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चंडीगढ़ में 15 दिनों से 100 के आसपास है एक्यूआई, वाहनों की बढ़ती संख्या से बढ़ रहा प्रदूषण

चंडीगढ़ में प्रदूषण का स्तर 100 के आसपास रहता है. जो कि संतोषजनक है. पिछले करीब 15 दिनों से चंडीगढ़ का एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 से 110 के बीच बना हुआ है. बारिश के दिनों में चंडीगढ़ में एयर क्वालिटी इंडेक्स काफी नीचे आ जाता है. तब शहर की आबो-हवा बेहद साफ हो जाती है.

chandigarh pollution level decreased
चंडीगढ़ एक्यूआई रिपोर्ट
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Published : Apr 9, 2021, 11:59 AM IST

चंडीगढ़: एक तरफ जहां आदमी बढ़ती गर्मी और कोरोना से परेशान है. वहीं दूसरी तरफ बढ़ते प्रदूषण की वजह से लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो गया है. बढ़ता वायु प्रदूषण पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी समस्या बन चुका है. इसका असर ना सिर्फ पर्यावरण बल्कि इंसानों पर भी पड़ रहा है. भारत की बात की जाए तो लगभग सभी मुख्य शहरों में प्रदूषण का स्तर सामान्य से काफी ज्यादा है. वहीं बात हरियाणा और राजधानी चंडीगढ़ की जाए तो यहां पर हालात कुछ अलग हैं.

ये भी पढ़ें: पानीपत: प्रदूषण से परेशान एडवोकेट ने की ब्लीच हाऊस बंद करवाने की मांग, विभाग बोला- सब हो चुके हैं सील

चंडीगढ़ में संतोषजनक है प्रदूषण का स्तर

चंडीगढ़ में प्रदूषण का स्तर 100 के आसपास रहता है. जो कि संतोषजनक है. पिछले करीब 15 दिनों से चंडीगढ़ का एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 से 110 के बीच बना हुआ है. बारिश के दिनों में चंडीगढ़ में एयर क्वालिटी इंडेक्स काफी नीचे आ जाता है. तब शहर की आबो-हवा बेहद साफ हो जाती है.

वाहनों की संख्या ज्यादा होने पर भी चंडीगढ़ में एक्यूआई संतोषजनक, पिछले 15 दिनों से 100 के आसपास है एक्यूआई

वाहन बढ़ा रहे चंडीगढ़ में प्रदूषण

वहीं जब चंडीगढ़ पर्यावरण विभाग के निदेशक देवेंद्र दलाई से प्रदूषण को रोकने को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ में इंडस्ट्रियल प्रदूषण काफी कम है. यहां पर प्रदूषण के मुख्य वजह वाहनों की संख्या हो सकती है. इसके लिए विभाग की ओर से एक स्टडी करवाई जाएगी और ये देखा जाएगा कि चंडीगढ़ में प्रदूषण की मुख्य वजह क्या है. ताकि उस पर नियंत्रण किया जा सके.

chandigarh pollution level decreased
चंडीगढ़ डंपिंग ग्राउंड में लगी आग को बुझाता कर्मी

प्रदूषण रोकने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन कर रहा इंतजाम

उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ में करीब 45 फीसदी ग्रीन एरिया है. जिस वजह से प्रदूषण को बढ़ने से रोकने में काफी मदद मिलती है. उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ में समय 7 मॉनिटरिंग स्टेशन लगाए गए हैं. जिनमें से एक ऑटोमेटिक मॉनिटरिंग सिस्टम है. जो सेक्टर 25 में लगाया गया है. इसके अलावा 6 मैनुअल स्टेशन हैं. जो चंडीगढ़ के अलग-अलग इलाकों में लगाए गए हैं. पर्यावरण विभाग जल्द ही दो ऑटोमेटिक स्टेशन और लगाने जा रहा है. जिनमें से एक सेक्टर 22 और दूसरा सेक्टर 53 में लगाया जाएगा.

chandigarh pollution level decreased
चंडीगढ़ प्रदूषण मापन केंद्र

ये भी पढ़ें: गुरुग्राम में बढ़ता ध्वनि प्रदूषण लोगों के लिए कैसे बन सकता है जानलेवा? देखिए ये रिपोर्ट

उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ में कचरे को खुले में जलाया नहीं जाता, लेकिन कई बार मुख्य डंपिंग ग्राउंड में आग लग जाती है. पिछले दिनों भी डंपिंग ग्राउंड में बड़ी आग लग गई थी. जिसके बारे में बात करते हुए देवेंद्र दलाई ने बताया डंपिंग ग्राउंड पर जब भी आग लगती है. तब शहर की हवा पर उसका असर पड़ता है, लेकिन उस वक्त हवा की दिशा का भी महत्वपूर्ण रोल होता है. पिछले दिनों जब डंपिंग ग्राउंड में आग लगी थी. उस समय यह देखा गया कि उस आग से शहर पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा.

chandigarh pollution level decreased
डंपिंग ग्राउंड में लगी आग से उठता धुआं

वाहनों के घनत्व मामले में देश में नंबर-1 है चंडीगढ़

बता दें कि, चंडीगढ़ देश में सबसे अधिक कारों के घनत्व वाला शहर है. चंडीगढ़ की जनसंख्या करीब 11 लाख 50 हजार है, लेकिन चंडीगढ़ में वाहनों की संख्या 13 लाख से ज्यादा है. यहां पर हर 2 महीने में 10 हजार नए वाहन रजिस्टर हो रहे हैं. यहां पर हर सेक्टर में करीब 20,000 वाहन पार्क होते हैं. उदाहरण के लिए चंडीगढ़ के सेक्टर 38 में 17200 वाहन हैं. जिनमें से 8637 कारें और 8563 दो पहिया वाहन हैं. सेक्टर 20, 22, 35, 41 और 44 में अगर वाहनों की संख्या देखी जाए तो सिर्फ इन्हीं सेक्टरों में 70 हजार से ज्यादा वाहन हैं.

ये भी पढ़ें: मजदूरों के पलायन के चलते बनाई ईंट बनाने की मशीन, एक घंटे में निकलती है हजारों ईंट

दुनिया भर में होने वाली मौतों में 24 फीसदी का जिम्मेदार है वायु प्रदूषण

प्रदूषण का मानव के जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव को जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम जाने माने पल्मनोलॉजिस्ट डॉक्टर जफर अहमद से भी बात की. जिसमें उन्होंने बताया कि वायु प्रदूषण हमारे लिए बेहद खतरनाक है. दुनिया भर में होने वाली मौतों में 24% मौतों का जिम्मेदार वायु प्रदूषण है.

ये भी पढ़ें: अब चंडीगढ़ की हवा होगी और साफ! जल्द लगेगा पहला एयर प्यूरीफायर

पल्मनोलॉजिस्ट डॉक्टर जफर अहमद के मुताबिक वायु प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर फेफड़ों पर पड़ता है. जिस वजह से बहुत से लोगों की मौत हो जाती है. एक अध्ययन के मुताबिक दुनिया भर में हर साल करीब 70 लाख लोग प्रदूषण की वजह से अपनी जान गंवा रहे हैं. इसलिए प्रशासन और सरकार द्वारा प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए आवश्यक कदम उठाना बेहद जरूरी है.

चंडीगढ़: एक तरफ जहां आदमी बढ़ती गर्मी और कोरोना से परेशान है. वहीं दूसरी तरफ बढ़ते प्रदूषण की वजह से लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो गया है. बढ़ता वायु प्रदूषण पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी समस्या बन चुका है. इसका असर ना सिर्फ पर्यावरण बल्कि इंसानों पर भी पड़ रहा है. भारत की बात की जाए तो लगभग सभी मुख्य शहरों में प्रदूषण का स्तर सामान्य से काफी ज्यादा है. वहीं बात हरियाणा और राजधानी चंडीगढ़ की जाए तो यहां पर हालात कुछ अलग हैं.

ये भी पढ़ें: पानीपत: प्रदूषण से परेशान एडवोकेट ने की ब्लीच हाऊस बंद करवाने की मांग, विभाग बोला- सब हो चुके हैं सील

चंडीगढ़ में संतोषजनक है प्रदूषण का स्तर

चंडीगढ़ में प्रदूषण का स्तर 100 के आसपास रहता है. जो कि संतोषजनक है. पिछले करीब 15 दिनों से चंडीगढ़ का एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 से 110 के बीच बना हुआ है. बारिश के दिनों में चंडीगढ़ में एयर क्वालिटी इंडेक्स काफी नीचे आ जाता है. तब शहर की आबो-हवा बेहद साफ हो जाती है.

