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चंडीगढ़ में भ्रष्टाचार के आरोप में कंपनी मालिक व सेना के 2 अधिकारी समेत 6 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानिए पूरा मामला - भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई की कार्रवाई

सीबीआई ने चंडीगढ़ में भ्रष्टाचार के आरोप में एक कंपनी मालिक, सेना के 2 अधिकारी, एक भारतीय रक्षा लेखा सेवा अधिकारी (आईडीएएस) समेत  6 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज किया है. क्या है पूरा मामला जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर... (CBI registered FIR against 6 person)

CBI registered FIR against 6 person
चंडीगढ़ में भ्रष्टाचार के आरोप में 6 लोगों के खिलाफ FIR
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Published : Jul 2, 2023, 1:42 PM IST

चंडीगढ़: सीबीआई ने चंडीगढ़ स्थित एक कंपनी के मालिक के साथ-साथ एक भारतीय रक्षा लेखा सेवा (आईडीएएस) अधिकारी, एक जूनियर ट्रांसलेटर, दो सेना अधिकारियों और एक निजी व्यक्ति पर सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) प्रक्रिया के अधीन अनदेखी करते हुए रिश्वत देने और प्राप्त करने का मामला दर्ज किया है. इस मामले में चंडीगढ़ सेक्टर-30 स्थित भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (Chandigarh Anti Corruption Branch, एसीबी) में एफआईआर दर्ज की गई थी.

ये भी पढ़ें: 31 जुलाई तक बकाया प्रॉपर्टी टैक्स जमा कराने पर ब्याज राशि में मिलेगी 30 प्रतिशत की छूट

भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई की कार्रवाई: जानकारी के मुताबिक, सीबीआई ने सेक्टर-17 के आनंद कॉम्प्लेक्स में चंडीगढ़ स्थित कंपनी मेसर्स एमके एजेंसी के मालिक जतिंदर सिंह बेदी के खिलाफ मामला दर्ज किया था. जतिंदर सिंह बेदी सीसीटीवी कैमरे, मेटल डिटेक्टर सहित सुरक्षा उपकरणों की आपूर्ति का काम करता है. वहीं, अन्य आरोपियों की पहचान आईडीएएस अधिकारी उमा शंकर प्रसाद कुशवाह, विजय नामा, दो सेना अधिकारी संदीप राजपूत और देव कुमार शर्मा और राजेंद्र सिंह के रूप में हुई है.

आईडीएएस अधिकारी उमा शंकर प्रसाद कुशवाह, जो एक इंटीग्रेटेड फाइनेंस कंसलटेंट (आईएफए) है. विजय नामा एक जूनियर ट्रांसलेटर है. संदीप राजपूत और देव कुमार शर्मा दोनों सेना अधिकारी हैं. राजेंद्र सिंह जो मेसर्स चलाता है. तनुश्री सर्विसेज, जयपुर, राजस्थान में के तौर पर हुई है. वहीं, दूसरी ओर एजेंसी ने दोनों सेना अधिकारियों के रैंक का खुलासा नहीं किया है.

2022 में सितंबर-अक्टूबर में एफआईआर दर्ज: इस मामले में एक सीबीआई अधिकारी ने कहा कि, बीकानेर कैंट की यूनिट-364 में सुरक्षा उपकरणों की आपूर्ति में कथित अनियमितताओं पर पिछले साल सितंबर-अक्टूबर में एफआईआर दर्ज की गई थी. जांच के दौरान रिश्वत के लेनदेन की पुष्टि हो गई है. इस मामले में आगामी जांच जारी है.

