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भिवानी: जानवरों को नहीं मिल रही इलाज और दवाइयां, भाकियू के नेतृत्व में धरने पर बैठे ग्रामीण

दवाइयां और पशुओं को सही इलाज नहीं मिलने से ग्रामीण परेशान हैं. जिस कारण ग्रामीण हार कर भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में धरने पर बैठ गए.

भारतीय किसान यूनियन
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Published : Sep 15, 2019, 2:47 PM IST

भिवानी: लोहारू के चैहड़ कलां गांव के पशु अस्पताल में लंबे समय से नियुक्त कर्मचारी अस्पताल नहीं आ रहा है. इसके अलावा दवाइयां और पशुओं को सही इलाज नहीं मिलने से ग्रामीण परेशान हैं. ग्रामीणों ने अनेकों बार इसकी शिकायत की लेकिन समस्या का निदान नहीं हुआ, जिस कारण हारे हुए ग्रामीणों ने इस समस्या के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में धरने पर बैठ गए.

'नही पहुंच रही सेवा'

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जिस कर्मचारी की यहां पर नियुक्ति है. वो लंबे समय से यहां पर नहीं पहुंच रहा. उन्होंने अपनी जगह पर किसी एक प्राइवेट लड़के को रखा हुआ है. वही हॉस्पिटल को खोलता है और वही पशुओं का इलाज करता है. ऐसा नहीं है कि ये एक दो महीने से ऐसा चल रहा हो बल्कि ये मामला पिछले कई साल से प्रशासन की नाक के नीचे चल रहा था और नियुक्त कर्मचारी अपने यहां से तनख्वाह के पैसे डकार रहा है.

भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में ग्रामीण धरने पर बैठे, देखें वीडियो

'पशुओं की सुरक्षा के हों सही इंतजाम'

ग्रामीणों का साथ देने के लिए भाकियू बहल इकाई से जुड़े नेता भी पहुंचे और लोगों की मांग को जायज ठहराते हुए उनके साथ धरने पर बैठ गए. लोगों ने कहा कि लंबे समय से न तो अस्पताल में नियुक्त कर्मचारी ड्यूटी करने आ रहे हैं और न हीं दवाइयों की कोई व्यवस्था है. उनको मजबूरन निजी पशु चिकित्सकों से महंगा इलाज करवाना पड़ रहा है.

वहीं सरकार पशुपालन को बढ़ावा देने के नाम पर लाखों रुपये खर्च कर रही है. जबकि धरातल पर पशुओं की चिकित्सा, सुरक्षा के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. लोगों ने कहा कि वे सरकार और प्रशासन से मांग करते हैं कि उनके पशुओं की सुरक्षा के लिए सही इंतजाम किए जाएं.

भिवानी: लोहारू के चैहड़ कलां गांव के पशु अस्पताल में लंबे समय से नियुक्त कर्मचारी अस्पताल नहीं आ रहा है. इसके अलावा दवाइयां और पशुओं को सही इलाज नहीं मिलने से ग्रामीण परेशान हैं. ग्रामीणों ने अनेकों बार इसकी शिकायत की लेकिन समस्या का निदान नहीं हुआ, जिस कारण हारे हुए ग्रामीणों ने इस समस्या के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में धरने पर बैठ गए.

'नही पहुंच रही सेवा'

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जिस कर्मचारी की यहां पर नियुक्ति है. वो लंबे समय से यहां पर नहीं पहुंच रहा. उन्होंने अपनी जगह पर किसी एक प्राइवेट लड़के को रखा हुआ है. वही हॉस्पिटल को खोलता है और वही पशुओं का इलाज करता है. ऐसा नहीं है कि ये एक दो महीने से ऐसा चल रहा हो बल्कि ये मामला पिछले कई साल से प्रशासन की नाक के नीचे चल रहा था और नियुक्त कर्मचारी अपने यहां से तनख्वाह के पैसे डकार रहा है.

भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में ग्रामीण धरने पर बैठे, देखें वीडियो

'पशुओं की सुरक्षा के हों सही इंतजाम'

ग्रामीणों का साथ देने के लिए भाकियू बहल इकाई से जुड़े नेता भी पहुंचे और लोगों की मांग को जायज ठहराते हुए उनके साथ धरने पर बैठ गए. लोगों ने कहा कि लंबे समय से न तो अस्पताल में नियुक्त कर्मचारी ड्यूटी करने आ रहे हैं और न हीं दवाइयों की कोई व्यवस्था है. उनको मजबूरन निजी पशु चिकित्सकों से महंगा इलाज करवाना पड़ रहा है.

वहीं सरकार पशुपालन को बढ़ावा देने के नाम पर लाखों रुपये खर्च कर रही है. जबकि धरातल पर पशुओं की चिकित्सा, सुरक्षा के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. लोगों ने कहा कि वे सरकार और प्रशासन से मांग करते हैं कि उनके पशुओं की सुरक्षा के लिए सही इंतजाम किए जाएं.

