दोस्त बलराज सिंह रंधावा से हाथापाई हो गई थी. जब अकांक्ष ने शेरा का बचाव किया तो जवाब में आरोपियों ने अपनी बीएमडब्ल्यू कार आकांक्ष पर चढ़ा दी. जिससे उसकी मौत हो गई.
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जानें क्या है मामला
सेक्टर-9 में नौ फरवरी 2017 की रात को आंकाक्ष के दोस्त दी सिद्धू ने पार्टी थी. इस पार्टी में आकांक्ष का दोस्त शेरा भी आया हुआ है. दूसरी ओर इस पार्टी के लिए दीप ने बलराज और हरमेहताब को बुलाया था. शेरा का बलराज और हरमेहताब के साथ पुराना झगड़े को लेकर पुराना मामला चल रहा था.
पार्टी के दौरान बलराज और शेरा में किसी बात को लेकर मारपीट हो गई. झगड़े के दौरान आकांक्ष इन्हें छुड़ाकर चला गया था. बाद में शेरा को लेने आया तो बलराज ने उस पर गाड़ी चढ़ा दी थी. पुलिस का आरोप है कि हरमेहताब ने ही बलराज को आकांक्ष पर गाड़ी चढाने के लिए उकसाया था. बलराज ने पहले आकांक्ष को गाड़ी से टक्कर मारी.
इस घटना में आकांक्ष की मौत हो गई थी. पुलिस ने इस मामले में हरमेहताब को 16 फरवरी, 2017 को गिरफ्तार किया था. मामले का दूसरा आरोपित बलराज फरार चल रहा है. बलराज को अदालत ने 5 अप्रैल, 2017 को भगोड़ा घोषित कर दिया था.