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हरियाणा में पशु वैक्सीनेशन एक हफ्ते में होगा पूरा, 8 जिलों में अब तक 211 पशुओं की मौत

हरियाणा में लम्पी वायरस से अब तक 211 पशुओं की मौत हो गई है. प्रदेश के 8 जिले मुख्य रूप से प्रभावित हैं. शनिवार को मुख्य सचिव संजीव कौशल ने सभी जिलों के अधिकारियों के साथ बैठक की और हरियाणा में पशु वैक्सीनेशन युद्ध स्तर पर करने के आदेश दिये.

lumpy skin disease in haryana
लम्पी स्किन बीमारी से 8 जिले प्रभावित
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Published : Aug 20, 2022, 5:45 PM IST

चंडीगढ़ः हरियाणा में लम्पी वायरस की रोकथाम और नियंत्रण के लिए सरकार ने युद्ध स्तर पर काम शुरू कर दिया है. प्रदेश में 8 जिले इस बीमारी से प्रभावित हैं और 30 हजार 225 पशु संक्रमित हैं. सभी पशुओं को अगले 7 दिनों तक शत प्रतिशत वैक्सीनेट (Animal Vaccination in Haryana) कर दिया जाएगा. ये जानकारी मुख्य सचिव संजीव कौशल ने दी है. इससे पहले मुख्य सचिव ने बीमारी की रोकथाम को लेकर उपायुक्तों के साथ वीडिओ कॉन्फ्रेंसिंग की.

संजीव कौशल ने कहा कि प्रदेश में 3 लाख डोज उपलब्ध हैं, जिन्हें 2 दिन में उपयोग कर लिया जाएगा. आगामी सप्ताह में 5 लाख डोज और उपलब्ध हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि यमुनानगर, अंबाला, करनाल, सिरसा, कुरुक्षेत्र, फतेहाबाद, कैथल और पंचकूला जिलों में बीमारी का ज्यादा प्रभाव है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि लम्पी स्किन बीमारी की रोकथाम के लिए वैक्शीनेशन तेजी से किया जाए. बीमारी के कारण भय का माहौल पैदा न होने दें. उन्होंने बताया कि बीमारी से संक्रमित गायों का दूध भी उबालकर इस्तेमाल किया जा सकता है.

211 पशुओं की मौत- मुख्य सचिव ने बताया कि वर्तमान में 13 हजार 265 लम्पी के एक्टिव मामले हैं. अभी तक 2 हजार 419 ‌गांवों के पशु बीमारी से संक्रमित हुए हैं जिनमें से 16 हजार 939 पशु स्वस्थ हो चुके हैं और 211 की मौत हुई है. प्रदेश में 19 लाख 32 हजार पशुधन हैं जिनका वैक्सीनेशन जल्द ही कर लिया जायेगा. रिंग-वैक्सीनेशन अवधारणा के अनुरूप वैक्सीनेशन किया जाएगा और 3 एमएल डोज पशुओं को लगाई जाएगी. इसके अलावा अन्य गांवों या क्षेत्र में 1 एमएल की डोज लगाई जाएगी.

हरियाणा में पशुओं की आवाजाही पर रोक- संजीव कौशल ने जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए गये हैं कि संबंधित जिलों में ग्वालों द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने वाली गायों की आवाजाही पर रोक लगाई जाए. अंतरराज्यीय और अंतर जिला आवाजाही पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए. पशु मेला के आयोजन और पशुओं की बिक्री पर भी पूरी तरह से रोक लगाने के लिए भी कहा गया है. उन्होंने कहा कि जिला उपायुक्त अपने-अपने जिलों में सख्त निगरानी सुनिश्चित करें कि किसी गौशाला या अन्य व्यक्ति द्वारा संक्रमित पशु को आवारा न छोड़ा जाए, ऐसी स्थिति में संक्रमण अधिक फैल सकता है.

मृत पशुओं का ठीक से करें निस्तारण- मुख्य सचिव ने कहा कि मरे हुए पशुओं को 8 से 10 फुट का गड्ढा खोद कर दबायें. सभी गौशालाओं और गांवों में मक्खियों व मच्छरों के नियंत्रण के लिए फॉगिंग कराने के भी निर्देश दिए. पशुओं में वैक्सीनेशन करने के लिए गौ सेवा आयोग व गौ रक्षकों का सहयोग भी लेने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि लाला लाजपतराय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय की फैकल्टी व इंटर्नस का भी सहयोग लिया जाए.

