चंडीगढ़: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किसानों के बाद छोटे उद्योगों और कर्मचारियों के मुद्दों की तरफ सरकार का ध्यान करवाया है. हुड्डा ने सरकार से लघु, कुटीर और मध्यम उद्योगों को तुरंत विशेष राहत देने का आग्रह किया है.
उन्होंने कहा कि एसएसएसई (MSME) सेक्टर अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है और बड़ी मात्रा में रोज़गार देता है, लेकिन, लॉकडाउन की वजह से पूरे सैक्टर की आमदनी आज शून्य हो गई है.
बावजूद इसके, उस पर अपने कामगारों के वेतन, लोन की किश्त, परिसर का किराया, कमर्शियल टैक्स और फिक्स बिजली बिल का बोझ लगातार पड़ रहा है. स्मॉल स्केल इंडस्ट्री एसोसिएशन ने नेता प्रतिपक्ष को इस सन्दर्भ में एक ज्ञापन भेजा है.
इसमें कहा गया है कि ज़्यादातर उद्योग आज बंद होने की कगार पर हैं. अगर उन्हें सरकारी मदद नहीं मिली तो 40 प्रतिशत तक उद्योग बंद हो जाएंगे. इससे बड़ी मात्रा में बेरोज़गारी फैल सकती है. इसलिए ज़रूरी है कि वक़्त रहते इन उद्योगों की मांगों पर गौर किया जाए और इन्हें विशेष आर्थिक राहत दी जाए.
हुड्डा ने एक बार फिर अपील दोहराई कि कोरोना के खिलाफ़ लड़ाई के सबसे बड़े हीरो डॉक्टर्स को भी अब तक कई जगह मार्च महीने का वेतन नहीं मिला है. कोरोना योद्धाओं में ही शामिल नगर निगमों, परिषदों और पालिकाओं के कर्मचारियों और सफाई कर्मचारियों को विशेष प्रोत्साहन के साथ कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सेफ्टी किट भी मुहैया करवाई जाए.