चंडीगढ़: हरियाणा की राजनीति में देवीलाल की चौथी पीढ़ी के एक और शख्स की एंट्री हो गई है. इनेलो ने कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से अभय चौटाला के बेटे अर्जुन चौटाला को मैदान में उतारा है. अभी तक हिसार से अजय चौटाला के बेटे दुष्यंत चौटाला सांसद हैं.
इनेलो ने अब अभय चौटाला के छोटे बेटे अर्जुन चौटाला को कुरुक्षेत्र के रण में उतार दिया है. इसके साथ ही पार्टी ने अन्य 2 उम्मीदवार हरियाणा की सबसे हॉट सीट रोहतक से रिटायर्ड फौजी धर्मबीर को टिकट दिया है. भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर भी रिटायर्ड फौजी बलवान सिंह यादव को इनेलो ने टिकट दिया है.
अर्जुन चौटाला अब तक सक्रिय राजनीति का हिस्सा नहीं थे. अर्जुन घर के काम, खेती अन्य कामों में हाथ बटाते थे. लेकिन पार्टी और परिवार में बंटवारे के बाद पार्टी को बचाने की जिम्मेदारी उन्होंने उठाई.
जानें कौन हैं अर्जुन चौटाला
- अर्जुन चौटाला का जन्म 3 अगस्त 1992 को चौटाला गांव में हुआ था. अर्जुन चौटाला की मां का नाम कांता चौटाला है. अर्जुन चौटाला परिवार का राजनीति में नया चेहरा है. अर्जुन ने देश के विभिन्न राज्यों से अपनी स्कूलिंग की है.
- अर्जुन ने नोएडा के एमिटी लॉ कॉलेज में एडमिशन लिया लेकिन थर्ड सेमेस्टर के बाद ही उन्होंने पारिवारिक कारणों की वजह से ड्राप कर दिया था. 7 अक्टूबर के बाद से अभय चौटाला के दोनों बेटों ने राजनीति में अपने पिता और दादा ओमप्रकाश चौटाला के समर्थन में कूद गए हैं.
- उसके बाद 13 फरवरी को अभय चौटाला ने अर्जुन को ISO स्टूडेंट् संगठन का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया था. आज अर्जुन चौटाला को कुरुक्षेत्र लोकसभा का उम्मीदवार घोषित किया गया है.
चौटाला परिवार में बंटवारे के बाद अभय चौटाला के बेटे अर्जुन चौटाला सियासी पर्दे पर दिखाई दिए. इससे पहले इनेलो के युवा चेहरे के रूप में दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला प्रदेश में अपनी पहचान बना चुके थे. लेकिन पार्टी के टूटने के बाद इनेलो के युवा चेहरे के रूप में अभय चौटाला के दोनो बेटे कर्ण और अर्जुन मैदान में उतरे और पार्टी के युवा ब्रिगेड की जिम्मेदारी उठाई.
आज हरियाणा की राजनीति में चौटाला परिवार इनेलो के अस्तित्व को बचाने में लगा हुआ है. जब ओपी चौटाला और अजय चौटाला जेल गए थे तब इनेलो का वजूद बचाने की कमान अभय चौटाला ने थामी थी. इनेलो में दो फाड़ के बाद जहां दुष्यंत खेमा अपनी अलग पार्टी बनाकर अपने अलग-अलग रास्ते पर चल पड़ा है. दोनों पार्टियों का झंडा और डंडा भी अलग अलग हो चुका है
इनेलो में फूट पड़ने के बाद इनेलो के बड़े नेता दुष्यंत सिंह चौटाला ने अलग पार्टी बना ली है. जेजेपी के गठन के बाद से पार्टी के अस्तित्व पर खरता मड़राने लगा है. इनेलो के कई बड़े नेता जेजेपी का दामन थाम चुके हैं. ऐसे में इनेलो ने परिवार के अन्य लोगों पर दांव खेलना शुरू कर दिया है.