चंडीगढ़: लोकसभा चुनाव के नतीजों को अभी 13 दिन ही बीते हैं लेकिन बीजेपी ने विधानसभा चुनाव की तैयारी कर दी है. वहीं कई दल अभी तक हार को पचाने में लगे हुए हैं तो कई ईवीएम पर ठीकरा फोड़ने में व्यस्त हैं.
79 सीटों पर बीजेपी को बढ़त
लोकसभा चुनाव के नतीजों से पता चला है कि बीजेपी ने 90 विधानसभा सीटों में से 79 पर बढ़त हासिल की है. हालांकि ये बात अलग है कि देश और राज्य के चुनाव के मुद्दे अलग होते हैं लेकिन फिर भी लोकसभा चुनाव में हरियाणा की सभी 10 सीटें जीतने के बाद बीजेपी ने अब विधानसभा चुनाव की ओर रुख कर लिया है.
लोकसभा चुनाव के नतीजों से उत्साहित बीजेपी ने अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में 80 सीटें जीतने का दावा किया है. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 47 सीटें जीतकर पहली बार अपने बूते पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी.
कांग्रेस की स्थिति हुई और नाजुक!
पिछले विधानसभा चुनाव में 17 सीटें हासिल करने वाली कांग्रेस लोकसभा चुनाव में 10 सीटों पर खिसक गई है. प्रदेश के तमाम विपक्षी दल लोकसभा और विधानसभा चुनाव के मुद्दे अलग-अलग होने की दुहाई देकर बीजेपी को घेरने का दम भर रहे हैं, लेकिन बिखरे विपक्ष के लिए यह आसान नजर नहीं आ रहा है. वहीं नवगठित जननायक जनता पार्टी ने मात्र एक सीट पर बढ़त बनाई. इनेलो, आप और बसपा तो कहीं नजर ही नहीं आ रहे हैं.
बीजेपी लगा सकती है पुराने चेहरों पर दांव
बात अगर बीजेपी की करें तो विधानसभा चुनाव में पार्टी एक बार फिर से ज्यादातर पुराने चेहरों पर ही दांव लगा सकती है. लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मोदी के नाम का बड़ा आसरा मिला था, जिसकी संभावना विधानसभा चुनाव में कम है. विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री मनोहर लाल बीजेपी का चेहरा होंगे. चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने के लिए पार्टी को उन विधायकों के टिकट काटने से कोई गुरेज नहीं होगा, जिनका विरोध हो रहा है.
बीजेपी को बड़ी जीत की है उम्मीद
हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष सुभाष बराला का कहना है कि पार्टी ने पिछले चुनाव में सात लोकसभा सीटें जीती थी और 52 विधानसभा सीटों पर बढ़त हासिल करते हुए 47 सीटों पर जीत का झंडा गाड़ा था. इस बार सभी 10 लोकसभा सीटें जीतने के साथ ही बीजेपी ने 79 सीटों पर शानदार बढ़त बनाई है, जो कि विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत से भी आगे की सरकार बनाने के संकेत हैं.
विधानसभा चुनाव में 5 महीने से भी कम समय बचा हुआ है. ऐसे में अगर बीजेपी को टक्कर देनी है तो विपक्ष को जल्द ही असरदार रणनीति बनाकर मैदान में उतरना होगा नहीं तो सीएम मनोहर लाल को लगातार दूसरी बार शपथ लेने से शायद ही कोई रोक पाएगा.