चंडीगढ़: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए हमले के बाद पूरे देश में गुस्से का माहौल है. इस हमले में शहीद जवानों की संख्या 49 हो गई है.
वहीं हमले के विरोध में कई राज्यों में शरारती तत्वों ने कश्मीरी लोगों पर हमले करने की कोशिश भी की गई. दूसरी तरफ सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए पांच अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली है.
मदद के लिए हर कोई आ रहा आगे
पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए हमले के बाद पूरा देश गमगीन है. शहीदों के परिवारों को राज्य सरकारों ने मुआवजा देने का एलान किया है तो वहीं पूर्व किक्रेटर वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर ने शहीदों के बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी उठाने का फैसला किया है. वहीं अभिनेता अमिताभ बच्चन ने 2.5 करोड़ रुपये मदद के तौर पर देने का फैसला किया है.
वहीं शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों के परिवार की आर्थिक सहायता के लिए धनराशि एकत्र करने को बनाए गए केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई ऑनलाइन पोर्टल ‘भारत के वीर' को पुलवामा आतंकी हमले के बाद से अभूतपूर्व तरीके से सात करोड़ रुपये की राशि मिल चुकी है.
कश्मीरियों को दी जा रही धमकियां
इस हमले के बाद जम्मू कश्मीर से बाहर रह रहे कश्मीरियों को कथित तौर पर दी जा रही धमकियों की खबरों के मद्देनजर श्रीनगर स्थित सीआरपीएफ हेल्पलाइन ने शनिवार को कहा कि वे किसी भी तरह के उत्पीड़न के मामले में उनसे संपर्क करें. ‘मददगार' हेल्पलाइन ने इस सिलसिले में एक ट्वीट कर कहा है कि इस समय राज्य से बाहर कश्मीरी छात्र और आम लोग उसके ट्वीटर हैंडल ‘@सीआरपीएफ मददगार' पर संपर्क कर सकते हैं. किसी भी कठिनाई या उत्पीड़न का सामना करने में शीघ्र सहायता के लिए वे 24 घंटे टोल फ्री नंबर 14411 या 7082814411 पर एसएमएस कर सकते हैं.
हुर्रियत के 5 नेताओं की सुरक्षा हटाई गई
वहीं हमले के बाद बड़ा कदम उठाते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मीरवाइज उमर फारुक समेत पांच अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली है. सीआरपीएफ काफिले पर हुए हमले के बाद ये कदम उठाया गया है. भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया था कि आतंकियों के साथ उनके मददगारों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
मीरवाइज उमर फारुक के अलावा अब्दुल गनी बट्ट, हाशिम कुरैशी, बिलाल लोन, शब्बीर शाह हैं. स्पष्ट किया गया है कि इन पांच नेताओं और अन्य अलगाववादियों को किसी भी चीज की आड़ में सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जाएगी.
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को श्रीनगर में हुर्रियत कान्फ्रेंस के नेताओं समेत अलगाववादियों का परोक्ष जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान और उसकी जासूसी एजेंसी आईएसआई से धन पा रहे लोगों को दी गई सुरक्षा पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए. ऐसे तत्व और ताकतें हैं जो पाकिस्तान और आईएसआई से धन लेते हैं. मैंने संबंधित अधिकारियों से उनकी सुरक्षा पर पुनर्विचार करने को कहा है.
जवानों की जुबानी- काफिले पर कैसे हुआ अटैक
काफिले में मौजूद सीआरपीएफ के एक जवान ने बताया कि जबरदस्त धमाके ने सभी को चौंका दिया. वहां केवल अफरा-तफरी और भ्रम की स्थिति थी. मैं वहां केवल धुआं देख पा रहा था. उन्होंने कहा कि हमें हमारे वाहनों में वापस जाने के लिए कहा गया.
सीआरपीएफ के एक अन्य जवान ने कहा कि हमें वाट्सएप संदेश के जरिए इस विस्फोट के बारे में जानकारी मिली. जैसे ही हम बस से नीचे उतरे, हमने अफरा-तफरी देखी. हमने हमारे साथियों के बुरी तरह से जले और कटे हुए अंग देखे और सुलगती हुई आग देखी.
