चंडीगढ़: पेपर लीक मामले को लेकर (haryana constable paper leak) विपक्षी नेता सरकार को लगातार घेर रहे हैं. विधानसभा में जहां कांग्रेस इस मुद्दे को जोर शोर से उठा रही है तो वहीं विधानसभा के बाहर इनेलो के पूर्व विधायक अभय चौटाला (abhay chautala) भी सरकार पर निशाना साध रहे हैं. इस बार अभय चौटाला ने सरकार के साथ-साथ हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन के अधिकारियों को भी आड़े हाथों लिया है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ये पेपर लीक हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन के अधिकारियों की जानकारी के बिना नहीं हो सकता.
उन्होंने कहा कि स्टाफ सिलेक्शन के चेयरमैन और कर्मचारियों की जानकारी के बिना पेपर लीक नहीं सकता. क्योंकि पेपर कहां छपवाया गया है, पेपर में क्या छपा है और पेपर की लोकेशन क्या है, ये जानकारी एचएसएससी के कुछ अधिकारियों को ही होती है और पेपर की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन की ही होती है. उन्होंने कहा कि पेपर लीक का मामला सामान्य मामला नहीं है बल्कि ये बहुत बड़े घोटाले का हिस्सा है.
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इनेलो नेता ने कहा कि इस एक पेपर लीक मामले में 8 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया है क्योंकि नौकरी की उम्मीद में जिन युवाओं ने फॉर्म भरे थे वह पैसा 8 करोड़ रुपये जमा हुआ था. अब उस पैसे को अधिकारियों ने गायब कर दिया है. इतना ही नहीं प्रदेश सरकार के राज में 28 से ज्यादा पेपर लीक हो चुके हैं तो ये मामला अरबों रुपये का है. मैंने राज्यपाल को इसके खिलाफ ज्ञापन सौंपा और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की तब जाकर कांग्रेस को इस मामले की गंभीरता का एहसास हुआ.
उन्होंने कहा कि हालांकि कांग्रेस ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया, लेकिन आधा अधूरा ही उठाया. कांग्रेस के लोग सुरक्षाकर्मियों की शिकायत करने में ही व्यस्त रहे कि सुरक्षाकर्मियों ने उनके साथ धक्का-मुक्की की है. अगर कांग्रेस के लोगों ने सुरक्षाकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की की होगी तभी उन लोगों ने इसका जवाब दिया होगा.
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क्या है पेपर लीक केस?: हरियाणा में सिपाही पद के लिए ये परीक्षा दो दिन करवाई जानी थी, लेकिन परीक्षा के दौरान पेपर लीक होनी की वजह से परीक्षा रद्द कर दी गई. जिसके बाद कई छात्रों ने कहा कि अब वो दोबारा परीक्षा नहीं देंगे. हालांकि बाद में इसके तार कई पुलिसकर्मियों से भी जुड़े होने के सबूत मिले. इससे पहले भी राज्य में कई बार पेपर लीक होने के कारण कई परीक्षाएं रद्द हुई थी. बहरहाल मनोहर सरकार आए दिन लीक होते पेपर के मामलों से परेशान है. यही वजह है कि सरकार विधानसभा के इसी सत्र में पेपर लीक करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाने पर विचार कर रही है.