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पहलवान रितिका आत्महत्या: खेल अधिकारी से सुनिए मैच की पूरी कहानी, और आत्महत्या की वजह - पहलवान रितिका फोगाट

राजस्थान के लोहागढ़ स्टेडियम में 12 मार्च से 14 मार्च तक आयोजित हुए राजस्थान राज्य स्तरीय कुश्ती प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबले में उपविजेता रही चूरू की पहलवान रितिका ने अपने फूफा महावीर सिंह फोगाट के घर चरखी दादरी में आत्महत्या कर ली. रितिका करीब 5 साल से अपने फूफा महावीर सिंह फोगाट के घर पर बने अखाड़े में प्रशिक्षण ले रही थी.

bharatpur wrestling match ritika suicide
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Published : Mar 17, 2021, 3:38 PM IST

Updated : Jun 7, 2021, 8:56 PM IST

चंडीगढ़/भरतपुर: फोगाट बहनें गीता और बबीता की ममेरी बहन रितिका ने आत्महत्या कर ली है. इस घटना को लेकर भरतपुर के जिला खेल अधिकारी सत्य प्रकाश लुहाच ने कहा है कि यहां प्रतियोगिता पूरी तरह से निष्पक्ष रूप से आयोजित हुई थी और खिलाड़ी खुशी-खुशी घर गई थी. वहां पर माता-पिता की डांट, फटकार या अन्य किसी वजह से खिलाड़ी ने आत्महत्या करने का कदम उठाया जो कि खेल के लिए बहुत ही बुरी बात है.

6 मिनट तक चला था फाइनल मुकाबला

14 मार्च को 53 किलो भार वर्ग में चूरू की रितिका का मुकाबला भीलवाड़ा की मायामाली से हुआ था. यह मुकाबला करीब 6 मिनट तक चला था. मुकाबले के दौरान कुछ प्वाइंट्स को लेकर कुछ देर तक विवाद भी हुआ था. जिसके बाद महावीर सिंह फोगाट की मध्यस्थता के चलते निर्णायकों ने भीलवाड़ा की खिलाड़ी को विजेता और चूरू की रितिका को उपविजेता घोषित किया था.

जिला खेल अधिकारी ने क्या कहा.

हार-जीत एक सिक्के के दो पहलू

जिला खेल अधिकारी सत्य प्रकाश लुहाच ने कहा कि पूरी प्रतियोगिता निष्पक्ष रूप से आयोजित हुई थी. प्रतियोगिता में रितिका और मायामाली के बीच मुकाबला हुआ था. उप विजेता रही खिलाड़ी रितिका यहां से इनाम लेकर खुशी-खुशी घर गई थी, लेकिन वहां जाकर उसने इस तरह का गलत कदम उठाया, जो खेल के लिए ठीक नहीं है. खेल अधिकारी सत्य प्रकाश ने कहा कि एक पहलवान अपनी जिंदगी में कई मुकाबले लड़ता है. किसी में हारता है तो किसी में जीतता है. हार और जीत खेल में चलती रहती है, लेकिन खिलाड़ी को कभी भी अपना मनोबल कमजोर नहीं पड़ने देना चाहिए.

हर दिन लेते हैं मोटिवेशनल क्लास

जिला खेल अधिकारी सत्य प्रकाश ने बताया कि खिलाड़ियों को मोटिवेट करने के लिए लोहागढ़ स्टेडियम में हर दिन 1 घंटे की मोटिवेशन क्लास चलती है. इसमें हम खिलाड़ियों को डिप्रेशन से बचने के लिए प्रोत्साहित करते हैं और जिंदगी में पूरे जोश खरोश के साथ खेलने के लिए मोटिवेट करते हैं.

