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रूस में छाए पहलवान,  विनेश ने जीता गोल्ड मेडल, दीपक और सुमित को सिल्वर व ब्रॉन्ज - hindi samachar

भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट ने 53 किग्रा वेट कैटेगरी में रूस की पहलवान एकेतरीना को हराकर गोल्ड मेडल हासिल किया है.

भारतीय पहलवान विनेश फोगाट
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Published : Jul 15, 2019, 10:04 AM IST

चंडीगढ़: रूस में आयोजित यासर दोगू इंटरनेशनल टूर्नामेंट में भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने गोल्ड मेडल जीता है. उन्होंने 53 किग्रा वेट कैटेगरी में रूस की पहलवान एकेतरीना को हराकर गोल्ड मेडल हासिल किया. विनेश ने रूस की एकेतरीना को 9-5 से धूल चटाई. बता दें कि ये उनका लगातार दूसरा गोल्ड है. विनेश फोगाट ने स्पेन ग्रांप्री में भी गोल्ड मेडल जीता था.

ये भी पढ़ें- सोनीपत: CM के समारोह के बाद मची होर्डिंग की लूट, जान जोखिम में डालकर 100 मीटर की ऊंचाई पर चढ़े मासूम

दीपक पूनिया और सुमित को भी मिले मेडल
वहीं भारत के दीपक पूनिया ने सिल्वर और सुमित ने ब्रॉन्ज मेडल जीता है. दीपक ने 86 किग्रा में अजरबेजान के एलेक्सांद्र गोस्तिएव से 2-7 से हारकर सिल्वर मेडल हासिल किया. सुमित ने 125 किग्रा भारवर्ग में फतीह केकीरोग्लू को हराकर ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा किया है.

चंडीगढ़: रूस में आयोजित यासर दोगू इंटरनेशनल टूर्नामेंट में भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने गोल्ड मेडल जीता है. उन्होंने 53 किग्रा वेट कैटेगरी में रूस की पहलवान एकेतरीना को हराकर गोल्ड मेडल हासिल किया. विनेश ने रूस की एकेतरीना को 9-5 से धूल चटाई. बता दें कि ये उनका लगातार दूसरा गोल्ड है. विनेश फोगाट ने स्पेन ग्रांप्री में भी गोल्ड मेडल जीता था.

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दीपक पूनिया और सुमित को भी मिले मेडल
वहीं भारत के दीपक पूनिया ने सिल्वर और सुमित ने ब्रॉन्ज मेडल जीता है. दीपक ने 86 किग्रा में अजरबेजान के एलेक्सांद्र गोस्तिएव से 2-7 से हारकर सिल्वर मेडल हासिल किया. सुमित ने 125 किग्रा भारवर्ग में फतीह केकीरोग्लू को हराकर ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा किया है.


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एंकर – चंडीगढ़ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा नाम का अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनकर रह गया है. यह हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि अभी तक इस हवाई अड्डे से मात्र दो अंतर्राष्ट्रीय फ्लाईट के अलावा अभई तक कनाडा, अमेरिका और यूरोप के लिए अभी तक कोई भी फ्लाईट शुरु नहीं हो पाई है. जबकि रनवे विस्तार और वाच ऑवर भी बढ़ा दिए गए हैं. साथ ही यात्रियों की संख्या में भी साल दर साल इजाफा हो रहा है बावजूद इसके विमानन कंपनियां अंत्तराष्ट्रीय फ्लाईट चलाने में कोई रूचि नहीं दिखा रही है...


ओपनिंग पीटूसी 1 -भूपिंद्र जिष्टू


वीओ – करीब चार साल पहले बने चंडीगढ़ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, देश के उन हवाई अड्डों में से है, जिन पर तेजी से यात्रियों की संख्या में इजाफा हो रहा... हर साल इस एयरपोर्ट पर डेढ़ लाख से ज्यादा यात्रियों की संख्या में इजाफा हो रहा है...  बावजूद इसके अभी तक इस एयरपोर्ट से अभी तक सिर्फ शारजहां और दुबई के लिए मात्र दो अंतर्राष्ट्रीय फ्लाईट ही चल पा रही हैं... पिछले साल यहां से तीन अंतर्राष्ट्रीय फ्लाइट उड़ान भरती थी... लेकिन एयर इंडिया ने अपनी बैंकाक जाने वाली फ्लाइट बंद कर दी। जिस पर हाईकोर्ट ने भी संज्ञान लिया था, जवाब में विमानन कंपनी की दलील थी कि वह सिर्फ अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बढ़ाने के लिए फ्लाइट नहीं चला सकती है। यात्री संख्या नहीं होने की वजह से विमानन कंपनी को लगातार नुकसान हो रहा था।

 

