चंडीगढ़: चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर पद के चुनाव (Chandigarh mayor election) लिए 8 जनवरी को मतदान होना है. मेयर पद के लिए आम आदमी पार्टी और बीजेपी ने अपने-अपने प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं, लेकिन कांग्रेस चुनावों से दूर दिखाई दे रही है. माना जा रहा है कि पार्टी इस चुनाव से दूर रहेगी. वहीं शिरोमणि अकाली दल के एकमात्र पार्षद भी अभी तक तो चुनावों से दूर रहने की बात कर रहे हैं, लेकिन आखिरी वक्त पर क्या होगा कुछ कहा नहीं जा सकता.
नगर निगम में सबसे ज्यादा 14 पार्षद जीतने वाली आम आदमी पार्टी और दूसरे नंबर पर 12 पार्षदों के साथ रही बीजेपी ने अपने-अपने उम्मीदवारों का मंगलवार को एलान किया. दोनों दलों की ओर से एलान के बाद आज ही दोनों दलों के उम्मीदवारों ने अपने नामांकन भी दाखिल कर दिए, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने अपने उम्मीदवारों का किसी भी तरह का कोई एलान नहीं किया.
ये हैं आप और बीजेपी के उम्मीदवार
आम आदमी पार्टी ने मेयर पद के लिए अंजू कतियाल, सीनियर डिप्टी मेयर के लिए प्रेमलता और डिप्टी मेयर के लिए रामचंद्र यादव को उम्मीदवार बनाया है. आम आदमी पार्टी के बाद बीजेपी ने भी अपने तीनों उम्मीदवार मैदान में उतार दिए. बीजेपी की ओर से मेयर पद के उम्मीदवारों ने भी नामांकन दाखिल कर लिया है. बीजेपी ने मेयर पद के लिए सरबजीत कौर, सीनियर डिप्टी मेयर दलीप शर्मा, डिप्टी मेयर के लिए अनुप गुप्ता को उम्मीदवार बनाया गया है.
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क्या कहते हैं बीजेपी के नेता?
बीजेपी के नेताओं को उम्मीद है कि उनके तीनों प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे हैं तो वे जीत कर ही निकलेंगे. इसके साथ ही बीजेपी को उम्मीद है कि वोटिंग के दिन उनको आंकड़ों से ज्यादा वोट मिलेंगे. बीजेपी के नेताओं का दावा है कि उनके तीनों प्रत्याशी जीतेंगे और वे शहर के चौमुखी विकास में अपना अहम योगदान देंगे. इसके साथ ही पार्टी के नेता कहते हैं कि केंद्र में बीजेपी की सरकार है और अगर चंडीगढ़ में भी उनका मेयर बन जाता है तो उस शहर का चौमुखी विकास होगा.
क्या है कांग्रेस की रणनीति?
चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर पद के चुनावों से कांग्रेस दूर दिखाई देती है. कांग्रेस ने मेयर पद के लिए अपने उम्मीदवारों का एलान नहीं किया है, और वे इस प्रक्रिया से दूर रहने की कोशिश कर रहे हैं. माना जा रहा है कि कांग्रेस चुनाव के दिन सदन का बहिष्कार करेगी और वोटिंग से दूर रहेगी.
मेयर चुने जाने का पूरा गणित समझिए
चंडीगढ़ में मेयर, डिप्टी मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर का चुनाव 8 जनवरी को (Chandigarh Municipal Corporation Mayor Election) होगा. मेयर के लिए किसी भी पार्टी को कुल 35 पार्षदों में से कम से कम 19 के समर्थन की जरूरत होती है. अगर किसी पार्टी को 19 पार्षदों का वोट मिल जाता है तो वह अगले 5 सालों तक अपनी ही पार्टी का मेयर बनाने में सक्षम होती है. लेकिन इस बार चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है. इस स्थिति में हर साल उस पार्टी का मेयर बनेगा जिसे पहली बार चुनाव में ज्यादा वोट मिलेंगे.
मेयर की लड़ाई को कांग्रेस ने और ज्यादा दिलचस्प बना दिया है. कांग्रेस ने मेयर चुनाव के मतदान में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है. कांग्रेस के पास 7 पार्षद हैं. इस हिसाब से 35 में से कांग्रेस के सात पार्षदों को निकालकर कुल नंबर 28 रह जाता है. इस स्थिति में मेयर चुने जाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 19 से घटकर 15 हो जाता है. कांग्रेस को निकालकर बचे 28 पार्षदों में से 14 आम आदमी पार्टी के पास हैं. जबकि भाजपा के पास भी 14 (13 पार्षद और एक सांसद) वोट हैं. इस स्थिति में सारी लड़ाई केवल एक वोट की है. जिसके पास 15 वोट होंगे उसी पार्टी का मेयर बनेगा.
क्या टॉस से मेयर पद पर जीतेगा उम्मीदवार?
चंडीगढ़ नगर निगम में मेयर पद के लिए वोटिंग में अगर खेल बराबर का होता है तो फिर मेयर पद के उम्मीदवार का एलान टॉस करके भी हो सकता है क्योंकि इसके लिए नगर निगम के नियम में प्रावधान है. हालांकि टॉस की जरूरत पड़ेगी या नहीं यह तो 8 जनवरी को होने वाले मतदान के दिन ही पता चलेगा. हालांकि शिरोमणि अकाली दल के एक पार्षद जिन्होंने अभी तक चुनाव से दूर रहने की बात की है अगर वह आखिर में बीजेपी के पाले में जाते हैं तो बीजेपी के जीतने की राह आसान हो जाएगी.
हिट विकेट पर ही टिकी है सबकी निगाहें
आंकड़ों के हिसाब से बीजेपी और आम आदमी पार्टी बराबर पर खड़ी हैं. तो ऐसे में बीजेपी और आम आदमी पार्टी अपने मेयर पद के उम्मीदवारों को जीता पाएगी या बड़ा यक्ष प्रश्न है. ऐसे में कोई पार्टी जोड़-तोड़ करे तो ही अपने उम्मीदवार को जिता पाएगी. कांग्रेस पार्टी के पार्षदों को अपने पक्ष में कोई करे तो उसकी जीत भी संभव है, लेकिन कांग्रेस चुनाव का एक तरह से बहिष्कार कर चुकी है और वोटिंग के दिन कांग्रेस मतदान से दूर रहने की बात कर चुकी है. ऐसे में किस पार्टी का प्लेयर नो बॉल करता है या हिट विकेट होता है इस पर सबकी नजरें टिकी हैं.
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