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चंडीगढ़: हरियाणा एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल के गठन के बाद हाई कोर्ट से शिफ्ट होंगे 10,400 केस

हरियाणा के कर्मचारियों के हाई कोर्ट में लंबित मामलों की संख्या काफी ज्यादा है. ट्रिब्यूनल बनने के बाद कर्मचारियों से संबंधित करीब 10 हजार 400 केस ट्रिब्यूनल को भेजे जाएंगे. बाद में और भी केस भेजे जा सकते हैं, लेकिन इसके विरोध में वकीलों ने हड़ताल की घोषणा कर दी है.

एडवोकेट जरनल बलदेव राज महाजन
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Published : Jul 27, 2019, 9:43 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार की तरफ से कर्मचारियों को राहत देने के उद्देश्य से गठित हरियाणा एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल को लेकर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के वकीलों की तरफ से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की गई है. वकील ट्रिब्यूनल को लेकर सरकार के फैसले विरोध में हैं. ट्रिब्यूनल के गठन के बाद हाई कोर्ट से 10 हजार 400 से भी अधिक केस ट्रिब्यूनल को भेज दिए जाएंगे. हरियाणा सरकार की तरफ से ट्रिब्यूनल को करनाल में बनाने का विचार है.

एडवोकेट जरनल बलदेव राज महाजन

पीछे हटने को तैयार नहीं सरकार

ऐसा माना जा रहा है कि वकीलों को केस के सिलसिले में करनाल तक जाना पड़ सकता है. हाई कोर्ट की जस्टिस रहीं स्नेह पराशर को हरियाणा एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल की चेयरपर्सन नियुक्त किया गया है. हरियाणा सरकार की तरफ से करीब तीन साल पहले लिए गए ट्रिब्यूनल बनाने का फैसला लंबे प्रोसेस के बाद पूरा हो पाया है. ऐसे में हरियाणा सरकार भी अपने कदम से पीछे हटने को तैयार नहीं हो रही है. दूसरी तरफ अनिश्चितकालीन हड़ताल के चलते लोगों का काफी परेशानी हो रही है.

शिफ्ट होंगे 10 हजार 400 केस

हरियाणा के एडवोकेट जरनल बलदेव राज महाजन ने बताया कि हरियाणा के कर्मचारियों के हाई कोर्ट में लंबित मामलों की संख्या काफी ज्यादा है. इनसे निपटने में काफी समय लगता है. एजी ने बताया कि ट्रिब्यूनल बनने के बाद कर्मचारियों से संबंधित करीब 10 हजार 400 केस ट्रिब्यूनल को भेजे जाएंगे. बाद में और भी केस भेजे जा सकते हैं.

शुरुआती विचार ट्रिब्यूनल के करनाल में बनाने को लेकर है. केसों की संख्या के आधार पर बैंच बढ़ाई भी जा सकती हैं. एजी बलदेव राज महाजन ने कि कर्मचारीयों के मामले एडमिनिस्ट्रेटिव लेवल पर हल नहीं होते थे, जिसके चलते उन्हें कोर्ट आना पड़ता है. दूसरी तरफ केंद्र के कर्मचारियों के लिए सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल पहले से हैं, जहां उनके अधिकतर मामलों का निपटारा हो जाता है.

स्नेह पराशर होंगी एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल की चीफ जस्टिस

बलदेव राज महाजन ने कहा कि हरियाणा के कर्मचारियों के मामलों के निपटान के लिए हरियाणा सरकार ने 3 साल पहले हरियाणा एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल का फैसला लिया था, ताकि कर्मचारियों की शिकायतों का जल्द से जल्द निपटान हो सके. सभी नियमों को पूरा करते हुए इस ट्रिब्यूनल का गठन हुआ है. नियमों के अनुसार ट्रिब्यूनल का चैयरमेन हाई कोर्ट का ही जस्टिस हो सकता है. हरियाणा सरकार ने चीफ जस्टिस हाई कोर्ट से निवेदन किया था कि हम ट्रिब्यूनल बनाना चाहते है जिसके लिए किसी जस्टिस का नाम आगे करें. एजी ने कहा कि चीफ जस्टिस ने स्नेह पराशर का नाम रिकमेंड किया था. जिसको लंबे प्रोसेस के बीच राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है.

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार की तरफ से कर्मचारियों को राहत देने के उद्देश्य से गठित हरियाणा एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल को लेकर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के वकीलों की तरफ से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की गई है. वकील ट्रिब्यूनल को लेकर सरकार के फैसले विरोध में हैं. ट्रिब्यूनल के गठन के बाद हाई कोर्ट से 10 हजार 400 से भी अधिक केस ट्रिब्यूनल को भेज दिए जाएंगे. हरियाणा सरकार की तरफ से ट्रिब्यूनल को करनाल में बनाने का विचार है.

एडवोकेट जरनल बलदेव राज महाजन

पीछे हटने को तैयार नहीं सरकार

ऐसा माना जा रहा है कि वकीलों को केस के सिलसिले में करनाल तक जाना पड़ सकता है. हाई कोर्ट की जस्टिस रहीं स्नेह पराशर को हरियाणा एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल की चेयरपर्सन नियुक्त किया गया है. हरियाणा सरकार की तरफ से करीब तीन साल पहले लिए गए ट्रिब्यूनल बनाने का फैसला लंबे प्रोसेस के बाद पूरा हो पाया है. ऐसे में हरियाणा सरकार भी अपने कदम से पीछे हटने को तैयार नहीं हो रही है. दूसरी तरफ अनिश्चितकालीन हड़ताल के चलते लोगों का काफी परेशानी हो रही है.

