चंडीगढ़: इंडियन नेशनल लोकदल के नेता और विधायक अभय सिंह चौटाला ने प्रदेश की बीजेपी सरकार पर मुद्दों से भागने के आरोप लगाए हैं. चंडीगढ़ में एक प्रेस वार्ता के दौरान अभय सिंह चौटाला ने कहा कि विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान उन्होंने पांच कॉलिंग अटेंशन मोशन धान घोटाले, गन्ने के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी, महिला अपराध प्रदेश में बढ़ती नशाखोरी और अवैध खनन पर चर्चा को लेकर कॉलिंग अटेंशन मोशन लगाए, लेकिन विधानसभा स्पीकर ने एक भी मोशन को स्वीकार नहीं किया.
सीआईडी विवाद पर चौटाला का तंज
अभय सिंह चौटाला ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृह मंत्री अनिल विज के बीच के मतभेद को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हरियाणा सरकार में अपने आप को मजबूत मंत्री साबित करने की लड़ाई चल रही है.
एक तरफ तो गृह मंत्री अनिल विज सीआईडी मुखिया अनिल राव को चार्जशीट देने की बात कर रहे हैं, लेकिन क्या अनिल राव में इतनी हिम्मत है? कि वो बिना मुख्यमंत्री की शह पर गृह मंत्री के आदेशों की अवमानना करें. सही मायने में आज अधिकारी परेशान हैं. उन्हें ये नहीं पता कि वो किस मंत्री की सुने और किसकी ना सुने? यदि सरकार का यही हाल चलता रहा तो प्रदेश जल्द ही गर्त में चला जाएगा.
सरकार पर अभय चौटाला के आरोप
अभय सिंह चौटाला ने कहा कि विशेष सत्र का एक संभावित कार्यक्रम सभी विधायकों को भेजा गया था, जिसमें सत्र के 2 दिन चलने की बात की गई थी. पहले दिन राज्यपाल का अभिभाषण और अगले दिन अभिभाषण पर चर्चा के साथ मुख्यमंत्री के जवाब की बात कही गई थी, लेकिन बीजेपी ने एक ही दिन में ही सत्र को निपटा कर ये साबित कर दिया कि वो मुद्दों से भाग रही है.
हुड्डा पर चौटाला के आरोप
इस दौरान अभय सिंह चौटाला ने नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर बीजेपी की बी-टीम के रूप में काम करने के भी आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में एक बार भी सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग नहीं की, जिससे साबित होता है कि वो भी कहीं ना कहीं सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. वहीं कांग्रेस ने सदन में चर्चा के लिए एक भी कॉलिंग अटेंशन मोशन नहीं लगाया था.
सरकार पर धान घोटाले के आरोप
इस दौरान अभय सिंह चौटाला ने अपने भतीजे और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का नाम लिए बिना भी उन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि धान घोटाले में किसानों और मिलर्स के साथ जबरदस्ती उगाई की गई है.
पहली कमेटी गठित होने पर सभी मिलर्स से एक लाख रुपये प्रति मिल वसूला गया. इसके बाद दोबारा कमेटी बनने पर प्रति मिल 50 हजार की उगाही अधिकारियों ने की गई. बाद में जारी नोटिस को वापस लेने के लिए भी 30 हजार रुपये प्रति मिल वसूला गया. यदि सरकार मामले की सीबीआई से जांच करवाएं तो सब कुछ सामने आ जाएगा.
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कुंडू पर दर्ज मामले पर सरकार को घेरा
इस दौरान अभय सिंह चौटाला ने महम से विधायक बलराज कुंडू पर दर्ज एफआईआर को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर भी निशाना साधा. चौटाला ने कहा कि एक तरफ तो सरकार विधायकों पर दबाव बनाने के लिए मामला दर्ज करवा देती है, लेकिन जब आरोपी विधायक गिरफ्तारी देने के लिए पहुंचते हैं तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं करती. सरकार को चाहिए था कि विधायक पर एफआईआर दर्ज करने से पहले जांच होती. मगर अपने को बचाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है.