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जतिंदर सिंह बेदी के बिजनेस पार्टनर की दलील: हालांकि, मेसर्स एमके एजेंसी में जतिंदर सिंह बेदी के बिजनेस पार्टनर मंदीप सिंह ने कहा है कि, 'एफआईआर हमारी फर्म और विरोधी फर्मों के बीच गलतफहमी या पेशेवर विरोधी कंपनी का परिणाम हो सकती है. हम सभी गलतफहमियां दूर कर रहे हैं. हम लगभग तीन दशकों से सुरक्षा उपकरण, जल शोधन कार्य आदि प्रदान करने वाली अपनी एजेंसी चला रहे हैं. हम नियमित रूप से आयकर आदि का भुगतान करते हैं. हम किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं. चूंकि गर्मी की छुट्टियां चल रही हैं और बेदी अपने परिवार के साथ बाहर गए हुए हैं. वह अगले सप्ताह लौटेंगे.'

चंडीगढ़: सीबीआई ने चंडीगढ़ स्थित एक कंपनी के मालिक के साथ-साथ एक भारतीय रक्षा लेखा सेवा (आईडीएएस) अधिकारी, एक जूनियर ट्रांसलेटर, दो सेना अधिकारियों और एक निजी व्यक्ति पर सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) प्रक्रिया के अधीन अनदेखी करते हुए रिश्वत देने और प्राप्त करने का मामला दर्ज किया है. इस मामले में चंडीगढ़ सेक्टर-30 स्थित भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (Chandigarh Anti Corruption Branch, एसीबी) में एफआईआर दर्ज की गई थी.

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भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई की कार्रवाई: जानकारी के मुताबिक, सीबीआई ने सेक्टर-17 के आनंद कॉम्प्लेक्स में चंडीगढ़ स्थित कंपनी मेसर्स एमके एजेंसी के मालिक जतिंदर सिंह बेदी के खिलाफ मामला दर्ज किया था. जतिंदर सिंह बेदी सीसीटीवी कैमरे, मेटल डिटेक्टर सहित सुरक्षा उपकरणों की आपूर्ति का काम करता है. वहीं, अन्य आरोपियों की पहचान आईडीएएस अधिकारी उमा शंकर प्रसाद कुशवाह, विजय नामा, दो सेना अधिकारी संदीप राजपूत और देव कुमार शर्मा और राजेंद्र सिंह के रूप में हुई है.

आईडीएएस अधिकारी उमा शंकर प्रसाद कुशवाह, जो एक इंटीग्रेटेड फाइनेंस कंसलटेंट (आईएफए) है. विजय नामा एक जूनियर ट्रांसलेटर है. संदीप राजपूत और देव कुमार शर्मा दोनों सेना अधिकारी हैं. राजेंद्र सिंह जो मेसर्स चलाता है. तनुश्री सर्विसेज, जयपुर, राजस्थान में के तौर पर हुई है. वहीं, दूसरी ओर एजेंसी ने दोनों सेना अधिकारियों के रैंक का खुलासा नहीं किया है.

2022 में सितंबर-अक्टूबर में एफआईआर दर्ज: इस मामले में एक सीबीआई अधिकारी ने कहा कि, बीकानेर कैंट की यूनिट-364 में सुरक्षा उपकरणों की आपूर्ति में कथित अनियमितताओं पर पिछले साल सितंबर-अक्टूबर में एफआईआर दर्ज की गई थी. जांच के दौरान रिश्वत के लेनदेन की पुष्टि हो गई है. इस मामले में आगामी जांच जारी है.

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जतिंदर सिंह बेदी के बिजनेस पार्टनर की दलील: हालांकि, मेसर्स एमके एजेंसी में जतिंदर सिंह बेदी के बिजनेस पार्टनर मंदीप सिंह ने कहा है कि, 'एफआईआर हमारी फर्म और विरोधी फर्मों के बीच गलतफहमी या पेशेवर विरोधी कंपनी का परिणाम हो सकती है. हम सभी गलतफहमियां दूर कर रहे हैं. हम लगभग तीन दशकों से सुरक्षा उपकरण, जल शोधन कार्य आदि प्रदान करने वाली अपनी एजेंसी चला रहे हैं. हम नियमित रूप से आयकर आदि का भुगतान करते हैं. हम किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं. चूंकि गर्मी की छुट्टियां चल रही हैं और बेदी अपने परिवार के साथ बाहर गए हुए हैं. वह अगले सप्ताह लौटेंगे.'

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