गौरतलब है कि लोहागढ़ में आयोजित हुई कुश्ती प्रतियोगिता की उपविजेता रितिका 15 मार्च को वापस भिवानी में अपने फूफा पहलवान महावीर फोगाट के अखाड़े में पहुंच गई और रात को ही अपने कमरे में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी. रितिका राजस्थान के झुंझुनूं जिले की रहने वाली थी, लेकिन इस राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में वह चूरू जिले का प्रतिनिधित्व कर रही थी.

ये भी पढ़ें- हिसार: विधायक कमल गुप्ता ने एयर टैक्सी से चंडीगढ़ का तय किया सफर

चंडीगढ़/भरतपुर: फोगाट बहनें गीता और बबीता की ममेरी बहन रितिका ने आत्महत्या कर ली है. इस घटना को लेकर भरतपुर के जिला खेल अधिकारी सत्य प्रकाश लुहाच ने कहा है कि यहां प्रतियोगिता पूरी तरह से निष्पक्ष रूप से आयोजित हुई थी और खिलाड़ी खुशी-खुशी घर गई थी. वहां पर माता-पिता की डांट, फटकार या अन्य किसी वजह से खिलाड़ी ने आत्महत्या करने का कदम उठाया जो कि खेल के लिए बहुत ही बुरी बात है.

6 मिनट तक चला था फाइनल मुकाबला

14 मार्च को 53 किलो भार वर्ग में चूरू की रितिका का मुकाबला भीलवाड़ा की मायामाली से हुआ था. यह मुकाबला करीब 6 मिनट तक चला था. मुकाबले के दौरान कुछ प्वाइंट्स को लेकर कुछ देर तक विवाद भी हुआ था. जिसके बाद महावीर सिंह फोगाट की मध्यस्थता के चलते निर्णायकों ने भीलवाड़ा की खिलाड़ी को विजेता और चूरू की रितिका को उपविजेता घोषित किया था.

जिला खेल अधिकारी ने क्या कहा.

हार-जीत एक सिक्के के दो पहलू

जिला खेल अधिकारी सत्य प्रकाश लुहाच ने कहा कि पूरी प्रतियोगिता निष्पक्ष रूप से आयोजित हुई थी. प्रतियोगिता में रितिका और मायामाली के बीच मुकाबला हुआ था. उप विजेता रही खिलाड़ी रितिका यहां से इनाम लेकर खुशी-खुशी घर गई थी, लेकिन वहां जाकर उसने इस तरह का गलत कदम उठाया, जो खेल के लिए ठीक नहीं है. खेल अधिकारी सत्य प्रकाश ने कहा कि एक पहलवान अपनी जिंदगी में कई मुकाबले लड़ता है. किसी में हारता है तो किसी में जीतता है. हार और जीत खेल में चलती रहती है, लेकिन खिलाड़ी को कभी भी अपना मनोबल कमजोर नहीं पड़ने देना चाहिए.

हर दिन लेते हैं मोटिवेशनल क्लास

जिला खेल अधिकारी सत्य प्रकाश ने बताया कि खिलाड़ियों को मोटिवेट करने के लिए लोहागढ़ स्टेडियम में हर दिन 1 घंटे की मोटिवेशन क्लास चलती है. इसमें हम खिलाड़ियों को डिप्रेशन से बचने के लिए प्रोत्साहित करते हैं और जिंदगी में पूरे जोश खरोश के साथ खेलने के लिए मोटिवेट करते हैं.

गौरतलब है कि लोहागढ़ में आयोजित हुई कुश्ती प्रतियोगिता की उपविजेता रितिका 15 मार्च को वापस भिवानी में अपने फूफा पहलवान महावीर फोगाट के अखाड़े में पहुंच गई और रात को ही अपने कमरे में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी. रितिका राजस्थान के झुंझुनूं जिले की रहने वाली थी, लेकिन इस राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में वह चूरू जिले का प्रतिनिधित्व कर रही थी.

ये भी पढ़ें- हिसार: विधायक कमल गुप्ता ने एयर टैक्सी से चंडीगढ़ का तय किया सफर

Last Updated : Jun 7, 2021, 8:56 PM IST
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