चंडीगढ़/नई दिल्ली: जेबीटी भर्ती घोटाले (JBT recruitment case) में सजा काट रहे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को भले ही सजा में माफी मिल गई है, लेकिन इस योजना का लाभ उनके बेटे अजय चौटाला (ajay chautala) को नहीं मिलेगा. उनकी सजा अभी दस माह बची हुई है जिसे उन्हें जेल में रहकर पूरा करना पड़ेगा. फिलहाल कोविड-19 के चलते अजय चौटाला भी इमरजेंसी पैरोल पर बाहर हैं.
जेबीटी घोटाले में मिली थी सजा
अजय चौटाला और उनके पिता ओम प्रकाश चौटाला को वर्ष 2013 में शिक्षक भर्ती घोटाले में 10 साल की सजा सुनाई गई थी. दिल्ली की अदालत ने दोनों को 10 साल तिहाड़ जेल में रखने के आदेश दिए थे. जेल में रहने के दौरान ओम प्रकाश चौटाला ने जहां अभी तक 9 साल 9 महीने की सजा पूरी की है तो वहीं अजय चौटाला ने अभी तक 9 साल दो महीने की सजा ही पूरी की है. इसके चलते उनकी सजा के 10 महीने बचे हुए हैं जो उन्हें तिहाड़ जेल में काटने पड़ेंगे.
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इसलिए अभी भी जेल में रहेंगे अजय चौटाला
दिल्ली सरकार, हाई पावर कमेटी और तिहाड़ प्रशासन की बीते माह बैठक हुई थी. इस बैठक में ये तय हुआ था कि जिन कैदियों को 10 साल तक की सजा हुई है और उनकी सजा के छह माह बचे हुए हैं ऐसे कैदियों को सजा में माफी दी जाएगी. इसके बाद ऐसे कैदियों की सूची तैयार कर उसे दिल्ली सरकार के पास भेजा गया था. इसमें हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला का नाम शामिल था, लेकिन अजय चौटाला का नाम शामिल नहीं था. क्योंकि अजय चौटाला की सजा दस माह बची हुई है.
2013 से जेल में काट रहे थे सजा
गौरतलब है कि वर्ष 1998 से 2000 के बीच हरियाणा के विभिन्न जिलों में तीन हजार से ज्यादा शिक्षकों की भर्ती अवैध तरीके से की गई थी. इस मामले की सुनवाई बाद में दिल्ली ट्रांसफर की गई थी. दिल्ली की अदालत ने ओम प्रकाश चौटाला और अजय चौटाला को 10-10 साल की सजा सुनाई थी. दोनों को 16 जनवरी 2013 को तिहाड़ जेल में लाया गया था. फिलहाल दोनों कोविड के चलते इमेरजेंसी पैरोल पर हैं. पैरोल की अवधि समाप्त होने पर अजय चौटाला को आत्मसमर्पण करना होगा.
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