चंडीगढ़: हरियाणा सरकार की तरफ से कर्मचारियों को राहत देने के उद्देश्य से गठित हरियाणा एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल को लेकर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के वकीलों की तरफ से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की गई है. वकील ट्रिब्यूनल को लेकर सरकार के फैसले विरोध में हैं. ट्रिब्यूनल के गठन के बाद हाई कोर्ट से 10 हजार 400 से भी अधिक केस ट्रिब्यूनल को भेज दिए जाएंगे. हरियाणा सरकार की तरफ से ट्रिब्यूनल को करनाल में बनाने का विचार है.
पीछे हटने को तैयार नहीं सरकार
ऐसा माना जा रहा है कि वकीलों को केस के सिलसिले में करनाल तक जाना पड़ सकता है. हाई कोर्ट की जस्टिस रहीं स्नेह पराशर को हरियाणा एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल की चेयरपर्सन नियुक्त किया गया है. हरियाणा सरकार की तरफ से करीब तीन साल पहले लिए गए ट्रिब्यूनल बनाने का फैसला लंबे प्रोसेस के बाद पूरा हो पाया है. ऐसे में हरियाणा सरकार भी अपने कदम से पीछे हटने को तैयार नहीं हो रही है. दूसरी तरफ अनिश्चितकालीन हड़ताल के चलते लोगों का काफी परेशानी हो रही है.
शिफ्ट होंगे 10 हजार 400 केस
हरियाणा के एडवोकेट जरनल बलदेव राज महाजन ने बताया कि हरियाणा के कर्मचारियों के हाई कोर्ट में लंबित मामलों की संख्या काफी ज्यादा है. इनसे निपटने में काफी समय लगता है. एजी ने बताया कि ट्रिब्यूनल बनने के बाद कर्मचारियों से संबंधित करीब 10 हजार 400 केस ट्रिब्यूनल को भेजे जाएंगे. बाद में और भी केस भेजे जा सकते हैं.
शुरुआती विचार ट्रिब्यूनल के करनाल में बनाने को लेकर है. केसों की संख्या के आधार पर बैंच बढ़ाई भी जा सकती हैं. एजी बलदेव राज महाजन ने कि कर्मचारीयों के मामले एडमिनिस्ट्रेटिव लेवल पर हल नहीं होते थे, जिसके चलते उन्हें कोर्ट आना पड़ता है. दूसरी तरफ केंद्र के कर्मचारियों के लिए सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल पहले से हैं, जहां उनके अधिकतर मामलों का निपटारा हो जाता है.
स्नेह पराशर होंगी एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल की चीफ जस्टिस
बलदेव राज महाजन ने कहा कि हरियाणा के कर्मचारियों के मामलों के निपटान के लिए हरियाणा सरकार ने 3 साल पहले हरियाणा एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल का फैसला लिया था, ताकि कर्मचारियों की शिकायतों का जल्द से जल्द निपटान हो सके. सभी नियमों को पूरा करते हुए इस ट्रिब्यूनल का गठन हुआ है. नियमों के अनुसार ट्रिब्यूनल का चैयरमेन हाई कोर्ट का ही जस्टिस हो सकता है. हरियाणा सरकार ने चीफ जस्टिस हाई कोर्ट से निवेदन किया था कि हम ट्रिब्यूनल बनाना चाहते है जिसके लिए किसी जस्टिस का नाम आगे करें. एजी ने कहा कि चीफ जस्टिस ने स्नेह पराशर का नाम रिकमेंड किया था. जिसको लंबे प्रोसेस के बीच राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है.