चंडीगढ़: जींद का उचाना विधानसभा हल्का (Uchana Assembly seat in Haryana) एक बार फिर प्रदेश में सियासी जंग का मैदान बन गया है. उचाना विधानसभा सीट से वर्तमान में जेजेपी नेता और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला विधायक हैं. इस सीट पर विधानसभा चुनाव 2024 से पहले बीजेपी और उसके सहयोगी दल जेजेपी के बीच जंग छिड़ गई है. इस बार यह जंग बीजेपी के प्रदेश प्रभारी बिप्लब देब और दुष्यंत चौटाला के बीच शुरू हुई है.
दरअसल उचाना में पन्ना प्रमुख सम्मेलन में चौधरी बीरेंदर सिंह के परिवार ने दुष्यंत चौटाला और जेजेपी पर जमकर निशाना साधा. बीजेपी नेता बीरेंदर सिंह, उनके बेटे एवं हिसार से सांसद बृजेन्द्र सिंह और बीरेंद्र सिंह की पत्नी एवं उचाना की पूर्व विधायक प्रेमलता ने पार्टी नेता ओपी धनखड़, बीजेपी प्रभारी बिप्लब देब की मौजूदगी में अपनी भड़ास निकाली. हिसार से सांसद बृजेन्द्र सिंह ने जेजेपी को लेकर बीजेपी नेतृत्व को विचार करने का सुझाव दिया.
बीजेपी और जेजेपी नेताओं के बीच जारी इस जुबानी जंग में बीजेपी के हरियाणा पार्टी प्रभारी बिप्लब देब ने बयान देकर नया घमासान छेड़ दिया है. प्रभारी बिप्लब देब ने दो टूक कहा कि उचाना से दीदी प्रेमलता ही विधायक बनेंगी. यानी बीजेपी उचाना से प्रेमलता को ही उम्मीदवार बनाएगी. बीजेपी के इन नेताओं के बयान के बाद इस पर उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी. डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जब चुनाव आयेगा तब देखा जायेगा. किसी की कोई इच्छा बदल रही है तो वो उसको व्यक्त कर सकता है. दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जहां तक जननायक जनता पार्टी की बात है तो मैं कई बार कह चुका हूं कि मैं चुनाव लड़ूंगा. किसी के पेट में अगर दर्द है तो उस दर्द की दवा मैं नहीं बन सकता.
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दुष्यंत चौटाला के पेट में दर्द के बयान पर हरियाणा बीजेपी प्रभारी बिप्लब देब ने तुरंत पलटवार किया. उन्होंने कहा कि ना तो मेरे पेट में दर्द है, ना ही मैं डॉक्टर हूं. मेरा काम अपने पार्टी के संगठन को मजबूत करना है. यदि जेजेपी ने सरकार को समर्थन दिया है तो अहसान नहीं किया है, बदले में उन्हें मंत्री भी बनाया गया है. गठबंधन को लेकर बिप्लब देब ने कहा कि अभी तक सरकार चल रही है और निर्दलीय विधायक भी हमें समर्थन दे रहे हैं.
उधर कांग्रेस विधायक और पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने इस मुद्दे पर कहा कि बीजेपी और जेजेपी का गठबंधन चुनाव के बाद हुआ था. जो कि जनमत के खिलाफ केवल राजनीतिक लाभ के लिए हुआ. वे अब एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ रहे हैं. गीता भुक्कल कहती हैं कि कांग्रेस सरकार की नाकामियों को लगातार उठा रही है. ये भी सुनने में आता है कि उचाना में विकास कार्य ना होने का मुद्दा भी उठ रहा है. हम तो यह कह रहे हैं कि जहां कांग्रेस के विधायक हैं वहां भी अन्याय हुआ है.
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बता दें कि उचाना सीट से इस समय जेजेपी से डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला विधायक हैं. 2019 के चुनाव में दुष्यंत चौटाला ने इस सीट पर बीजेपी की प्रत्याशी रहीं प्रेमलता को करीब 48 हजार वोटों के अंतर से पटखनी दी थी. प्रेमलता पुराने कांग्रेसी और मौजूदा समय में बीजेपी के नेता चौधरी बीरेंद्र की पत्नी हैं. कुछ महीनों से लगातार चौधरी बीरेंद्र का परिवार उचाना सीट से ताल ठोंक रहा है. चौधरी बीरेंद्र ने यहां तक कहा कि बीजेपी को प्रदेश में किसी बैसाखी की जरूरत नहीं है और पार्टी को अपने दम पर चुनावी मैदान में उतरना चाहिए.
अब ऐसे में बीजेपी के प्रभारी बिप्लब देब ने उचाना से प्रेमलता को ही चुनाव मैदान में उतारने की बात करके बीजेपी और जेजेपी के इस सियासी गठबंधन के भविष्य पर सवाल खड़ा कर दिया है. उनके इस बयान के बाद फिर से एक बार हरियाणा की सियासत में यह सवाल उठने लगा है कि क्या उचाना की लड़ाई से बीजेपी और जेजेपी के रिश्ते खटाई में पड़ेंगे? और क्या अगले चुनाव में यह दोनों दल 2019 की तरह अलग-अलग ही चुनाव मैदान में उतरेंगे.
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