चंडीगढ़:हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद और नूंह में बंदरों के हमले की बढ़ती घटनाओं को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को दस दिन के भीतर लोगों को बंदरों के आतंक से बचाने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी सौंपने के आदेश दिए हैं.
याचिका दाखिल करते हुए अनिरुद्घ सिंह ने कहा कि वो गुरुग्राम, फरीदाबाद और फिरोजपुर जिरका के लोगों की भलाई के लिए काम करते हैं. बीते कुछ समय में यहां बंदरों का आतंक तेजी से बढ़ रहा है. इसका सबसे बड़ा कारण खाने का उपलब्ध होना और सुरक्षित माहौल है. इसके कारण बंदरों के झुंड शहरों में ही नहीं बल्कि गांवों में भी आतंक मचा रहे हैं. याची ने कहा कि इनके कारण आम लोगों के दैनिक जीवन में बड़ी समस्याएं पैदा होने लगी है. अक्सर बंदर छोटे बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को निशाना बनाते हैं.
याची ने बताया कि बंदरों को कंट्रोल न करने के कारण बच्चों का स्कूल जाना और महिलाओं और बुजुर्गों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. इनके आतंक से निजात दिलाने की जिम्मेदारी नगर-निगम और नगर पालिका की है, लेकिन रिप्रेजेंटेशन देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
वहीं हाईकोर्ट ने मामले को गंभीर मानते हुए हरियाणा सरकार सहित, फरीदाबाद नगर निगम कमिश्नर, फिरोजपुर जिरका म्यूनिसिपल कमेटी और स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक सहित चीफ वाइल्ड लाईफ वार्डन को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है. हाईकोर्ट ने इसके साथ ही दस दिन के भीतर इस दिशा में किए गए काम की स्टेटस रिपोर्ट सौंपने के भी आदेश दिए हैं.