भिवानी: सिर पर हेलमेट लगाकर और बॉक्सिंग ग्लव्स पहनकर जब भी कोई खिलाड़ी 20 बाइ 20 फुट के रिंग में उतरता है. तो उसका जुनून और जज्बा देखते ही बनता है. अटैक और डिफेंस के इस गेम में खिलाड़ियों का जुनून ही है जिसकी वजह से भिवानी मिनी क्यूबा कहलाता है.
स्टेट लेवल के गेम्स हों या नेशनल लेवल के, एशियन गेम्स हों या फिर ओलंपिक भारत में सबसे ज्यादा मेडल हरियाणा के खिलाड़ियों को होते हैं. इन मेडल की चमक तब फीकी हो जाती है. जब कोई खिलाड़ी सरकार और प्रशासन की अनदेखी का शिकार हो जाता है.
अनदेखी का शिकार विश्व चैंपियन बेटियां
बॉक्सर नीतू और साक्षी भी सरकार की इस अदेखी का शिकार हुई हैं. तीन साल बाद भी उन्हें उनकी इनामी राशि नहीं मिली है. चरखी दादरी की दो बेटियां नीतू और साक्षी ने अपने मुक्कों की बदौलत ना केवल देश, बल्कि दुनिया में धाक जमाई है. नीतू और साक्षी दो-दो बार की विश्व विजेता रही हैं. अब इसे सिस्टम और सरकार की लापरवाही कहें या इनका दुर्भाग्य. विश्व विजेता का इनाम तीन साल भी इन खिलाड़ियों को नहीं मिला है.
बता दें कि विश्व चैंपियन के प्रदेश सरकार की तरफ से खिलाड़ियों को पहले 20 लाख रुपये का इनाम दिया जाता था. जो अब 10 लाख रुपये ही मिलता है. ये इनाम भी खिलाड़ियों को तीन साल से नहीं मिला. इन खिलाड़ियों के कोच गुरु द्रोणाचार्य अवॉर्डी जगदीश ने बताया कि 6 अगस्त के इन बेटियों के चैक लगाए गए थे, जो ट्रेजरी से वित्त विभाग में चले गए.
कोरोना की वजह से नहीं हुआ भुगतान?
कोच जगधीश ने ऑनलाइन सिस्टम पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इसका फायदा तो तब होता जब एक या दो दिन में चेक का भुगतान होता. उन्होंने कहा कि इससे तो ऑफलाइन सिस्टम बेहतर था. कम से कम तय समय पर भुगतान तो होता था. कोच जगदीश ने बताया कहा कि देर से मिला न्याय और इनाम भी अन्याय जैसा है. इसलिए सरकार को जल्द ही इनकी इनामी राशि को देना चाहिए. कोच जगदीश ने कहा कि देर से मिला न्याय और इनाम अन्याय जैसा है. उन्होंने कहा कि सुनने में आया है कि एक दो लाख से ज्यादा के चैक का भुगतान सरकार कोरोना की वजह से नहीं कर ही. ऐसे में खिलाडिय़ों के इनाम राशि का भुगतान ना करना खिलाडिय़ों के साथ छलावा है.
ये भी पढ़ें- किसानों पर हुए लाठीचार्ज पर बोलीं सैलजा, 'ये लोकतांत्रिक नहीं तानाशाह सरकार है'
नीतू और साक्षी ने साल 2017 में गुवहाटी और साल 2018 में हंगरी में हुई विश्व महिला बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड जीत कर देश का गौरव बढ़ाया. जिसके सरकार ने इनामी राशि का ऐलान किया, जो शायद कागजों तक ही सीमित रह गया. ऐसे में खिलाड़ियों ने सरकार से जल्द ही उनकी इनामी राशि देने की अपील की है ताकि वो अपने खेल को बिना किसी आर्थिक रुकावट के जारी रख सकें.