चंडीगढ़: पराली जलाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद हरियाणा सरकार हरकत में आ गई है. हरियाणा के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कृषि विभाग और पर्यवारण विभाग के अधिकारियों की बैठक हुई. हरियाणा सरकार ने छोटे किसानों और गैर बासमती चावल उगाने वाले किसानों को 100 रुपए प्रति क्विंटल देने का फैसला किया है. 5 एकड़ से कम जमीन वाले किसान इस नियम के तहत लाभ पा सकेंगे.
पंजाब में ज्यादा जल रही पराली
कृषि विभाग के एसीएस संजीव कौशल ने बताया कि हमारे पास सभी किसानों की जमीन और उनके बैंक खातों की जानकारी है. करीब 90 हजार किसानों को लाभ मिलेगा. पराली जलाने के मामले हरियाणा में कम हैं. हमारे यहां एक दिन पहले 180 पराली जलाने के मामले थे जबकि पंजाब में 9 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं. हरियाणा में सिर्फ दो जगह पराली जलाने के मामले सामने आए हैं. प्रशाशनिक सचिवों को जिलों में नियुक्त किया गया है ये अधिकारी पराली से संबंधित सरकार की योजनाओं को देखेंगे.
हरियाणा सरकार ने किए प्रयास
हरियाणा की मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कृषि विभाग और पर्यवारण विभाग के अधिकारियों की बैठक के बाद कृषि विभाग के ACS संजीव कौशल ने जानकारी दी. साथ ही संजीव कौशल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान हमने जनकरी रखी थी कि हरियाणा सरकार ने कई प्रयास किए है.
छोटे किसानों को मिलेगा लाभ
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए है उसमें जो किसान स्मॉल ओर मार्जनल है और नॉन बासमती धान उगाया है और अब जो किसान अपनी धान लेकर आएंगे, उनको अब प्रति क्विंटल 100 रुपये देंगे. पैसे कैसे देंगे? इसको लेकर बैठक की है. 5 एकड़ से कम के किसानों को स्मॉल एंड मार्जनल मानते हैं. हरियाणा में ऐसे करीब 90 हजार किसान ऐसे हैं जिनका 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' के तहत हमारे पास सभी किसानों का ब्योरा है. यहां किसानों का बैंक अकाउंट नंबर भी है.
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700 के करीब गांव ऐस हैं जहां पराली जलाई जाती है. वहां कॉमन हायरिंग सेंटर खुले हो ये कोशिश करेंगे ताकि जो भी इक्यूपमेंट किसानों को चाहिए वो उपलब्ध हों. जिन जिलों में पराली जलने का काम होता है वहां प्रशाशनिक सचिव पहले ही नियुक्त हैं. अधिकारी बेल्ड स्टबल की सेल अच्छे फेक्ट्रियों या कहां इस्तेमाल हो सकता है वो कॉर्डिनेट कर लेंगे.