वाहनों की संख्या ज्यादा होने पर भी चंडीगढ़ में एक्यूआई संतोषजनक, पिछले 15 दिनों से 100 के आसपास है एक्यूआई

वाहन बढ़ा रहे चंडीगढ़ में प्रदूषण

वहीं जब चंडीगढ़ पर्यावरण विभाग के निदेशक देवेंद्र दलाई से प्रदूषण को रोकने को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ में इंडस्ट्रियल प्रदूषण काफी कम है. यहां पर प्रदूषण के मुख्य वजह वाहनों की संख्या हो सकती है. इसके लिए विभाग की ओर से एक स्टडी करवाई जाएगी और ये देखा जाएगा कि चंडीगढ़ में प्रदूषण की मुख्य वजह क्या है. ताकि उस पर नियंत्रण किया जा सके.

chandigarh pollution level decreased
चंडीगढ़ डंपिंग ग्राउंड में लगी आग को बुझाता कर्मी

प्रदूषण रोकने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन कर रहा इंतजाम

उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ में करीब 45 फीसदी ग्रीन एरिया है. जिस वजह से प्रदूषण को बढ़ने से रोकने में काफी मदद मिलती है. उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ में समय 7 मॉनिटरिंग स्टेशन लगाए गए हैं. जिनमें से एक ऑटोमेटिक मॉनिटरिंग सिस्टम है. जो सेक्टर 25 में लगाया गया है. इसके अलावा 6 मैनुअल स्टेशन हैं. जो चंडीगढ़ के अलग-अलग इलाकों में लगाए गए हैं. पर्यावरण विभाग जल्द ही दो ऑटोमेटिक स्टेशन और लगाने जा रहा है. जिनमें से एक सेक्टर 22 और दूसरा सेक्टर 53 में लगाया जाएगा.

chandigarh pollution level decreased
चंडीगढ़ प्रदूषण मापन केंद्र

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उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ में कचरे को खुले में जलाया नहीं जाता, लेकिन कई बार मुख्य डंपिंग ग्राउंड में आग लग जाती है. पिछले दिनों भी डंपिंग ग्राउंड में बड़ी आग लग गई थी. जिसके बारे में बात करते हुए देवेंद्र दलाई ने बताया डंपिंग ग्राउंड पर जब भी आग लगती है. तब शहर की हवा पर उसका असर पड़ता है, लेकिन उस वक्त हवा की दिशा का भी महत्वपूर्ण रोल होता है. पिछले दिनों जब डंपिंग ग्राउंड में आग लगी थी. उस समय यह देखा गया कि उस आग से शहर पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा.

chandigarh pollution level decreased
डंपिंग ग्राउंड में लगी आग से उठता धुआं

वाहनों के घनत्व मामले में देश में नंबर-1 है चंडीगढ़

बता दें कि, चंडीगढ़ देश में सबसे अधिक कारों के घनत्व वाला शहर है. चंडीगढ़ की जनसंख्या करीब 11 लाख 50 हजार है, लेकिन चंडीगढ़ में वाहनों की संख्या 13 लाख से ज्यादा है. यहां पर हर 2 महीने में 10 हजार नए वाहन रजिस्टर हो रहे हैं. यहां पर हर सेक्टर में करीब 20,000 वाहन पार्क होते हैं. उदाहरण के लिए चंडीगढ़ के सेक्टर 38 में 17200 वाहन हैं. जिनमें से 8637 कारें और 8563 दो पहिया वाहन हैं. सेक्टर 20, 22, 35, 41 और 44 में अगर वाहनों की संख्या देखी जाए तो सिर्फ इन्हीं सेक्टरों में 70 हजार से ज्यादा वाहन हैं.

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दुनिया भर में होने वाली मौतों में 24 फीसदी का जिम्मेदार है वायु प्रदूषण

प्रदूषण का मानव के जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव को जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम जाने माने पल्मनोलॉजिस्ट डॉक्टर जफर अहमद से भी बात की. जिसमें उन्होंने बताया कि वायु प्रदूषण हमारे लिए बेहद खतरनाक है. दुनिया भर में होने वाली मौतों में 24% मौतों का जिम्मेदार वायु प्रदूषण है.

ये भी पढ़ें: अब चंडीगढ़ की हवा होगी और साफ! जल्द लगेगा पहला एयर प्यूरीफायर

पल्मनोलॉजिस्ट डॉक्टर जफर अहमद के मुताबिक वायु प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर फेफड़ों पर पड़ता है. जिस वजह से बहुत से लोगों की मौत हो जाती है. एक अध्ययन के मुताबिक दुनिया भर में हर साल करीब 70 लाख लोग प्रदूषण की वजह से अपनी जान गंवा रहे हैं. इसलिए प्रशासन और सरकार द्वारा प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए आवश्यक कदम उठाना बेहद जरूरी है.

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