चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 78 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है. वहीं बीजेपी ने 7 मौजूदा विधायकों का टिकट काट दिया है. अब बीजेपी ने अपने 78 प्रत्याशियों को तो मैदान में उतार दिया है, तो सबकी नजर अब बचे हुए 12 उम्मीदवारों पर टिक गई है जिनके नाम बीजेपी ने सीक्रेट रख लिए हैं.
पानीपत सिटी विधानसभा क्षेत्र
पानीपत सिटी विधानसभा क्षेत्र करनाल लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. 2009 के विधानसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस के बलबीर पाल सहाय ने भाजपा के संजय भाटिया को हराकर चुनाव जीत लिया था. वर्तमान में इस क्षेत्र से भाजपा की रोहिता रेवड़ी विधायक हैं. रोहिता रेवड़ी के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई आरोप हैं. हाल में उनका एक ऑडियो स्टिंग भी वायरल हुआ था. जानकारों की मानें तो इस वजह से पार्टी खुश नहीं है और उनका टिकट कट सकता है.
कोसली विधानसभा क्षेत्र
हरियाणा में जब तीसरी बार विधानसभा क्षेत्रों का विस्तार किया गया तो 2009 में कोसली विधानसभा सीट गठित हुई. तब हुए यहां के पहले चुनाव में कांग्रेस के यदुवेंदर सिंह ने जीत हासिल की थी. वर्तमान में यहां से भाजपा के बिक्रम सिंह ठेकेदार विधायक हैं. विक्रम ठेकेदार पर भी भ्रष्टाचार के कई आरोप हैं. इनकी एक सीडी भी लीक हुई थी. ये राव इंद्रजीत सिंह के करीबी माने जाते हैं. कई बार पार्टी विरोधी बयान भी दे चुके हैं. माना जा रहा है विक्रम ठेकेदार का टिकट भी कट सकता है.
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रेवाड़ी विधानसभा क्षेत्र
रेवाड़ी हरियाणा का महत्वपूर्ण जिला और यहां की 90 विधानसभा सीटों में से एक है. 1967 में ही इस विधानसभा सीट का गठन किया गया था, तब यहां से कांग्रेस की दिग्गज नेता सुमित्रा देवी ने जीत हासिल की थी.वर्तमान में यहां से भाजपा के रणधीर सिंह कापड़ीवास विधायक हैं. जाट आंदोलन के समय कापड़ीवास का एक बयान वायरल हुआ था. जिसमें वो अपने ही नेताओं को आंदोलन के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे थे. इस बयान के वायरल होने के बाद हरियाणा में हंगामा मच गया था. इसके चलते पार्टी इनसे काफी नाराज रही.
गुरुग्राम विधानसभा क्षेत्र
1967 के पहले विधानसभा चुनाव में यहां से भारतीय जनसंघ के पीएस थापरन ने जीत हासिल की थी. वर्तमान में यहां से भाजपा के उमेश अग्रवाल विधायक हैं. उमेश अग्रवाल पर भी कई भ्रष्टाचार के आरोप हैं. राव इंद्रजीत सिंह के समर्थन में ट्वीट भी कर चुके हैं.
नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र
नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से एक है. अंबाला जिले में आने वाला ये विधानसभा क्षेत्र राजनीतिक रूप से 2014 में चर्चित हुआ. 2014 में इस सीट पर नायब सिंह सैनी ने कब्जा किया था, फिलहाल उनके सांसद बन जाने के बाद ये सीट खाली है.
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फतेहाबाद विधानसभा क्षेत्र
फतेहाबाद विधानसभा सीट से 2014 में इनेलो की टिकट पर बलवान सिंह दौलतपुरिया ने जीत हासिल की थी. फिलहाल बलवान सिंह दौलतपुरिया ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. अभी बीजेपी ने इस सीट पर पत्ते नहीं खोले हैं.
खरखौदा विधानसभा क्षेत्र
हरियाणा के 90 विधानसभा क्षेत्रों में खरखौदा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र भी शामिल है. सोनीपत जिले का हिस्सा होने के साथ ही ये क्षेत्र सोनीपत लोकसभा का हिस्सा भी है. 2009 में यहां से कांग्रेस के जयवीर विधायक चुने गए. यहां की जनता ने उन्हें 2014 के चुनाव में भी विजेता बनाया.
गन्नौर विधानसभा क्षेत्र
सोनीपत लोकसभा क्षेत्र के हिस्से आने वाले इस क्षेत्र से 2009 के विधानसभा चुनाव में कुलदीप शर्मा ने जीत हासिल की थी. वर्तमान में भी कुलदीप शर्मा ही यहां के विधायक हैं. सोनीपत एकमात्र ऐसा जिला है जिसकी ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. साल 2014 के विधानसभा चुनाव में इस जिले की 6 में से पांच विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा रहा है. इसकलौती सोनीपत विधानसभा सीट से बीजेपी की कविता जैन विधायक बनीं थी. फिलहाल बीजेपी ने इस सीट को होल्ड किया है.
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आदमपुर विधानसभा क्षेत्र
यहां पर पहली बार विधानसभा चुनाव 1967 में हुए थे. तब यहां से कांग्रेस के एच सिंह ने चुनाव जीता था. शुरुआत से ही इस क्षेत्र पर कांग्रेस के नेताओं का दबदबा रहा है और वो ही विधायक चुने जाते रहे. वर्तमान में यहां से हरियाणा जनहित कांग्रेस बीएल के दिग्गज नेता कुलदीप बिश्नोई विधायक हैं. इस हाई प्रोफाइल सीट से पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल, चंद्र मोहन भी चुनाव लड़ते रहे हैं.
तोशाम विधानसभा क्षेत्र
1967 में यहां हुए पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बंसी लाल ने संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार को शिकस्त देकर विधायक बने. कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे बंसी लाल यहां से लगातार तीन सांसद चुने गए. वर्तमान में यहां से कांग्रेस की किरण चौधरी विधायक हैं.
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महम विधानसभा क्षेत्र
हरियाणा राज्य गठन के बाद 1967 में ये क्षेत्र विधानसभा सीट बनाया गया. तब यहां के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी ने धाकड़ कांग्रेस को हराकर पहला विधायक बनने का गौरव हासिल किया था. वर्तमान में यहां से कांग्रेस के आनंद सिंह दांगी विधायक हैं.
पलवल विधानसभा क्षेत्र
1967 में यहां पहली बार विधानसभा चुनाव कराए गए. तब यहां से निर्दलीय प्रत्याशी दान सिंह ने भारतीय जनसंघ के नेता को हराकर विधायक बने थे. वर्तमान में यहां से कांग्रेस के करण सिंह दलाल विधायक हैं.