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BJP Mission 2024: क्या चुनाव 2024 के आगाज के साथ ही नया संकेत दे गए अमित शाह ?

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने देश भर में गतिविधियां तेज कर दी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ, केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता आए दिन अलग-अलग राज्यों में चुनावी शंखनाद कर रहे हैं. इसी कड़ी में पिछले दिनों हरियाणा और पंजाब के दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पर हमला बोलते हुए कई नया संकेत भी दे गए. आखिर ये नया संकेत क्या है जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर... (BJP preparation for Lok Sabha elections)

BJP preparation for Lok Sabha elections
हरियाणा में अमित शाह की रैली के मायने
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Published : Jun 20, 2023, 7:57 AM IST

चंडीगढ़: भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर हरियाणा में अभियान की शुरुआत कर दी है. इसका आगाज़ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सिरसा से किया. सिरसा में हुई रैली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का संबोधन आने वाले दिनों में प्रदेश की राजनीति के लिए भी कई सियासी संकेत दे गया. इस रैली में जहां हमेशा में कांग्रेस पार्टी खासतौर पर नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर निशाना साधा. वहीं, चौटाला परिवार को लेकर कोई भी ध्यान नहीं दिया.

ये भी पढ़ें: Amit Shah Rally In Haryana: अमित शाह का भूपेंद्र हुड्डा को चैलेंज, बोले- हरियाणा में चलाई 3D सरकार, खिलाड़ियों की तारीफ की

अमित शाह के निशाने पर रही कांग्रेस: अमित शाह ने इस रैली में कांग्रेस पर जमकर वार किए. अमित शाह ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि हुड्डा की 3D सरकार थी, पहला D दरबारी, दूसरा दामाद, तीसरा डीलर. लेकिन, हरियाणा की सियासत के बड़े परिवार और जिनका घर सिरसा माना जाता है उनको लेकर हमेशा ने मंच से कुछ नहीं कहा, हम बात कर रहे हैं चौटाला परिवार की अमित शाह ने रैली में उनको लेकर कोई बयान नहीं दिया. अमित शाह ने इंडियन नेशनल लोकदल और सरकार में सहयोगी जननायक जनता पार्टी को लेकर के कोई बात नहीं कही.

  • सिरसा (हरियाणा) की जनता से मोदी सरकार के 9 वर्ष पूरे होने पर संवाद किया।

    मोदी जी ने इंफ्रास्ट्रक्चर, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य हर क्षेत्र में जनकल्याणकारी नीतियों से चौतरफा विकास किया। आज देश आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है और विश्व में स्टार्टअप व इनोवेशन हब के रूप में उभर रहा है। pic.twitter.com/pm6NDgcMTL

    — Amit Shah (@AmitShah) June 18, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

क्या कांग्रेस को चुनौती मान रही है बीजेपी?: जिस तरह से अमित शाह ने कांग्रेस पार्टी पर सिरसा की रैली में हमला किया, उससे एक बात तो साफ हो गई है कि भारतीय जनता पार्टी हरियाणा में मौजूदा दौर में कांग्रेस को ही आने वाले चुनाव में सबसे बड़ी चुनौती मान रही है. राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि कांग्रेस हरियाणा की प्रमुख विपक्षी पार्टी है और मौजूदा दौर में जिस तरह से प्रदेश में सियासी माहौल है उसमें कांग्रेसी बीजेपी को टक्कर देती दिखाई देती है. वे कहते हैं कि बीजेपी के नेता भी इसको जानते हैं और इसलिए कांग्रेस को वे निशाना बनाने से नहीं चूक रहे हैं. वे कहते हैं कि हिमाचल और कर्नाटक के नतीजों के बाद कांग्रेस का मनोबल बढ़ा है, और कांग्रेस हरियाणा में अपनी जीत को पक्का करने के लिए पूरी ताकत लगा रही है. ऐसे में बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती कांग्रेस की रहेगी.

ये भी पढ़ें: 'बदतर हुई पंजाब की कानून-व्यवस्था, क्या केजरीवाल के पायलट हैं सीएम मान जो सब जगह साथ जा रहे'

चौटाला परिवार पर निशाना न साधने के क्या है राजनीतिक मायने?: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सिरसा रैली में ना तो इंडियन नेशनल लोकदल के प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला पर कुछ कहा और ना ही सत्ता में सहयोगी जेजेपी की कोई बात की. अमित शाह का चौटाला परिवार पर कुछ ना कहना भी कई सियासी संकेत दे गया है. क्या बीजेपी चौटाला परिवार से किसी भी तरह की राजनीतिक दूरी नहीं रखना चाहती है? क्या जननायक जनता पार्टी और इनेलो दोनों के लिए बीजेपी अपने दरवाजे खुले रखना चाहती है?

Amit Shah Rally In Haryana
18 जून को सिरसा पहुंचने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का स्वागत करते हुए हरियाणा के सीएम.