लंपी वायरस पर एडवाइजरी- मुख्य सचिव ने कहा कि विभाग तुरंत बिमारी की जानकारी, रोकथाम और पशुओं की देखभाल से संबंधित एडवाजरी जारी करें. उन्हें बताए कि ये रोग गैर-जूनोटिक है यानी ये जानवरों से इंसानों में नहीं फैलता है, इसलिए बिना किसी डर के अपने जानवरों की देखभाल करें.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में लंपी वायरस को लेकर सीएम ने संभाली कमान, मिशन मोड पर वैक्सीनेशन का आदेश

चंडीगढ़ः हरियाणा में लम्पी वायरस की रोकथाम और नियंत्रण के लिए सरकार ने युद्ध स्तर पर काम शुरू कर दिया है. प्रदेश में 8 जिले इस बीमारी से प्रभावित हैं और 30 हजार 225 पशु संक्रमित हैं. सभी पशुओं को अगले 7 दिनों तक शत प्रतिशत वैक्सीनेट (Animal Vaccination in Haryana) कर दिया जाएगा. ये जानकारी मुख्य सचिव संजीव कौशल ने दी है. इससे पहले मुख्य सचिव ने बीमारी की रोकथाम को लेकर उपायुक्तों के साथ वीडिओ कॉन्फ्रेंसिंग की.

संजीव कौशल ने कहा कि प्रदेश में 3 लाख डोज उपलब्ध हैं, जिन्हें 2 दिन में उपयोग कर लिया जाएगा. आगामी सप्ताह में 5 लाख डोज और उपलब्ध हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि यमुनानगर, अंबाला, करनाल, सिरसा, कुरुक्षेत्र, फतेहाबाद, कैथल और पंचकूला जिलों में बीमारी का ज्यादा प्रभाव है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि लम्पी स्किन बीमारी की रोकथाम के लिए वैक्शीनेशन तेजी से किया जाए. बीमारी के कारण भय का माहौल पैदा न होने दें. उन्होंने बताया कि बीमारी से संक्रमित गायों का दूध भी उबालकर इस्तेमाल किया जा सकता है.

211 पशुओं की मौत- मुख्य सचिव ने बताया कि वर्तमान में 13 हजार 265 लम्पी के एक्टिव मामले हैं. अभी तक 2 हजार 419 ‌गांवों के पशु बीमारी से संक्रमित हुए हैं जिनमें से 16 हजार 939 पशु स्वस्थ हो चुके हैं और 211 की मौत हुई है. प्रदेश में 19 लाख 32 हजार पशुधन हैं जिनका वैक्सीनेशन जल्द ही कर लिया जायेगा. रिंग-वैक्सीनेशन अवधारणा के अनुरूप वैक्सीनेशन किया जाएगा और 3 एमएल डोज पशुओं को लगाई जाएगी. इसके अलावा अन्य गांवों या क्षेत्र में 1 एमएल की डोज लगाई जाएगी.

हरियाणा में पशुओं की आवाजाही पर रोक- संजीव कौशल ने जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए गये हैं कि संबंधित जिलों में ग्वालों द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने वाली गायों की आवाजाही पर रोक लगाई जाए. अंतरराज्यीय और अंतर जिला आवाजाही पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए. पशु मेला के आयोजन और पशुओं की बिक्री पर भी पूरी तरह से रोक लगाने के लिए भी कहा गया है. उन्होंने कहा कि जिला उपायुक्त अपने-अपने जिलों में सख्त निगरानी सुनिश्चित करें कि किसी गौशाला या अन्य व्यक्ति द्वारा संक्रमित पशु को आवारा न छोड़ा जाए, ऐसी स्थिति में संक्रमण अधिक फैल सकता है.

मृत पशुओं का ठीक से करें निस्तारण- मुख्य सचिव ने कहा कि मरे हुए पशुओं को 8 से 10 फुट का गड्ढा खोद कर दबायें. सभी गौशालाओं और गांवों में मक्खियों व मच्छरों के नियंत्रण के लिए फॉगिंग कराने के भी निर्देश दिए. पशुओं में वैक्सीनेशन करने के लिए गौ सेवा आयोग व गौ रक्षकों का सहयोग भी लेने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि लाला लाजपतराय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय की फैकल्टी व इंटर्नस का भी सहयोग लिया जाए.

लंपी वायरस पर एडवाइजरी- मुख्य सचिव ने कहा कि विभाग तुरंत बिमारी की जानकारी, रोकथाम और पशुओं की देखभाल से संबंधित एडवाजरी जारी करें. उन्हें बताए कि ये रोग गैर-जूनोटिक है यानी ये जानवरों से इंसानों में नहीं फैलता है, इसलिए बिना किसी डर के अपने जानवरों की देखभाल करें.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में लंपी वायरस को लेकर सीएम ने संभाली कमान, मिशन मोड पर वैक्सीनेशन का आदेश

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