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आंख और दिमाग पर होता है ब्लैक फंगस का असर, नेत्र चिकित्सक से जानें किन लोगों पर करता है ज्यादा अटैक - लॉकडाउन in hindi

कोरोना महामारी के बीच ब्लैक फंगस बीमारी भी तेजी से फैल रही है. ये फंगस इंसान की आंख और दिमाग पर असर डालता है. अगर वक्त रहते इलाज नहीं किया गया तो मरीज की जान जा सकती है.

black fungus cases haryana
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Published : May 19, 2021, 8:08 AM IST

Updated : May 21, 2021, 7:34 PM IST

चंडीगढ़: कोरोना वायरस के बाद स्वास्थ्य विभाग के सामने ब्लैक फंगस नाम की बीमारी ने नई चुनौती पैदा कर दी है. खबरों के मुताबिक 70 से ज्यादा मामले हरियाणा में ब्लैक फंगस के सामने आ चुके हैं. ब्लैक फंगस यानी म्युकर माइकोसिस से एक मरीज की मौत भी हई है. क्या होते हैं ब्लैक फंगस के लक्षण?किस वजह से होता है ये रोग और क्या है बचाव के उपाय, इन सब सवालों को लेकर ईटीवी भारत हरियाणा ने नेत्र चिकित्सा विशेषज्ञ अशोक शर्मा से बातचीत की.

ये भी पढ़ें- हरियाणा सरकार ने ब्लैक फंगस को घोषित किया अधिसूचित रोग, जानें क्या हैं लक्षण और बचाव के उपाय

नेत्र चिकित्सा विशेषज्ञ के अनुसार अकसर आपने देखा होगा कि फलों में कई बार फंगस लग जाता है. ठीक उसी तरीके की ये बीमारी है. अगर इस बीमारी का पता जल्दी चल जाए तो मरीज को बचाया जा सकता है.

क्या है ब्लैक फंगस?

नेत्र चिकित्सा विशेषज्ञ डॉक्टर अशोक शर्मा ने बताया कि कोरोना मरीजों में ठीक होने के बाद एक नई कॉम्प्लिकेशन सामने आ रही है. जिसे ब्लैक फंगस कहा जा रहा है. टेक्नीकली इसे म्यूकर माइकोसिस कहा जाता है. डॉक्टर अशोक शर्मा ने कहा कि जिस तरीके से पुराने बड़े फलों में ब्लैक काले रंग की फंगस जम जाती है. उसी तरीके की ये ब्लैक फंगस है.

नेत्र चिकित्सक से जानें किन लोगों पर अटैक करता है ब्लैक फंगस

ब्लैक फंगस शरीर में कैसे पहुंचता है?

डॉक्टर अशोक शर्मा ने बताया कि वातावरण में इसकी डेंसिटी अधिक होती है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में ऐसे अवसरवादी फंगस भी मौजूद होते हैं. नाक के माध्यम से फंगस साइनस में प्रवेश करते हैं. जिसके बाद बीमारी शुरू हो जाती है. ये बीमारी ऐसे मरीजों को अधिक होती है. जिनकी इम्युनिटी कमजोर है या हाई लेवल का शुगर हो.

black fungus cases haryana
ब्लैक फंगस के लक्षण

क्यों होता है ब्लैक फंसग?

उन्होंने बताया कि कोरोना के मरीजों जिनके फेफड़ों में इन्फेक्शन हो जाता है. उनको स्टेरॉयड दिया जाता है, बाकी दवाइयों के साथ स्टेरॉयड देने के चलते इम्यूनिटी कमजोर होती है और ऐसे मरीजों जिनकी शुगर बॉर्डर लाइन पर है वो उच्च स्तर पर चला जाता है. ऐसे में ये मरीज इस बीमारी के लिए हाई रिस्क हो जाते हैं.

black fungus cases haryana
ब्लैक फंगस से बचने के उपाय

ब्लैग फंगस से कैसे बचें?

डॉक्टर ने कहा कि अगर लक्षणों का पहले पता लगने पर मरीज उपचार करवाएं तो काफी हद तक नुकसान से बचा जा सकता है और इसमें होने वाली मौतों को भी रोका जा सकता है. उन्होंने बताया कि साइनसीस, ऑर्बिट और ब्रेन में इसकी इन्वॉल्वमेंट रहती है. जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है इसकी इन्वॉल्वमेंट भी बढ़ता है. जिसको नियंत्रित करने के लिए एंटी फंगल दवाइयां देनी पड़ती है. जरूरत पड़ने पर सर्जरी कर इसको निकाला भी जाता है. उन्होंने बताया कि ऑर्बिट के आसपास इसके बढ़ने से कई बार आंख को निकालना भी पड़ सकता है.