Intro:भिवानी : लोहारू के चैहड़ कलां गांव के पशु अस्पताल में लंबे समय से नियुक्त कर्मचारी ड्यूटी पर नही आ रहा
हार कर ग्रामीण भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में बेठे धरने पर Body:

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भिवानी : लोहारू के चैहड़ कलां गांव के पशु अस्पताल में लंबे समय से नियुक्त कर्मचारी ड्यूटी पर नही आ रहा
हार कर ग्रामीण भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में बेठे धरने पर
एंकर:- लोहारू के चैहड़ कलां गांव के पशु अस्पताल में लंबे समय से नियुक्त कर्मचारी अस्पताल नहीं आ रहा था। इसके अलावा ग्रामीण दवाइयां व पशुओं को सही इलाज नहीं मिलने से परेशान थे। ग्रामीणों ने अनेकों बार इसकी शिकायत की पर समस्या का निदान नहीं हुआ, हारे हुए लोगो ने इनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया और भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में धरने पर बैठ गए।
वी/ओ 1:- ग्रामीणों को साथ देने के लिए भाकियू बहल इकाई से जुड़े नेता भी पहुंचे तथा लोगों की मांग को जायज ठहराते हुए उनके साथ धरने पर बैठ गए। लोगों ने कहा कि लंबे समय से न तो अस्पताल में नियुक्त कर्मचारी ड्यूटी करने आ रहे हैं और न हीं दवाइयों की कोई व्यवस्था है। उनको मजबूरन निजी पशु चिकित्सकों से महंगा इलाज करवाना पड़ रहा है। वहीं, सरकार पशुपालन को बढावा देने के नाम पर लाखों रुपये खर्च कर रही है जबकि धरातल पर पशुओं की चिकित्सा, सुरक्षा के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। लोगों ने कहा कि वे सरकार व प्रशासन से मांग करते हैं कि उनके पशुओं की सुरक्षा के लिए सही इंतजाम किए जाए।
वी/ओ 2:- ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जिस कर्मचारी की यहां पर नियुक्ति है वह लंबे समय से यहां पर नहीं आ पहुंच रहा उन्होंने अपनी जगह पर किसी एक प्राइवेट लड़के को रखा हुआ है वही हॉस्पिटल को खोलता है और वही पशुओं का इलाज करता है, ऐसा नहीं है कि यह एक दो महीने से ऐसा चल रहा हो बल्कि यह मामला पिछले कई सालों से प्रशासन की नाक के नीचे चल रहा था,और नियुक्त कर्मचारी अपने यहा से तनखा के पैसे डकार रहा था।
वी/ओ3 हॉस्पिटल में ग्रामीणों द्वारा हंगामा करने की सूचना नियुक्त कर्मचारी को मिलने मिलने के बाद वह मौके पर पहुंचे और धरने पर बैठे ग्रामीणों के बीच आकर कर्मचारी दिलबाग सिंह बुढेडा ने धरने में बताया उन्होंने कहा कि वह मानते हैं कि लंबे समय से बीमार होने के कारण वह आ नहीं पाए अब वह लोगों के बीच हैं और ग्रामीणों ने जो भी सजा दे वह उन्हें मंजूर है धरने पर ही लोगों के आगे हाथ जोड़कर कर्मचारी गिड़गिड़ाना लगा
वी/ओ4 ग्रामीण जगदीश कुमार ने बताया कि वह पशुओं के इलाज को लेकर काफी दिन में दिनों से परेशान है यहां कई वर्षों से डॉक्टर नहीं नियुक्त कर्मचारी नहीं आ रहा ग्रामीणों ने मांग की है कि इसका तुरंत प्रभाव से या तो इसका तबादला किया जाए ग्रामीणों ने मांग की है कि इसके खिलाफ है प्रशासन जल्द से जल्द कार्रवाई करें और यहां से इसका तबादला दूसरी जगह पर किया जाए
इस स्क्रीप्ट की फीड har_lru_01_Hospital Me Docter Nhi_hrc10008-फाईले मिलेंगी। इस स्टोरी की कुल फीड की 4 फाईले हैं।
har_lru_01_Hospital Me Docter Nhi_hrc10008-वी1- लोहारू के चैहड़ कलां गांव के पशु अस्पताल व अन्य शॉट आदि
har_lru_01_Hospital Me Docter Nhi_hrc10008-बी2:- प्राइवेट लड़के जो हॉस्पिटल में रखा हुआ हें उस से भाकियू के यूवा प्रदेशाध्यक्ष रवि आजाद से बातचीत
har_lru_01_Hospital Me Docter Nhi_hrc10008-बी3:-ग्रामीण जगदीश सांगवान कुमार से बातचीत
har_lru_01_Hospital Me Docter Nhi_hrc10008-बी4:-नियुक्त कर्मचारी दिलबाग सिंह से बातचीत।Conclusion:हॉस्पिटल में ग्रामीणों द्वारा हंगामा करने की सूचना नियुक्त कर्मचारी को मिलने मिलने के बाद वह मौके पर पहुंचे और धरने पर बैठे ग्रामीणों के बीच आकर कर्मचारी दिलबाग सिंह बुढेडा ने धरने में बताया उन्होंने कहा कि वह मानते हैं कि लंबे समय से बीमार होने के कारण वह आ नहीं पाए अब वह लोगों के बीच हैं और ग्रामीणों ने जो भी सजा दे वह उन्हें मंजूर है धरने पर ही लोगों के आगे हाथ जोड़कर कर्मचारी गिड़गिड़ाना लगा
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