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शहरी स्थानीय निकाय विभाग की वेबसाइट लॉन्च, 40 शहरों की प्रॉपर्टी का डाटा किया ऑनलाइन - शहरी स्थानीय निकाय विभाग वेबसाइट लांच

हरियाणा में ‘ई-गवर्नेंस से गुड गवर्नेंस’ के लक्ष्य की तरफ एक और ठोस कदम बढ़ाते हुए गृह एवं शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज ने शहरी निकायों के लिए property tax management system claim/objection पोर्टल का शुभारंभ किया.

property tax management portal haryana
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Published : Feb 17, 2021, 7:38 PM IST

चंडीगढ़: शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने प्रदेशवासियों को सौगात दी है. लोगों को अब टैक्स और अनापत्ति प्रमाण-पत्र के लिए कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पडेंगे. विभाग ने 40 शहरों की प्रॉपर्टी का डाटा ऑनलाइन किया है जिससे अब बिजली-पानी बिल जमा कराना आसान होगा और भ्रष्टाचार से भी निजात मिलेगी.

सभी प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन होगा ऑनलाइन

बुधवार को हरियाणा के गृह एवं स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज ने अर्बन लोकल बॉडी डिपार्टमेंट की प्रॉपर्टी टेक्स मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल को लांच किया गया. इस दौरान गृहमंत्री विज ने कहा कि सरकार ने ये क्रांतिकारी कदम उठाया गया है. निगम, पालिका और परिषद में सभी प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन किया गया है.

शहरी स्थानीय निकाय विभाग की वेबसाइट लॉन्च, 40 शहरों की प्रॉपर्टी का डाटा किया ऑनलाइन

प्रदेश में 88 निगम, परिषद और पालिकाएं हैं जिनकी सम्पति रजिस्टर्ड की जाएगी. विज ने कहा कि अभी 40 शहरों की सम्पत्तियों का डाटा ऑनलाइन किया गया है और 31 मार्च तक सभी 88 को ऑनलाइन रजिस्टर्ड कर दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें- देखिए...चाइनीज मांझे और आपके शौक ने कितने बेजुबानों को घायल कर दिया, थोड़ा तो ख्याल कीजिए

विज ने कहा कि इस पोर्टल से मुख्यमंत्री का भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और पारदर्शी सेवाएं प्रदान करने का विजन साकार होगा. अब शहरों की हर सम्पत्ति की यूनिक आईडी होने के कारण गलत रजिस्ट्रियां बंद हो जाएंगी और सम्पत्ति की केटेगरी व एरिया में आपसी मिलीभगत से होने वाले भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी.

नहीं ले पाएगा कोई मनमाना टैक्स

उन्होंने कहा कि अभी तक ज्यादातर सम्पत्तियों के बारे में ना तो नगरीय निकायों को उसके वास्तविक उपयोग का पता होता था और ना ही मालिक को पता होता था कि नगर निगम, नगर परिषद या नगर पालिका में उस सम्पत्ति का क्या विवरण दर्ज है, जैसे कितना और कब से टैक्स बकाया है. इसलिए कई बार मनमाने ढंग से टैक्स की डिमांड निकाल दी जाती थी.

साथ ही किसी को रजिस्ट्री के लिए अनापत्ति प्रमाण-पत्र की जरूरत पड़ती तो पता चलता था कि उस सम्पत्ति पर टैक्स की बड़ी रकम बकाया है. इसे ठीक करवाने के लिए उन्हें नगरीय निकायों में चक्कर लगाने पड़ते है और काफी परेशान होना पड़ता था, लेकिन इस पोर्टल के माध्यम से ऐसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा.

ये भी पढ़ें- ये है देश का पहला ऐसा गांव जिसे अंग्रेजों के जमाने में चंडीगढ़ की तर्ज पर आर्किटेक्ट ने बसाया

उन्होंने बताया कि ऑनलाइन उपलब्ध प्रॉपर्टी डाटा में अगर कहीं मालिक के नाम, पते, क्षेत्रफल, कैटेगरी संबंधी कोई गलती है तो उसे 30 दिन के अंदर ऑनलाइन ही वेबसाइट www.pmsharyana.com पर संशोधन देकर निशुल्क ठीक करवाया जा सकता है.

चंडीगढ़: शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने प्रदेशवासियों को सौगात दी है. लोगों को अब टैक्स और अनापत्ति प्रमाण-पत्र के लिए कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पडेंगे. विभाग ने 40 शहरों की प्रॉपर्टी का डाटा ऑनलाइन किया है जिससे अब बिजली-पानी बिल जमा कराना आसान होगा और भ्रष्टाचार से भी निजात मिलेगी.

सभी प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन होगा ऑनलाइन

बुधवार को हरियाणा के गृह एवं स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज ने अर्बन लोकल बॉडी डिपार्टमेंट की प्रॉपर्टी टेक्स मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल को लांच किया गया. इस दौरान गृहमंत्री विज ने कहा कि सरकार ने ये क्रांतिकारी कदम उठाया गया है. निगम, पालिका और परिषद में सभी प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन किया गया है.

शहरी स्थानीय निकाय विभाग की वेबसाइट लॉन्च, 40 शहरों की प्रॉपर्टी का डाटा किया ऑनलाइन

प्रदेश में 88 निगम, परिषद और पालिकाएं हैं जिनकी सम्पति रजिस्टर्ड की जाएगी. विज ने कहा कि अभी 40 शहरों की सम्पत्तियों का डाटा ऑनलाइन किया गया है और 31 मार्च तक सभी 88 को ऑनलाइन रजिस्टर्ड कर दिया जाएगा.

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विज ने कहा कि इस पोर्टल से मुख्यमंत्री का भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और पारदर्शी सेवाएं प्रदान करने का विजन साकार होगा. अब शहरों की हर सम्पत्ति की यूनिक आईडी होने के कारण गलत रजिस्ट्रियां बंद हो जाएंगी और सम्पत्ति की केटेगरी व एरिया में आपसी मिलीभगत से होने वाले भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी.

नहीं ले पाएगा कोई मनमाना टैक्स

उन्होंने कहा कि अभी तक ज्यादातर सम्पत्तियों के बारे में ना तो नगरीय निकायों को उसके वास्तविक उपयोग का पता होता था और ना ही मालिक को पता होता था कि नगर निगम, नगर परिषद या नगर पालिका में उस सम्पत्ति का क्या विवरण दर्ज है, जैसे कितना और कब से टैक्स बकाया है. इसलिए कई बार मनमाने ढंग से टैक्स की डिमांड निकाल दी जाती थी.

साथ ही किसी को रजिस्ट्री के लिए अनापत्ति प्रमाण-पत्र की जरूरत पड़ती तो पता चलता था कि उस सम्पत्ति पर टैक्स की बड़ी रकम बकाया है. इसे ठीक करवाने के लिए उन्हें नगरीय निकायों में चक्कर लगाने पड़ते है और काफी परेशान होना पड़ता था, लेकिन इस पोर्टल के माध्यम से ऐसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा.

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उन्होंने बताया कि ऑनलाइन उपलब्ध प्रॉपर्टी डाटा में अगर कहीं मालिक के नाम, पते, क्षेत्रफल, कैटेगरी संबंधी कोई गलती है तो उसे 30 दिन के अंदर ऑनलाइन ही वेबसाइट www.pmsharyana.com पर संशोधन देकर निशुल्क ठीक करवाया जा सकता है.

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