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रविदास मंदिर पुनर्निर्माण मामलाः अशोक तंवर ने SC में दायर की अवमानना याचिका

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Published : Feb 20, 2020, 1:09 PM IST

अशोक तंवर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को भक्तों की एक समिति गठित करने के लिए 6 हफ्ते का समय दिया था, जिसे तब गुरु रविदास मंदिर का निर्माण करना था लेकिन आज तक ऐसी कोई समिति नहीं बनाई गई है और ना ही मंदिर का निर्माण करवाया गया है.

reconstruction of Guru Ravidas temple case
अशोक तंवर ने SC में दायर की अवमानना याचिका

दिल्ली/चंडीगढ़ः दिल्ली में गुरु रविदास मंदिर को फिर से बनाने का मुद्दा एक बार फिर गरमाने लगा है. हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है. याचिका में उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद गुरु रविदास मंदिर को फिर से बनाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है.

6 हफ्ते का दिया था समय

तंवर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को भक्तों की एक समिति गठित करने के लिए 6 हफ्ते का समय दिया था, जिसे तब गुरु रविदास मंदिर का निर्माण करना था लेकिन आज तक ऐसी कोई समिति नहीं बनाई गई है और ना ही मंदिर का निर्माण करवाया गया है.

  • In his contempt petition, Ashok Tanwar has stated that the Supreme Court, upon his writ petition, had ordered for the reconstruction of Guru Ravidas temple and restoration of idols and 'samadhi' in October 2019. https://t.co/VXHJ37ZM1Z

    — ANI (@ANI) February 20, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जिसके चलते उन्होंने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जल्द से जल्द मंदिर के निर्माण की बात की है. अशोक तंवर ने अपनी अवमानना याचिका में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी रिट याचिका पर गुरु रविदास मंदिर के पुनर्निर्माण और मूर्तियों की बहाली के लिए आदेश दिया था.

  • Ravidas Temple demolition issue: Former Lok Sabha MP Ashok Tanwar has filed a contempt petition before the Supreme Court regarding the construction of Ravidas temple in Tughlakabad, Delhi. (file pic) pic.twitter.com/fy6CllegBG

    — ANI (@ANI) February 20, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

क्या है मामला

दिल्ली के तुगलकाबाद में स्थित ऐतिहासिक रविदास मंदिर को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 10 अगस्त 2019 में डीडीए ने तोड़ दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वो हर किसी की भावना का सम्मान करती है लेकिन कानून का पालन तो करना होगा.

मंदिर टूटने के बाद संत रविदास के भक्तों ने काफी विरोध किया था. सड़क से लेकर जंतर-मंतर तक इस मुद्दे को लेकर हंगामा किया था. दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार भी मंदिर को तोड़ने के विरोध में आ गई थी.

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली के तुगलकाबाद में उसी जगह पर रविदास मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए आदेश जारी किया था. न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट्ट की पीठ ने ये फैसला सुनाया था.

ये भी पढ़ेंः राम मंदिर ट्रस्ट की पहली बैठक खत्म, नृत्य गोपाल दास बने न्यास के अध्यक्ष

दिल्ली/चंडीगढ़ः दिल्ली में गुरु रविदास मंदिर को फिर से बनाने का मुद्दा एक बार फिर गरमाने लगा है. हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है. याचिका में उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद गुरु रविदास मंदिर को फिर से बनाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है.

6 हफ्ते का दिया था समय

तंवर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को भक्तों की एक समिति गठित करने के लिए 6 हफ्ते का समय दिया था, जिसे तब गुरु रविदास मंदिर का निर्माण करना था लेकिन आज तक ऐसी कोई समिति नहीं बनाई गई है और ना ही मंदिर का निर्माण करवाया गया है.

  • In his contempt petition, Ashok Tanwar has stated that the Supreme Court, upon his writ petition, had ordered for the reconstruction of Guru Ravidas temple and restoration of idols and 'samadhi' in October 2019. https://t.co/VXHJ37ZM1Z

    — ANI (@ANI) February 20, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जिसके चलते उन्होंने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जल्द से जल्द मंदिर के निर्माण की बात की है. अशोक तंवर ने अपनी अवमानना याचिका में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी रिट याचिका पर गुरु रविदास मंदिर के पुनर्निर्माण और मूर्तियों की बहाली के लिए आदेश दिया था.

  • Ravidas Temple demolition issue: Former Lok Sabha MP Ashok Tanwar has filed a contempt petition before the Supreme Court regarding the construction of Ravidas temple in Tughlakabad, Delhi. (file pic) pic.twitter.com/fy6CllegBG

    — ANI (@ANI) February 20, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

क्या है मामला

दिल्ली के तुगलकाबाद में स्थित ऐतिहासिक रविदास मंदिर को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 10 अगस्त 2019 में डीडीए ने तोड़ दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वो हर किसी की भावना का सम्मान करती है लेकिन कानून का पालन तो करना होगा.

मंदिर टूटने के बाद संत रविदास के भक्तों ने काफी विरोध किया था. सड़क से लेकर जंतर-मंतर तक इस मुद्दे को लेकर हंगामा किया था. दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार भी मंदिर को तोड़ने के विरोध में आ गई थी.

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली के तुगलकाबाद में उसी जगह पर रविदास मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए आदेश जारी किया था. न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट्ट की पीठ ने ये फैसला सुनाया था.

ये भी पढ़ेंः राम मंदिर ट्रस्ट की पहली बैठक खत्म, नृत्य गोपाल दास बने न्यास के अध्यक्ष

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