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मतगणना में 48 घंटे से कम समय, जानें क्या हैं खास तैयारियां ?

लोकसभा चुनाव के नतीजे आने में 48 घंटे से भी कम का समय बचा है. एग्जिट पोल के बाद से देशभर के नेताओं की धड़कने तेज हो गई हैं. वहीं प्रशासन ने भी मतगणना के लिए अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं.

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Published : May 21, 2019, 7:59 AM IST

चंडीगढ़: 23 मई को होने वाली मतगणना के लिए प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. प्रशासन ने गणना सुबह 8 बजे शुरू होकर 12 घंटे में पूरी करने का लक्ष्य रखा है. सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. मतगणना एजेंट, प्रत्याशी और मीडिया कर्मियों के अलावा किसी अन्य को मतगणना केंद्र में प्रवेश की अनुमति नहीं मिलेगी.

ईवीएम की सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने स्ट्रान्ग रूम पर ऑब्जर्वरों की व्यवस्था की है. हरियाणा प्रदेश में मतगणना को लेकर चुनाव अधिकारी रिहर्सल में लगे हैं. आज भिवानी, जींद, अंबाला सहित पूरे प्रदेश में अधिकारी रिहर्सल करेंगे.

मतगणना के दौरान किसी तरह की लापरवाही या गड़बड़ी न हो, इसके लिए भी पूरी तैयारी कर ली गई हैं. मीडियाकर्मियों को हर घंटे जानकारी देने के लिए एक अधिकारी नियुक्त किए गए हैं.

ये भी पढ़ें:-पर्वतरोही रवि के परिजनों की मदद के लिए सरकार ने बढ़ाया हाथ, बॉडी रिकवरी के लिए सरकार देगी पैसा

प्रत्येक गणना टेबल पर तैनात कर्मचारियों को भी सख्त निर्देश दिए गए हैं. इनके अलावा मतगणना केंद्र में ईवीएम लाने-ले जाने वाले कर्मचारी तैनात रहेंगे. एक बार प्रवेश लेने के बाद प्रत्याशी या उनके एजेंट को बार-बार प्रवेश नहीं दिया जाएगा. अफवाह फैलाने वालों पर प्रशासन की पैनी नजर रहेगी.

चंडीगढ़: 23 मई को होने वाली मतगणना के लिए प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. प्रशासन ने गणना सुबह 8 बजे शुरू होकर 12 घंटे में पूरी करने का लक्ष्य रखा है. सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. मतगणना एजेंट, प्रत्याशी और मीडिया कर्मियों के अलावा किसी अन्य को मतगणना केंद्र में प्रवेश की अनुमति नहीं मिलेगी.

ईवीएम की सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने स्ट्रान्ग रूम पर ऑब्जर्वरों की व्यवस्था की है. हरियाणा प्रदेश में मतगणना को लेकर चुनाव अधिकारी रिहर्सल में लगे हैं. आज भिवानी, जींद, अंबाला सहित पूरे प्रदेश में अधिकारी रिहर्सल करेंगे.

मतगणना के दौरान किसी तरह की लापरवाही या गड़बड़ी न हो, इसके लिए भी पूरी तैयारी कर ली गई हैं. मीडियाकर्मियों को हर घंटे जानकारी देने के लिए एक अधिकारी नियुक्त किए गए हैं.

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प्रत्येक गणना टेबल पर तैनात कर्मचारियों को भी सख्त निर्देश दिए गए हैं. इनके अलावा मतगणना केंद्र में ईवीएम लाने-ले जाने वाले कर्मचारी तैनात रहेंगे. एक बार प्रवेश लेने के बाद प्रत्याशी या उनके एजेंट को बार-बार प्रवेश नहीं दिया जाएगा. अफवाह फैलाने वालों पर प्रशासन की पैनी नजर रहेगी.

Intro:हाईकोर्ट में वकीलों के लिए चैंबर तथा पार्किंग की समस्या को लेकर हाई कोर्ट में पहले से ही विचाराधीन एक जनहित याचिका पर जल्द सुनवाई किये जाने की मांग को लेकर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने सोमवार को हाई कोर्ट में अर्जी दायर की चीफ जस्टिस कृष्णा मुरारी ने इस अर्जी पर सुनवाई करते हुए कहा की वह बतौर चीफ जस्टिस हाई कोर्ट के प्रशासकीय मुखिया है ऐसे में वह इस अर्जी पर सुनवाई नहीं कर सकते लिहाजा उन्होंने इस अर्जी पर सुनवाई किये जाने के लिए इसे अन्य बेंच को रेफर कर दिया है Body:

सोमवार को दायर अर्जी में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने कहा है कि हाईकोर्ट के वकीलों के चेम्बर्स और हाई कोर्ट की बदहाल पार्किंग को लेकर पहले ही एक याचिका हाई कोर्ट में विचाराधीन है इस में अब अर्जी दायर कर मांग की गयी है कि हाई कोर्ट के वकीलों की हाउसिंग सोसाइटी के लिए मुल्लांपुर गरीबदास में या पंचकूला, सकेतड़ी या अमरावती एन्क्लेव के पास दस एकड़ जगह दी जाये इसके लिए हाई कोर्ट ने सम्बंधित सरकारों को निर्देश जारी करे इसके साथ ही बार एसोसिएशन ने हाई कोर्ट में पार्किंग का मुद्दा भी उठाया है
बार एसोसिएशन ने दायर अर्जी में कहा है कि हाईकोर्ट के वकीलों की रोजाना यहां पार्किंग की समस्या का सामना करना पड़ता है चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस से उन्हें कोई सहयोग नहीं मिल रहा है लिहाजा बार एसोसिएशन ने अब हाईकोर्ट से मांग कि वे ट्रैफिक पुलिस को आदेश यहां रोजाना 20 ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की तैनाती करे तांकि यहां वकीलों और दूर दराज से हाई कोर्ट आने वाले लोगों को ट्रैफिक की समस्या का सामना न करना पड़े। अब इस अर्जी पर जल्द ही हाई कोर्ट की अन्य बेंच सुनवाई करेगी
बता दें कि हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने ही वर्ष 2013 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि हाईकोर्ट में 8 हजार से ज्यादा वकील सदस्य हैं और उनके पास वकीलों के बैठने के लिए सिर्फ 131 चैंबर्स हैं। वकीलों के लिए चैंबर्स बनाने के लिए प्रशासन हाईकोर्ट के पास ही जमीन अलॉट करे। सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई कि हाईकोर्ट में लगभग दस हजार के करीब वकील है लेकिन बैठने के लिए नही है। हाईकोर्ट ने याचिका पर चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब माँगा था।
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