चंडीगढ़: हरियाणा सरकार की तरफ से गठित हरियाणा एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल के गठन के बाद से लगातार टकराव जारी है. गुरुवार से पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के वकीलों की तरफ से किया गया वर्क सस्पेंड अभी तक जारी है. पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के वकील सरकार के इस फैसले के खिलाफ हैं जिसको लेकर पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के बार एसोसिएशन की एक अहम बैठक हुई. जिसके बाद बार एसोसिएशन ने सर्वसम्मति से हड़ताल जारी रखने का फैसला लिया.
वहीं हाई कोर्ट से वकीलों ने पैदल हरियाणा राजभवन तक कूच किया. वकीलों ने हरियाणा के राज्यपाल के आवास के बाहर जमकर हरियाणा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए ट्रिब्यूनल को वापस लेने की मांग की. राज्यपाल से हुई मुलाकात के बाद पंजाब-हरियाणा बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डीपीएस रंधावा ने ट्रिब्यूनल के फैसले को लेकर हरियाणा सरकार पर निशाना साधा.
उन्होंने कहा कि इस ट्रिब्यूनल में रिटायर जज और ब्यूरोक्रेट्स भी होंगे. ऐसे में ट्रिब्यूनल आजादी से काम नहीं कर पाएगा. डीपीएस रंधावा के अनुसार हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने उनके ज्ञापन पर उचित कार्रवाई का भरोसा दिया है.
साथ ही उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार की तरफ से भी हिमाचल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल बनाया गया था, जिसका कार्यकाल 5 साल के लिए रखा गया था. मगर बाद में उसे बर्खास्त करना पड़ा था.
क्यों है विवाद?
हरियाणा सरकार की तरफ से हरियाणा एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल बनाया गया है. जिसके बनाए जाने के बाद पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट से 10400 केस ट्रिब्यूनल कोर्ट को ट्रांसफर कर दिए जाएंगे. चर्चा ये भी थी कि ट्रिब्यूनल करनाल में बनाया जा रहा है. जिसको लेकर भी वकीलों में विरोध था अब ऐसा माना जा रहा है कि हरियाणा सरकार ट्रिब्यूनल चंडीगढ़ या पंचकूला में बनाने का फैसला लेते हुए वकीलों को बातचीत के माध्यम से हड़ताल खत्म करवाने का प्रयास करेगी.