चंडीगढ़: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में जस्टिस रितु बाहरी और जस्टिस अर्चना पुरी की खंडपीठ ने फतेहाबाद के एडिशनल सेशन जज द्वारा 3 साल की बच्ची से दुष्कर्म मामले में सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को सही ठहराया. खंडपीठ ने कहा कि दोषी द्वारा सजा के खिलाफ की गई अपील को मंजूर नहीं किया जा सकता है.
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बता दें कि फतेहाबाद के एडिशनल सेशन जज ने 4 फरवरी 2012 को अभियुक्त को 3 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई थी. सजा के खिलाफ अभियुक्त ने हाई कोर्ट में अपील दायर कर कहा कि उस पर झूठा आरोप लगाया गया है.
दोषी पक्ष का कहना है कि पीड़ित बच्ची की मां के पति का निधन हो चुका है और वह अभियुक्त से शादी करना चाहती है. शादी से इनकार करने पर उसे झूठे मामले में फंसा दिया गया है. दोषी पक्ष का कहना है पीड़ित बच्ची दूसरे बच्चों के साथ खेल रही थी और उसे खेलते हुए चोट लगी थी. ऐसे में उम्र कैद की सजा को खारिज कर उसे दोष मुक्त किया जाए.
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हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि मेडिकल रिपोर्ट में बच्ची के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी. साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि अभियुक्त के खुद के बच्चे हैं और उसकी पत्नी जिंदा है. ऐसे में शिकायतकर्ता द्वारा उससे शादी की मांग करना अनुचित लग रहा है.