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भिवानी: बढ़ती महंगाई के खिलाफ मजदूर-किसान संगठनों ने केंद्र सरकार का पुतला फूंका - Bhiwani protests against inflation

बढ़ती महंगाई के खिलाफ मजदूर-किसान संगठनों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार अपने वादे के खिलाफ काम कर रही है.

Worker-farmer organizations burnt effigy of central government against rising inflation in bhiwani
Worker-farmer organizations burnt effigy of central government against rising inflation in bhiwani
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Published : Feb 27, 2021, 5:31 PM IST

भिवानी: देश में बढ़ते पेट्रोल और डीजल के दामों के खिलाफ कांग्रेस और मजदूर संगठनों का विरोध प्रदर्शन जारी है. भिवानी में लगातार पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस की मूल्य वृद्धि और कोविड-19 की रोकथाम के नाम पर पैसेंजर ट्रेनों के किराए में की गई बढ़ोतरी के विरोध में किसान-मजदूरों ने अनाज मंडी में विरोध प्रदर्शन किया.

इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मोदी सरकार का पुतला फूंका. किसान संगठन ने एक्साइज ड्यूटी व वेट घटाकर तेल के दाम आधे करने और पैसेंजर ट्रेनों के किराये में की गई बढ़ोतरी वापस लेने की मांग की है.

संगठन के जिला अध्यक्ष जिले सिंह ने कहा कि मोदी सरकार महंगाई पर रोक लगाने, खेती की लागत कम करने, किसानों की आय दोगुनी करने के नारे के साथ सत्ता में आई थी, लेकिन सत्ता में आने के बाद इन वायदों को भुलाकर इनके विपरीत काम कर रही है.

उन्होंने कहा कि आज महंगाई चरम पर है. इंधनों की मूल्य वृद्धि से किराए भाड़े बढ़ने से माल ढुलाई महंगी हो जाएगी, जिसका असर हर आवश्यक वस्तु के मूल्य पर पड़ेगा और महंगाई और बढ़ेगी. लगातार बढ़ रही डीजल की कीमतों से खेती-बाड़ी का लागत खर्च में लगातार बेतहाशा बढ़ती जा रही है.

ये भी पढ़ें- शिक्षा,स्वास्थ्य और औद्योगिक क्षेत्र को हरियाणा के बजट से क्या है उम्मीद, देखिए रिपोर्ट

इसके चलते खेती पहले ही घाटे का सौदा हो चुकी है और ऊपर से डीजल के दामों में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है. इससे किसानों की कमर टूट जाएगी, क्योंकि खेती-बाड़ी में सिंचाई, जुताई, बिजाई, ढुलाई, थ्रेसिंग के ज्यादातर कार्यों में डीजल का ही प्रयोग किया जाता है.

ये भी पढ़ें- पानीपत में महिला ने हकीम पर लगाया बलात्कार का आरोप

रसोई गैस के दाम रिकॉर्ड तोड़ उंचाई पर हैं. सब्सिडी खत्म कर दी गई है, इससे महंगाई बेतहाशा बढ़ गई है और रसोई का खर्च उठाना मुश्किल हो रहा है. उन्होंने इस मूल्य वृद्धि की कड़ी आलोचना करते हुए उनके दाम आधे करने की मांग की.

भिवानी: देश में बढ़ते पेट्रोल और डीजल के दामों के खिलाफ कांग्रेस और मजदूर संगठनों का विरोध प्रदर्शन जारी है. भिवानी में लगातार पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस की मूल्य वृद्धि और कोविड-19 की रोकथाम के नाम पर पैसेंजर ट्रेनों के किराए में की गई बढ़ोतरी के विरोध में किसान-मजदूरों ने अनाज मंडी में विरोध प्रदर्शन किया.

इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मोदी सरकार का पुतला फूंका. किसान संगठन ने एक्साइज ड्यूटी व वेट घटाकर तेल के दाम आधे करने और पैसेंजर ट्रेनों के किराये में की गई बढ़ोतरी वापस लेने की मांग की है.

संगठन के जिला अध्यक्ष जिले सिंह ने कहा कि मोदी सरकार महंगाई पर रोक लगाने, खेती की लागत कम करने, किसानों की आय दोगुनी करने के नारे के साथ सत्ता में आई थी, लेकिन सत्ता में आने के बाद इन वायदों को भुलाकर इनके विपरीत काम कर रही है.

उन्होंने कहा कि आज महंगाई चरम पर है. इंधनों की मूल्य वृद्धि से किराए भाड़े बढ़ने से माल ढुलाई महंगी हो जाएगी, जिसका असर हर आवश्यक वस्तु के मूल्य पर पड़ेगा और महंगाई और बढ़ेगी. लगातार बढ़ रही डीजल की कीमतों से खेती-बाड़ी का लागत खर्च में लगातार बेतहाशा बढ़ती जा रही है.

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इसके चलते खेती पहले ही घाटे का सौदा हो चुकी है और ऊपर से डीजल के दामों में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है. इससे किसानों की कमर टूट जाएगी, क्योंकि खेती-बाड़ी में सिंचाई, जुताई, बिजाई, ढुलाई, थ्रेसिंग के ज्यादातर कार्यों में डीजल का ही प्रयोग किया जाता है.

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रसोई गैस के दाम रिकॉर्ड तोड़ उंचाई पर हैं. सब्सिडी खत्म कर दी गई है, इससे महंगाई बेतहाशा बढ़ गई है और रसोई का खर्च उठाना मुश्किल हो रहा है. उन्होंने इस मूल्य वृद्धि की कड़ी आलोचना करते हुए उनके दाम आधे करने की मांग की.

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