चंडीगढ़: हरियाणा में निकाय चुनाव (civic elections in Haryana) की तैयारियों को लेकर बीजेपी ने कमर कस ली है. वीरवार को हरियाणा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ ने कहा कि दो अप्रैल की सुबह से शाम तक लगातार 5 बैठकें की जाएंगी. इन बैठकों में जिला प्रभारी, प्रदेश महामंत्री और राष्ट्रीय स्तर के नेता शामिल होंगे. इन बैठकों में पदाधिकारियों के काम की समीक्षा की जाएगी और आगे की रणनीति भी तैयार की जाएगी.
उन्होंने बताया कि इसमें पहली बैठक मंत्रिमंडल, दूसरी विधायक दल, फिर जिलों की छोटी टोली और फिर संसदीय दल और फिर पदाधिकारी, जिला प्रभारी और मोर्चा अध्यक्ष की बैठकें हैं. इन बैठकों में संगठन मंत्री बीएल संतोष, प्रभारी विनोद तावड़े, मुख्यमंत्री और में मौजूद रहेंगे. इसमें 5 राज्यों में चुनाव के बाद राजनीतिक स्थिति, आगामी नगर निकाय और पंचायत चुनाव, पार्टी का संगठनात्मक सुदृढ़ीकरण, पार्टी की कार्य पद्धति जैसे फ्लैगशिप योजना और तालमेल जैसे मुद्दे होंगे.
इसके साथ पदाधिकारियों के टूर जैसे पक्षों पर भी बातचीत होगी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि 3 अप्रैल को कुछ नए साथी पार्टी को ज्वाइन करेंगे. ओपी धनखड़ ने कहा कि 6 अप्रैल को पार्टी का स्थापना दिवस भी आ रहा है. स्थापना दिवस को तीन स्तर पर आयोजित किया जाएगा. पहले बूथ स्तर पर और फिर जिला और प्रदेश स्तर पर भी कार्यक्रम होगा पीएम का उद्बोधन 6 अप्रैल को देशभर के कार्यकर्ताओं के लिए होगा. इसे बूथ स्तर पर सुनाया जाएगा. पेहवा में स्थापना दिवस की रैली होगी.
उसी दिन शाम को विधानसभा का कार्यक्रम अंबाला शहरी का होगा. उन्होंने कहा कि इस मौके पर प्रदेश भर में हम एक लाख में सदस्यों को जोड़ेंगे. जिसमें पार्टी का महिला मोर्चा भी योगदान देगा. 14 अप्रैल को अनुसूचित जाति मोर्चा बाबा साहब की जयंती को समान नागरिक संहिता दिवस के रूप में मनाएगा. पार्टी के स्थापना दिवस पर पार्टी का ध्वज सभी कार्यकर्ता अपने घर पर लगाएंगे.
संगठन मंत्री की बैठक में लाभार्थियों तक चीज़ें पहुंचनी हैं, अंत्योदय परिवारों की कैपेसिटी बिल्डिंग और उन्हें योजनाओं का लाभ मिले इन विषयों पर भीं बात होगी सांसदों, विधायकों, मंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों के काम की समीक्षा भी होगी और सुझाव भी दिए जायेंगे. जेजेपी बीजेपी गठबंधन को लेकर उन्होंने कहा कि गठबंधन अच्छा चल रहा है और हम मिलकर अच्छा काम कर रहे हैं. जहां तक नगर निकाय चुनाव पार्टी निशान पर लड़ने की बात है तो ये फैसला हम जिला इकाई पर छोड़ देते हैं. वे खुद ही इसका फैसला करते हैं.