ये भी पढ़ें- क्या दिल की बीमारी से पीड़ित मरीज लगवा सकते हैं कोरोना वैक्सीन? मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट से जानें हर सवाल का जवाब

अगर आपको सिर दर्द, बुखार, खांसी रहती है और खांसी के साथ बलगम में काला सपूडम निकलता है, आंखों के आसपास सूजन है, आंखों की रोशनी कम हो रही है. तो ऐसे में बिना देरी के तुरंत डॉक्टरी जांच करवाएं. क्योंकि पहले चरण में बीमारी सामने आने पर तुरंत उपचार किया जा सकता है. अगर इसमें इन्फेक्शन फैलता है तो नुकसानदायक साबित हो सकता है. जिसमें आंख निकालने की नौबत आ सकती है. इसके इलावा ब्लैक फंगस ज्यादा फैलने पर जानलेवा भी साबित हो सकता है.

चंडीगढ़: कोरोना वायरस के बाद स्वास्थ्य विभाग के सामने ब्लैक फंगस नाम की बीमारी ने नई चुनौती पैदा कर दी है. खबरों के मुताबिक 70 से ज्यादा मामले हरियाणा में ब्लैक फंगस के सामने आ चुके हैं. ब्लैक फंगस यानी म्युकर माइकोसिस से एक मरीज की मौत भी हई है. क्या होते हैं ब्लैक फंगस के लक्षण?किस वजह से होता है ये रोग और क्या है बचाव के उपाय, इन सब सवालों को लेकर ईटीवी भारत हरियाणा ने नेत्र चिकित्सा विशेषज्ञ अशोक शर्मा से बातचीत की.

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नेत्र चिकित्सा विशेषज्ञ के अनुसार अकसर आपने देखा होगा कि फलों में कई बार फंगस लग जाता है. ठीक उसी तरीके की ये बीमारी है. अगर इस बीमारी का पता जल्दी चल जाए तो मरीज को बचाया जा सकता है.

क्या है ब्लैक फंगस?

नेत्र चिकित्सा विशेषज्ञ डॉक्टर अशोक शर्मा ने बताया कि कोरोना मरीजों में ठीक होने के बाद एक नई कॉम्प्लिकेशन सामने आ रही है. जिसे ब्लैक फंगस कहा जा रहा है. टेक्नीकली इसे म्यूकर माइकोसिस कहा जाता है. डॉक्टर अशोक शर्मा ने कहा कि जिस तरीके से पुराने बड़े फलों में ब्लैक काले रंग की फंगस जम जाती है. उसी तरीके की ये ब्लैक फंगस है.

नेत्र चिकित्सक से जानें किन लोगों पर अटैक करता है ब्लैक फंगस

ब्लैक फंगस शरीर में कैसे पहुंचता है?

डॉक्टर अशोक शर्मा ने बताया कि वातावरण में इसकी डेंसिटी अधिक होती है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में ऐसे अवसरवादी फंगस भी मौजूद होते हैं. नाक के माध्यम से फंगस साइनस में प्रवेश करते हैं. जिसके बाद बीमारी शुरू हो जाती है. ये बीमारी ऐसे मरीजों को अधिक होती है. जिनकी इम्युनिटी कमजोर है या हाई लेवल का शुगर हो.

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ब्लैक फंगस के लक्षण

क्यों होता है ब्लैक फंसग?

उन्होंने बताया कि कोरोना के मरीजों जिनके फेफड़ों में इन्फेक्शन हो जाता है. उनको स्टेरॉयड दिया जाता है, बाकी दवाइयों के साथ स्टेरॉयड देने के चलते इम्यूनिटी कमजोर होती है और ऐसे मरीजों जिनकी शुगर बॉर्डर लाइन पर है वो उच्च स्तर पर चला जाता है. ऐसे में ये मरीज इस बीमारी के लिए हाई रिस्क हो जाते हैं.

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ब्लैक फंगस से बचने के उपाय

ब्लैग फंगस से कैसे बचें?

डॉक्टर ने कहा कि अगर लक्षणों का पहले पता लगने पर मरीज उपचार करवाएं तो काफी हद तक नुकसान से बचा जा सकता है और इसमें होने वाली मौतों को भी रोका जा सकता है. उन्होंने बताया कि साइनसीस, ऑर्बिट और ब्रेन में इसकी इन्वॉल्वमेंट रहती है. जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है इसकी इन्वॉल्वमेंट भी बढ़ता है. जिसको नियंत्रित करने के लिए एंटी फंगल दवाइयां देनी पड़ती है. जरूरत पड़ने पर सर्जरी कर इसको निकाला भी जाता है. उन्होंने बताया कि ऑर्बिट के आसपास इसके बढ़ने से कई बार आंख को निकालना भी पड़ सकता है.

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अगर आपको सिर दर्द, बुखार, खांसी रहती है और खांसी के साथ बलगम में काला सपूडम निकलता है, आंखों के आसपास सूजन है, आंखों की रोशनी कम हो रही है. तो ऐसे में बिना देरी के तुरंत डॉक्टरी जांच करवाएं. क्योंकि पहले चरण में बीमारी सामने आने पर तुरंत उपचार किया जा सकता है. अगर इसमें इन्फेक्शन फैलता है तो नुकसानदायक साबित हो सकता है. जिसमें आंख निकालने की नौबत आ सकती है. इसके इलावा ब्लैक फंगस ज्यादा फैलने पर जानलेवा भी साबित हो सकता है.

Last Updated : May 21, 2021, 7:34 PM IST
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