चंडीगढ़: हरियाणा में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के वाटरशेड विकास घटक के तहत वर्ष 2020-21 के लिए 60 करोड़ रुपये की वार्षिक कार्य योजना को अनुमति प्रदान की गई है. ये अनुमति हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय अनुमोदन कमेटी में दी गई.
बैठक में केशनी आनंद अरोड़ा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए परियोजनाओं का प्रभाव, कवर क्षेत्र, उपचारित क्षेत्र, वन क्षेत्र, परियोजना से लाभान्वित किसान और सिंचाई के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र का मूल्यांकन कर उसकी रिपोर्ट तैयार करें.
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बैठक में बताया गया कि इस परियोजना के तहत वर्ष 2020-21 के दौरान 6 जिलों गुरुग्राम, रोहतक, झज्जर, सोनीपत, पलवल और मेवात की 1,25,573 हेक्टेयर भूमि में 28 वाटरशेड परियोजनाओं पर कार्य किया जाएगा.
बैठक में बताया गया कि एकीकृत जलग्रहण प्रबंधन कार्यक्रम के तहत अब तक लगभग 128 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं. इसके साथ ही प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत वर्ष 2020-21 के लिए 222 करोड़ 65 लाख रुपये की वार्षिक कार्य योजना को भारत सरकार की अनुमति के लिए भेजा गया है.
बैठक में बताया गया कि इस योजना का लाभ उठाने के लिए अब तक 12,602 आवेदकों ने ऑनलाइन आवेदन किया है. जिनमें 3481 स्प्रिंकलर के, 7196 मिनी-स्प्रिंकलर के और 1925 ड्रिप के आवेदन शामिल हैं.