चौटाला परिवार के साथ पहले रहे हैं बीजेपी के राजनीतिक संबंध: इस पर राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि चौटाला परिवार के साथ पहले भी बीजेपी के राजनीतिक संबंध रहे हैं. इंडियन नेशनल लोकदल के साथ मिलकर बीजेपी ने प्रदेश में सरकार बनाई है. वर्तमान में जननायक जनता पार्टी के सहयोग से बीजेपी प्रदेश में अपनी सरकार चला रही है. वे कहते हैं कि हो सकता है बीजेपी अभी अपने राजनीतिक पत्ते खोलने से बचना चाह रही हो, और भविष्य में किसकी जरूरत पड़ जाए, उसके हिसाब से भी राजनीतिक बैलेंस बनाकर चलना चाह रही हो.

Amit Shah Rally In Haryana
मंच पर हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष ओपी धनखड़ के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह.

अमित शाह का चौटाला परिवार का नाम ना लेने के और भी हैं सियासी मायने?: हरियाणा में बेशक जननायक जनता पार्टी के साथ मिलकर बीजेपी सरकार चला रही है. बावजूद इसके अमित शाह ने अपने संबोधन में जननायक जनता पार्टी की किसी भी नेता का नाम नहीं लिया. राजनीतिक गलियारों में इस बात को जननायक जनता पार्टी के लिए एक संकेत के तौर पर भी देखा जा रहा है. संकेत यह कि बीजेपी आने वाले चुनाव में अकेले मैदान में उतर सकती है. बीते कुछ समय से बीजेपी के प्रदेश प्रभारी हो या फिर पार्टी के प्रदेश के अन्य नेता वे भी कुछ इसी तरह के संकेत दे चुके हैं, इस पर राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि बीजेपी का लक्ष्य लोकसभा चुनाव 2024 को हर हाल में जीतना है और पार्टी को फिर से बहुमत के साथ सत्ता में लाना है, वे कहते हैं कि पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने प्रदेश की सभी 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी और ऐसे में हो सकता है लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रदेश में किसी भी तरह के गठबंधन से बचना चाह रही हो.

Amit Shah Rally In Haryana
सिरसा में आयोजित रैली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह.

चौधरी देवीलाल को अमित शाह ने किया याद: हालांकि सिरसा में हुई रैली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चौधरी देवीलाल को याद किया, यह बात बताती है कि बीजेपी अपने पुराने सहयोगियों को भूली नहीं है. वैसे भी हरियाणा की सियासत में चौधरी देवी लाल के परिवार से भारतीय जनता पार्टी का पुराना रिश्ता रहा है, फिर चाहे बात 1987 में लोकदल के साथ बीजेपी के गठबंधन की हो या फिर 1999 में इनेलो के साथ गठबंधन की. वहीं, मौजूदा दौर में जननायक जनता पार्टी के साथ बीजेपी का गठबंधन है. यानी चौधरी देवी लाल के परिवार से बीजेपी का पुराना नाता रहा है.

चंडीगढ़: भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर हरियाणा में अभियान की शुरुआत कर दी है. इसका आगाज़ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सिरसा से किया. सिरसा में हुई रैली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का संबोधन आने वाले दिनों में प्रदेश की राजनीति के लिए भी कई सियासी संकेत दे गया. इस रैली में जहां हमेशा में कांग्रेस पार्टी खासतौर पर नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर निशाना साधा. वहीं, चौटाला परिवार को लेकर कोई भी ध्यान नहीं दिया.

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अमित शाह के निशाने पर रही कांग्रेस: अमित शाह ने इस रैली में कांग्रेस पर जमकर वार किए. अमित शाह ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि हुड्डा की 3D सरकार थी, पहला D दरबारी, दूसरा दामाद, तीसरा डीलर. लेकिन, हरियाणा की सियासत के बड़े परिवार और जिनका घर सिरसा माना जाता है उनको लेकर हमेशा ने मंच से कुछ नहीं कहा, हम बात कर रहे हैं चौटाला परिवार की अमित शाह ने रैली में उनको लेकर कोई बयान नहीं दिया. अमित शाह ने इंडियन नेशनल लोकदल और सरकार में सहयोगी जननायक जनता पार्टी को लेकर के कोई बात नहीं कही.

