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बुद्ध पूर्णिमा: जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि, सीएम दी शुभकामनाएं - राजधानी कपिलवस्तु के निकट लुंबिनी,

महात्मा बुद्ध का जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महारिनिर्वाण तीनों एक साथ ही वैशाख पूर्णिमा के दिन हुए थे. ऐसा अनोखा संयोग किसी अन्य महापुरुष के साथ नहीं है. 483 ईसा पूर्व में 80 साल की आयु में देवरिया जिले के कुशीनगर में भगवान बुद्ध ने निर्वाण प्राप्त किया था.

भगवान बुद्ध (फाइल फोटो)
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Published : May 18, 2019, 11:01 AM IST

चंडीगढ़: बुद्ध पूर्णिमा पूरे भारत में मनाया जाने वाला खास त्योहार है. ये सिर्फ बुद्ध धर्म ही नहीं बल्कि सभी धर्मों के लोग मनाते हैं. भारत में बुद्ध पुर्णिमा को भगवान गौतम बुद्ध की जयंती के रूप में मनाते हैं. भगवान बुद्ध बौद्ध धर्म के संस्थापक थे और उनका जन्म 563 ई. पूर्व के बीच शाक्य गणराज्य की तत्कालीन राजधानी कपिलवस्तु के निकट लुंबिनी, नेपाल में हुआ था.

भगवान बुद्ध को एशिया महाद्वीप का ज्योति पुंज कहा जाता है. ऐसा भी कहा जाता है कि इस दिन भगवान गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. बौद्ध धर्म के लोग इस दिन को बहुत धूम-धाम से मनाते हैं. इस धर्म को मानने वाले ज्यादातर चीन, जापान, कोरिया, थाईलैंड, कंबोडिया, श्रीलंका, नेपाल, भूटान और भारत जैसे कई देशों में रहते हैं.

क्यों मनाते हैं बुद्ध पूर्णिमा?

भगवान बुद्ध ने अपने जीवन में हिंसा, पाप और मृत्यु को जाना इन सब बातों से मुक्ति ले ली थी. बुद्ध ने मोह-माया त्याग कर अपने गृहस्थ जीवन से भी मुक्त हो गए थे. वे सांसारिक मोहमाया को त्याग कर जीवन के सत्य की खोज में निकल पड़े. कई सालों तक बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे तपस्या की. उनको यहां पर ज्ञान की प्राप्ति हुए उसी दिन से बुद्ध पुर्णिमा सृष्टि के लिए खास दिन बन गया. इस दिन को वैशाखी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है.

मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएं

सीएम मनोहर लाल ने ट्वीट कर बुद्ध पूर्णिमा पर प्रदेश वासियों को शुभकामनाएं दी हैं सीएम ने कहा है कि 'बुद्ध पूर्णिमा की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं. विश्व को अहिंसा, त्याग और मानवता का मार्ग दिखाने वाले भगवान बुद्ध के सिद्धांतों का पालन कर अपने जीवन को सुखी और समृद्ध बनाएं'.

  • बुद्ध पूर्णिमा की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। विश्व को अहिंसा, त्याग और मानवता का मार्ग दिखाने वाले भगवान बुद्ध के सिद्धांतों का पालन कर अपने जीवन को सुखी और समृद्ध बनाएं।#BuddhaPurnima pic.twitter.com/X6ir4Ec0jQ

    — Chowkidar Manohar Lal (@mlkhattar) May 18, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बुद्ध पूर्णिमा पर शुभ मुहूर्त

बुद्ध पूर्णिमा की तिथि और शुभ मुहूर्त की खास अहमियत होती है. इस बार पूर्णिमा 18 मई 2019 को सुबह 04 बजकर 10 मिनट से शुरू होकर 19 मई 2019 को सुबह 02 बजकर 41 मिनट तक रहेगी.

कैसे मनाएं बुद्ध पुर्णिमा

इस दिन बौद्ध धर्म के मानने वाले लोग मठों में इकट्ठे होकर प्रार्थना करते हैं. बुद्ध पूर्णिमा के दिन स्नान करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिल जाती है. लोग इस दिन बौद्ध विहारों और मठों को रंगीन झंडों से सजाते हैं. बौद्ध धर्म के लोग घर और मंदिरों में भगवान बुद्ध की मूर्ति के अगरबत्ति और मोमबत्तियां जलाकर भगवान बुद्ध से प्रार्थना करते हैं. लोग गरीबों को खाना और कपड़े भी बांटते हैं.

बुद्ध पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें. स्टील या चांदी के लोटे में जल भरें और उसमें कच्चा दूध मिश्री और गंगाजल मिलाएं तथा पीपल के पेड़ पर अर्पण करें. शाम के समय लक्ष्मी नारायण भगवान को खीर का भोग तुलसी के पत्ते डालकर लगाएं.