शिफ्ट होंगे 10 हजार 400 केस

हरियाणा के एडवोकेट जरनल बलदेव राज महाजन ने बताया कि हरियाणा के कर्मचारियों के हाई कोर्ट में लंबित मामलों की संख्या काफी ज्यादा है. इनसे निपटने में काफी समय लगता है. एजी ने बताया कि ट्रिब्यूनल बनने के बाद कर्मचारियों से संबंधित करीब 10 हजार 400 केस ट्रिब्यूनल को भेजे जाएंगे. बाद में और भी केस भेजे जा सकते हैं.

शुरुआती विचार ट्रिब्यूनल के करनाल में बनाने को लेकर है. केसों की संख्या के आधार पर बैंच बढ़ाई भी जा सकती हैं. एजी बलदेव राज महाजन ने कि कर्मचारीयों के मामले एडमिनिस्ट्रेटिव लेवल पर हल नहीं होते थे, जिसके चलते उन्हें कोर्ट आना पड़ता है. दूसरी तरफ केंद्र के कर्मचारियों के लिए सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल पहले से हैं, जहां उनके अधिकतर मामलों का निपटारा हो जाता है.

स्नेह पराशर होंगी एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल की चीफ जस्टिस

बलदेव राज महाजन ने कहा कि हरियाणा के कर्मचारियों के मामलों के निपटान के लिए हरियाणा सरकार ने 3 साल पहले हरियाणा एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल का फैसला लिया था, ताकि कर्मचारियों की शिकायतों का जल्द से जल्द निपटान हो सके. सभी नियमों को पूरा करते हुए इस ट्रिब्यूनल का गठन हुआ है. नियमों के अनुसार ट्रिब्यूनल का चैयरमेन हाई कोर्ट का ही जस्टिस हो सकता है. हरियाणा सरकार ने चीफ जस्टिस हाई कोर्ट से निवेदन किया था कि हम ट्रिब्यूनल बनाना चाहते है जिसके लिए किसी जस्टिस का नाम आगे करें. एजी ने कहा कि चीफ जस्टिस ने स्नेह पराशर का नाम रिकमेंड किया था. जिसको लंबे प्रोसेस के बीच राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है.

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हरियाणा सरकार की तरफ से कर्मचारियों को राहत देने के उद्देश्य से गठित हरियाणा एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल को लेकर पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के वकीलों की तरफ से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की गई है । वकील ट्रिब्यूनल के सरकार के फैसले विरोध में है क्योंकि ट्रिब्यूल के गठन के बाद हाई कोर्ट से 10 हजार 400 से भी अधिक केस ट्रिब्यूनल को भेज दिए जाएंगे । हरियाणा सरकार की तरफ से ट्रिब्यूनल को करनाल में बनाने का विचार है ऐसे में वकीलों को केस के सिलसिले में करनाल तक जाना पड़ सकता है । वहीं हाई कोर्ट की जस्टिस रहीं स्नेह पराशर को हरियाणा एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल की चेयरपर्सन भी नियुक्त कर दिया गया है । हरियाणा सरकार की तरफ से करीब तीन साल पहले लिए गए ट्रिब्यूनल बनाने का फैसला लंबे प्रोसेस के बाद पूरा हो पाया है ऐसे में हरियाणा सरकार भी अपने कदम से पीछे हटने को तैयार नही होगी दूसरी तरफ अनिश्चितकालीन हड़ताल के चलते भी मुश्किलें बढ़ सकती है । Body:वीओ -
हरियाणा के एडवोकेट जरनल बलदेव राज महाजन ने कहा कि हरियाणा के कर्मचारियों के हाई कोर्ट में लंबित मामलों की संख्या काफी ज्यादा है और इनके निपटान में भी काफी समय लगता है । एजी ने बताया कि ट्रिब्यूनल बनने के बाद कर्मचारियों से सम्बन्धीत करीब 10 हजार 400 केस ट्रिब्यूनल को भेजे जाएंगे , बाद में और भी केस भेजे जा सकते है । उन्होंने कहा शुरुवाती विचार ट्रिब्यूनल के करनाल में बनाने को लेकर है । केसों के संख्या के आधार पर बैंच बढ़ाई भी जा सकती है । एजी बलदेव राज महाजन ने कि कर्मचारीयो के मामले एडमिनिस्ट्रेटिव लेवल पर हल नही होते थे जिसके चलते उन्हें कोर्ट आना पड़ता है । दूसरी तरफ केंद्र के कर्मचारियों के लिए सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल पहले से है जहां उनके अधिकतर मामलो का निपटान हो जाता है । बलदेव राज महाजन ने कहा कि हरियाणा के कर्मचारियों के मामलों के निपटान के लिए हरियाणा सरकार ने 3 साल पहले हरियाणा एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल का फैसला लिया था ताकि कर्मचारियों की शिकायतों का जल्द से जल्द निपटान हो सके । उन्होंने कहा कि सभी नियमों को पूरा करते हुए इस ट्रिब्यूनल का गठन हुआ है । नियमों के अनुसार ट्रिब्यूनल का चैयरमेन हाई कोर्ट का ही जस्टिस हो सकता है हरियाणा सरकार ने चीफ जस्टिस हिग्ज कोर्ट से निवेदन किया था कि हम ट्रिब्यूनल बनाना चाहते है जिसके लिए किसी जस्टिस का नाम रिकमेंड करें । एजी ने कहा कि चीफ जस्टिस ने स्नेह पराशर का नाम रिकमेंड किया था जिसको लंबे प्रोसेस के बीच राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है ।
बाइट - बलदेव राज महाजन , एडवोकेट जरनल हरियाणाConclusion:फिलहाल सरकार की तरफ से शुरुवती विचार ट्रिब्यूनल को करनाल में रखने पर चल रहा है । हाई कोर्ट के वकीलों के विरोध के बाद इसपर भी सरकार पुनर्विचार सकती है ।
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