  • सिरसा (हरियाणा) की जनता से मोदी सरकार के 9 वर्ष पूरे होने पर संवाद किया।

    मोदी जी ने इंफ्रास्ट्रक्चर, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य हर क्षेत्र में जनकल्याणकारी नीतियों से चौतरफा विकास किया। आज देश आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है और विश्व में स्टार्टअप व इनोवेशन हब के रूप में उभर रहा है। pic.twitter.com/pm6NDgcMTL

    — Amit Shah (@AmitShah) June 18, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

क्या कांग्रेस को चुनौती मान रही है बीजेपी?: जिस तरह से अमित शाह ने कांग्रेस पार्टी पर सिरसा की रैली में हमला किया, उससे एक बात तो साफ हो गई है कि भारतीय जनता पार्टी हरियाणा में मौजूदा दौर में कांग्रेस को ही आने वाले चुनाव में सबसे बड़ी चुनौती मान रही है. राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि कांग्रेस हरियाणा की प्रमुख विपक्षी पार्टी है और मौजूदा दौर में जिस तरह से प्रदेश में सियासी माहौल है उसमें कांग्रेसी बीजेपी को टक्कर देती दिखाई देती है. वे कहते हैं कि बीजेपी के नेता भी इसको जानते हैं और इसलिए कांग्रेस को वे निशाना बनाने से नहीं चूक रहे हैं. वे कहते हैं कि हिमाचल और कर्नाटक के नतीजों के बाद कांग्रेस का मनोबल बढ़ा है, और कांग्रेस हरियाणा में अपनी जीत को पक्का करने के लिए पूरी ताकत लगा रही है. ऐसे में बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती कांग्रेस की रहेगी.

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चौटाला परिवार पर निशाना न साधने के क्या है राजनीतिक मायने?: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सिरसा रैली में ना तो इंडियन नेशनल लोकदल के प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला पर कुछ कहा और ना ही सत्ता में सहयोगी जेजेपी की कोई बात की. अमित शाह का चौटाला परिवार पर कुछ ना कहना भी कई सियासी संकेत दे गया है. क्या बीजेपी चौटाला परिवार से किसी भी तरह की राजनीतिक दूरी नहीं रखना चाहती है? क्या जननायक जनता पार्टी और इनेलो दोनों के लिए बीजेपी अपने दरवाजे खुले रखना चाहती है?

Amit Shah Rally In Haryana
18 जून को सिरसा पहुंचने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का स्वागत करते हुए हरियाणा के सीएम.

चौटाला परिवार के साथ पहले रहे हैं बीजेपी के राजनीतिक संबंध: इस पर राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि चौटाला परिवार के साथ पहले भी बीजेपी के राजनीतिक संबंध रहे हैं. इंडियन नेशनल लोकदल के साथ मिलकर बीजेपी ने प्रदेश में सरकार बनाई है. वर्तमान में जननायक जनता पार्टी के सहयोग से बीजेपी प्रदेश में अपनी सरकार चला रही है. वे कहते हैं कि हो सकता है बीजेपी अभी अपने राजनीतिक पत्ते खोलने से बचना चाह रही हो, और भविष्य में किसकी जरूरत पड़ जाए, उसके हिसाब से भी राजनीतिक बैलेंस बनाकर चलना चाह रही हो.

Amit Shah Rally In Haryana
मंच पर हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष ओपी धनखड़ के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह.

अमित शाह का चौटाला परिवार का नाम ना लेने के और भी हैं सियासी मायने?: हरियाणा में बेशक जननायक जनता पार्टी के साथ मिलकर बीजेपी सरकार चला रही है. बावजूद इसके अमित शाह ने अपने संबोधन में जननायक जनता पार्टी की किसी भी नेता का नाम नहीं लिया. राजनीतिक गलियारों में इस बात को जननायक जनता पार्टी के लिए एक संकेत के तौर पर भी देखा जा रहा है. संकेत यह कि बीजेपी आने वाले चुनाव में अकेले मैदान में उतर सकती है. बीते कुछ समय से बीजेपी के प्रदेश प्रभारी हो या फिर पार्टी के प्रदेश के अन्य नेता वे भी कुछ इसी तरह के संकेत दे चुके हैं, इस पर राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि बीजेपी का लक्ष्य लोकसभा चुनाव 2024 को हर हाल में जीतना है और पार्टी को फिर से बहुमत के साथ सत्ता में लाना है, वे कहते हैं कि पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने प्रदेश की सभी 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी और ऐसे में हो सकता है लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रदेश में किसी भी तरह के गठबंधन से बचना चाह रही हो.

Amit Shah Rally In Haryana
सिरसा में आयोजित रैली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह.

चौधरी देवीलाल को अमित शाह ने किया याद: हालांकि सिरसा में हुई रैली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चौधरी देवीलाल को याद किया, यह बात बताती है कि बीजेपी अपने पुराने सहयोगियों को भूली नहीं है. वैसे भी हरियाणा की सियासत में चौधरी देवी लाल के परिवार से भारतीय जनता पार्टी का पुराना रिश्ता रहा है, फिर चाहे बात 1987 में लोकदल के साथ बीजेपी के गठबंधन की हो या फिर 1999 में इनेलो के साथ गठबंधन की. वहीं, मौजूदा दौर में जननायक जनता पार्टी के साथ बीजेपी का गठबंधन है. यानी चौधरी देवी लाल के परिवार से बीजेपी का पुराना नाता रहा है.

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