बुद्ध पुर्णिमा के लाभ

  • ऐसा करने से मन को शांति मिलती है.
  • पारिवारिक क्लेश हमेशा के लिए खत्म हो जाती हैं.
  • सही ढंग से बुद्ध पूर्णिमा का पूजन करने से सारी मनोकमानाएं पूरी होती हैं.
  • धन में वृद्धि होती है.

चंडीगढ़: बुद्ध पूर्णिमा पूरे भारत में मनाया जाने वाला खास त्योहार है. ये सिर्फ बुद्ध धर्म ही नहीं बल्कि सभी धर्मों के लोग मनाते हैं. भारत में बुद्ध पुर्णिमा को भगवान गौतम बुद्ध की जयंती के रूप में मनाते हैं. भगवान बुद्ध बौद्ध धर्म के संस्थापक थे और उनका जन्म 563 ई. पूर्व के बीच शाक्य गणराज्य की तत्कालीन राजधानी कपिलवस्तु के निकट लुंबिनी, नेपाल में हुआ था.

भगवान बुद्ध को एशिया महाद्वीप का ज्योति पुंज कहा जाता है. ऐसा भी कहा जाता है कि इस दिन भगवान गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. बौद्ध धर्म के लोग इस दिन को बहुत धूम-धाम से मनाते हैं. इस धर्म को मानने वाले ज्यादातर चीन, जापान, कोरिया, थाईलैंड, कंबोडिया, श्रीलंका, नेपाल, भूटान और भारत जैसे कई देशों में रहते हैं.

क्यों मनाते हैं बुद्ध पूर्णिमा?

भगवान बुद्ध ने अपने जीवन में हिंसा, पाप और मृत्यु को जाना इन सब बातों से मुक्ति ले ली थी. बुद्ध ने मोह-माया त्याग कर अपने गृहस्थ जीवन से भी मुक्त हो गए थे. वे सांसारिक मोहमाया को त्याग कर जीवन के सत्य की खोज में निकल पड़े. कई सालों तक बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे तपस्या की. उनको यहां पर ज्ञान की प्राप्ति हुए उसी दिन से बुद्ध पुर्णिमा सृष्टि के लिए खास दिन बन गया. इस दिन को वैशाखी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है.

मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएं

सीएम मनोहर लाल ने ट्वीट कर बुद्ध पूर्णिमा पर प्रदेश वासियों को शुभकामनाएं दी हैं सीएम ने कहा है कि 'बुद्ध पूर्णिमा की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं. विश्व को अहिंसा, त्याग और मानवता का मार्ग दिखाने वाले भगवान बुद्ध के सिद्धांतों का पालन कर अपने जीवन को सुखी और समृद्ध बनाएं'.

  • बुद्ध पूर्णिमा की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। विश्व को अहिंसा, त्याग और मानवता का मार्ग दिखाने वाले भगवान बुद्ध के सिद्धांतों का पालन कर अपने जीवन को सुखी और समृद्ध बनाएं।#BuddhaPurnima pic.twitter.com/X6ir4Ec0jQ

    — Chowkidar Manohar Lal (@mlkhattar) May 18, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बुद्ध पूर्णिमा पर शुभ मुहूर्त

बुद्ध पूर्णिमा की तिथि और शुभ मुहूर्त की खास अहमियत होती है. इस बार पूर्णिमा 18 मई 2019 को सुबह 04 बजकर 10 मिनट से शुरू होकर 19 मई 2019 को सुबह 02 बजकर 41 मिनट तक रहेगी.

कैसे मनाएं बुद्ध पुर्णिमा

इस दिन बौद्ध धर्म के मानने वाले लोग मठों में इकट्ठे होकर प्रार्थना करते हैं. बुद्ध पूर्णिमा के दिन स्नान करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिल जाती है. लोग इस दिन बौद्ध विहारों और मठों को रंगीन झंडों से सजाते हैं. बौद्ध धर्म के लोग घर और मंदिरों में भगवान बुद्ध की मूर्ति के अगरबत्ति और मोमबत्तियां जलाकर भगवान बुद्ध से प्रार्थना करते हैं. लोग गरीबों को खाना और कपड़े भी बांटते हैं.

बुद्ध पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें. स्टील या चांदी के लोटे में जल भरें और उसमें कच्चा दूध मिश्री और गंगाजल मिलाएं तथा पीपल के पेड़ पर अर्पण करें. शाम के समय लक्ष्मी नारायण भगवान को खीर का भोग तुलसी के पत्ते डालकर लगाएं.

बुद्ध पुर्णिमा के लाभ

  • ऐसा करने से मन को शांति मिलती है.
  • पारिवारिक क्लेश हमेशा के लिए खत्म हो जाती हैं.
  • सही ढंग से बुद्ध पूर्णिमा का पूजन करने से सारी मनोकमानाएं पूरी होती हैं.
  • धन में वृद्धि होती है.