कौन है आदिल अहमद डार
सीआरपीएफ पर हमला करने वाले जैश-ए-मोहम्मद के 19 वर्षीय आतंकी का पत्थरबाजी का लंबा इतिहास रहा है. पुलवामा के पुलिस अधीक्षक चंदन कोहली ने कहा कि उसको पत्थरबाजी की आदत थी और उसके खिलाफ मामले दर्ज हैं. पुलिस सूत्रों का कहना है कि आदिल अहमद डार पिछले साल मार्च में लापता हो गया था और इसके बाद वह पाकिस्तान से संचालित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हो गया था.
उसके परिवार को अब भी भरोसा नहीं हो रहा है कि वह फियादीन बन गया. सीआरपीएफ के जवानों की जान लेने वाले आतंकी आदिल अहमद डार के पिता गुलाम हसन डार ने बताया कि वह पिछले साल बोर्ड परीक्षाओं के दौरान अचानक गायब हो गया था. बृहस्पतिवार को स्थानीय पुलिस ने सीआरपीएफ पर हमले के बारे में सूचना दी.
इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने ली थी. भारत ने पुलवामा आतंकवादी हमले को लेकर पाकिस्तान की निंदा की और पड़ोसी मुल्क से आतंकवादियों को सहयोग देना बंद करने तथा उसकी जमीन से संचालित हो रहे आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद करने की मांग की है.
भारत के साथ दुनिया की ताकतें
दुनिया के तकरीबन सभी कद्दावर मुल्कों ने पुलवामा हमले पर दुख और रोष जताया है. अमेरिका, रूस और चीन समेत कई देशों ने इस घटना की निंदा की है. अमेरिका ने कहा है कि पाकिस्तान को तत्काल प्रभाव से आतंकी तत्वों को शरण देना बंद करना चाहिए. रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने हमले पर दुख जताया और भारत के साथ मुश्किल की इस घड़ी में मदद का भरोसा दिया. फ्रांस ने कहा कि वह ऐसे हमलों की निंदा करता है और पाकिस्तान को ऐसे संगठनों का हुक्का-पानी बंद करना चाहिए.
हालांकि चीन ने भी इस घटना की निंदा की लेकिन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के खिलाफ कार्रवाई पर चीन अपने पुराने रूख पर ही कायम है. इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, यूरोपियन यूनियन, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, अफगानिस्तान, मालदीव और बांग्लादेश समेत कई देशों ने भारत को समर्थन किया है.
कैसे हैं अब हालात
हमले के बाद जम्मू में हिंसक घटनाएं होने के बाद कुछ तीसरे दिन कर्फ्यू जारी है. सीनियर पुलिस और जिला प्रशासन अधिकारियों ने शनिवार शाम को कानून व्यवस्था को लेकर बैठक की. इस बैठक में फैसला किया गया कि कर्फ्यू जारी रखा जाए और मोबाइल इंटरनेट कनेक्शन को अभी बहाली नहीं की जाएगी. इसके साथ ही प्रशासन ने स्थानीय लोगों के साथ शांति वार्ता भी की.
पुलवामा में आतंकवादी हमले के बाद एक विरोध प्रदर्शन में हिंसा भड़क गई थी. शहर में सेना की नौ और टुकड़ियों को तैनात किया गया है. इसी के साथ शहर में सेना की कुल 18 टुकड़ियां तैनात हैं.
सेना ने संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च किया. अधिकारियों ने बताया कि जम्मू विश्वविद्यालय ने शनिवार को होने वाली सभी परीक्षाओं को स्थगित कर दिया था.
पाक उत्पादों पर 200 फीसदी कस्टम ड्यूटी
भारत एक ओर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की कोशिशों में जुट गया है तो दूसरी ओर पाकिस्तान की आर्थिक ढांचे को नुकसान पहुंचाने के लिए बड़े फैसले ले रहा है. भारत ने हमले के बाद पाक से मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) का दर्जा वापस ले लिया था और अब भारत ने पाक से आने वाले सामानों पर कस्टम ड्यूटी 200 फीसदी बढ़ा दी है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने खुद इस फैसले का ऐलान किया. भारत के इस बड़े फैसले से पाक की ओर से भारत को निर्यात किए जाने वाले 48.8 करोड़ डॉलर के सामान पर असर पड़ सकता है. वहीं उसे ब्लैकलिस्टेड करने के लिए भारत आज से पेरिस में शुरू हो रहे फाइनेंशिएल एक्शन टास्क फोर्स (एफएएफटी) की बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ डोजियर सौंपेगा.