पीटूसी विजय राणा 1-


वीओ- पिछले साल तक एयरपोर्ट प्रबंधन इन देशों के लिए फ्लाइट्स शुरू नहीं होने के पीछे यह तर्क देता था। ( ग्राफिक्स इन ) एयरपोर्ट प्रबंधन का तर्क था कि एयरपोर्ट का रनवे 9000 फीट का है, जबकि अमेरिका, कनाड़ा, आस्ट्रेलिया को उड़ान भरने वाले बड़े जहाजों के लिए 10400 फीट की लंबाई जरूरी है। ऐसे में कई महीने दिन रात काम जारी रखने के बाद एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई की 12500 कर दिया था । इतना ही इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम(आईएलएस) कैट वन की जगह कैट टू इंस्टाल कर दिया गया। गौरतलब है कि कैट वन की मदद से 1200 मीटर विजिबिलिटी पर फ्लाइट लैंडिंग कर सकती है, कैट टू की मदद से 350 मीटर विजिबिलिटी पर फ्लाइट लैंड कर सकती है, जबकि कैट थ्री पर जीरो विजिबिलिटी पर लैंड कर सकती है। अब एयरपोर्ट पर कैट टू इंस्टाल है, जबकि कैट वन इंस्टालेशन का काम जारी जिससे अभी फ्लाइट्स की लैंडिंग में भी कोई दिक्कत नहीं है।  इसी साल 11 अप्रैल एयरपोर्ट प्रबंधन ने वाच ऑवर बढ़ाते हुए 24 घंटे फ्लाइट्स संचालन की भी घोषणा कर दी थी। ( ग्राफिक्स आउट )बावजूद इसके किसी विमानन कंपनी ने न तो देर रात फ्लाइट शुरू की और न ही कोई इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू हुई। ( ग्राफिक्स इन ) इधर कंपनियों को लुभाने के लिए कई प्रयास भी किए गए.. जिनमें विमानन कंपनियों को यूडीएफ ( यूजर डिवेलपमेंट फीस ) में छूट की बात कही गई लेकिन उसका भी फायदा नहीं मिला... चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने देर रात नेशनल एंड इंटरनेशनल फ्लाइट्स शुरू करने के लिए विमानन कंपनियों को यूजर डिवलपमेंट फी
(यूडीएफ) में छूट देने का ऐलान किया था। यह उन्हीं फ्लाइट्स पर थी, जोकि देर रात चंडीगढ़ एयरपोर्ट से उड़ान भरेंगे। डोमेस्टिक फ्लाइट्स (165 नॉटीकल माइल्स तक) तक 100 रुपये प्रति पैसेंजर पर छूट।  डोमेस्टिक फ्लाइट्स ( 165 नॉटीकल माइल्स से ज्यादा दूरी पर) तक 150 रुपये प्रति पैसेंजर पर छूट और इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू करने पर 300 रुपये प्रति पैसेंजर पर छूट मिलनी थी। यूडीएस में दी गई छूट के बावजूद भी कोई फ्लाइट शुरू नहीं हुई।( ग्राफिक्स ऑउट )  इधर, हवाई अड्डे के संबंधित अधिकारी भी लगातार विमानन कंपनियों से अंतर्राष्ट्रीय फ्लाइट शुरु करने के लिए बातचीत कर रहे हैं... उन्हें उम्मीद है कि जल्द इसके अच्छे नतीजे मिलेंगे.. 


पीटूसी विजय राणा 2-


वीओ - एक तरफ चंडीगढ़ एयरपोर्ट से अंतर्राष्ट्रीय उड्डाने बढ़ नहीं पा रही है... वहीं जेट एयरवेज के बंद होने के बाद स्पाइस ने भी यहां से घरेलू उड़ान बंद कर दी... जबकि पंजाब, हरियाणा और हिमाचल के लोगों के लिए यह हवाई अड्डा सबसे बड़ा सहारा है और इन राज्यों के बड़ी संख्या में एनआरआई विभिन्न देशों में रहते हैं... फिर चाहे कनाडा हो या यूरोप चाहे फिर गल्फ देश हो या अंमेरिका, बावजूद इसके यहां के लोगों को इन देशों के लिए सीधी फ्लाईट नहीं मिल पा रही है...  लोगों मांग कर रहे हैं कि यहां से अतर्राष्ट्रीय ही नहीं घरेलू सेवाओं को भी बढ़ाया जाना चाहिए... क्योंकि चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट से नई अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स शुरु न होने से इस क्षेत्र के लोगों को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का कोई ज्यादा फायदा नहीं हो पा रहा है। अमेरिका, यूरोप, न्यूजीलैंड और कनाड़ा जाने वाली फ्लाइट्स के लिए अभी भी यात्रियों
को दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर निर्भर रहना पड़ता है। 


बाईट – यात्री


वीओ - बता दें कि ( ग्राफिक इन ) साल 2003 में जहां चंडीगढ़ इंटरनेशनल पर यात्री संख्या तीन लाख के करीब थी, वहीं साल 2015-16 में यात्री संख्या 16 लाख के करीब हो गई। साल 2018 में यह संख्या 20 लाख के करीब है। अब चंडीगढ़ रनवे का निर्माण का काम पूरा हो चुका है और एयरपोर्ट प्रबंधन 24 घंटे फ्लाइट्स संचालन की घोषणा कर दी है, बावजूद इसके अभी तक चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अभी तक कोई नहीं फ्लाइट शुरू नहीं हुई है। ऐसे में यहां की जनता कह रही है यह नाम का अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट हैं...


फाइनल पीटूसी – भूपिंद्र जिष्टू






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