---------- Forwarded message ---------
From: Pardeep Sahu <sahupardeep@gmail.com>
Date: Fri 17 May, 2019, 14:30
Subject: पत्नी ने पति का गला घोंटकर की हत्या : बीती रात पति-पत्नी के बीच हुआ था झगड़ा
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पत्नी ने पति का गला घोंटकर की हत्या
: बीती रात पति-पत्नी के बीच हुआ था झगड़ा, सुबह मृत मिला
चरखी दादरी। जिले के गांव बडराई पति-पत्नी के बीच हुए झगड़े के दौरान पत्नी ने अपने अधेड़ पति का गला घोंटकर हत्या कर दी। परिजनों को सुबह शव घर में पड़ा देखा तो पुलिस को सूचित किया। मृतक के कपड़े फटे हुए थे और नाक से खून निकल रहा था। मृतक के भाईयों ने मृतक की पत्नी और नाबालिग बेटे पर हत्या करने के आरोप लगाए हैं। वहीं, हत्या में अन्य के शामिल होने का परिजनों ने शक जाहिर किया है। सूचना मिलने पर बाढड़़़ा पुलिस और एफएसएल की टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। पुलिस ने मृतक के छोटे भाई की पत्नी की शिकायत पर शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने शव का दादरी के सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम की प्रकिया करवाई जा रही है। 
यहां बता दें कि शुक्रवार सुबह पुलिस कंट्रोल रूम में सूचना आई कि गांव बडराई में निवासी 55 वर्षीय जवाहर का शव उसके घर में चारपाई पर पड़ा हुआ है। सूचना मिलने पर बाढड़़ा थाना प्रभारी हुक्मचंद टीम के साथ मौके पर पहुंचा और जांच शुरू की। मृतक 55 वर्षीय जवाहर  के छोटे भाई की पत्नी संतरो ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह रात को करीब 12 बजे शौच करने के लिए घर से बाहर आई थी। उसके जेठ जवाहर का घर कुछ दूरी है। रात को जवाहर के घर से लड़ाई-झगड़े की आवाजें आ रही थी। जवाहर कह रहा था कि मुझे मार डाला। कुछ देर बात आवाज आनी बंद हो गई। जिसके बाद वह अपने घर के अदंर जाकर सो गई। सुबह जब वह उठी तो देखा कि उसकी पत्नी सुमन और उसका बेटा जवाहर को घसीटकर घर के अंदर लेकर जा रहे हैं। वह उसी समय अपने जेठ के साथ मौके पर पहुंची तो जवाहर मृत अवस्था में मिला। रात को उसकी पत्नी और बेटे ने उसकी हत्या की है।
मृतक के भाई रत्नी सिंह ने बताया कि रात को खेत में पानी देने आया तो जवाहर को उसकी पत्नी और बेटा पीट रहे थे। उसने रोकना चाहा तो वे नहीं माने। वह बुजुर्ग था तो वहां से चला गया। जब सुबह आकर देखा तो जवाहर की मौत हो चुकी थी। उसकी पत्नी और बेटे ने उसकी हत्या की है। वहीं मृतक के भतीजे भवानी ने बताया कि कुछ दिन पहले मेरे चाचा की पत्नी अपनी दो बेटियों के साथ गांव के एक व्यक्ति के साथ भाग गई थी। रात को पता चला कि मेरा चाचा जवाहर की हत्या कर दी। सुबह आकर देखा तो वह चारपाई पर मृत पड़ा मिला। मेरी चाची ने पैसे ले रखे थे तो उसने अन्य के साथ मिलकर हत्या की है। उसने मोबाइल फोन की डिटेल खांगलने की भी मांग की है। 
मौके पर पहुंचे थाना प्रभारी हुक्मचंद ने बताया कि कंट्रोल रूम से सूचना मिली थी कि बडराई में एक व्यक्ति की हत्या की गई है। सूचना मिलने पर वह टीम के साथ मौके पर पहुंचा। जहां मृतक जवाहर के छोटे भाई की पत्नी संतरो ने लिखित में शिकायत देते हुए जवाहर की पत्नी और बेटे पर हत्या का आरोप लगाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। 
विजअल-1
मौके पर जांच करते पुलिस टीम, चारपाई पर पड़ा जवाहर का शव, मौके पर मौजूद ग्रामीण, परिजनों से पूछताछ करते हुए थाना प्रभारी, मौके पर खड़ी पुलिस गाड़ी, मौके से सबूत इक्कठा करते हुए एफएसएल टीम के कट-शॉट। 
बाइट-2
रत्न सिंह भाई व भवानी, मृतक का भतीजा
बाइट-3
इंस्पेक्टर हुक्मचंद, थाना प्रभारी बाढड़़ा। 

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Pardeep    9802562000
Charkhi Dadri 






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