भिवानी: लोहारू के चैहड़ कलां गांव के पशु अस्पताल में लंबे समय से नियुक्त कर्मचारी अस्पताल नहीं आ रहा है. इसके अलावा दवाइयां और पशुओं को सही इलाज नहीं मिलने से ग्रामीण परेशान हैं. ग्रामीणों ने अनेकों बार इसकी शिकायत की लेकिन समस्या का निदान नहीं हुआ, जिस कारण हारे हुए ग्रामीणों ने इस समस्या के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में धरने पर बैठ गए.
'नही पहुंच रही सेवा'
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जिस कर्मचारी की यहां पर नियुक्ति है. वो लंबे समय से यहां पर नहीं पहुंच रहा. उन्होंने अपनी जगह पर किसी एक प्राइवेट लड़के को रखा हुआ है. वही हॉस्पिटल को खोलता है और वही पशुओं का इलाज करता है. ऐसा नहीं है कि ये एक दो महीने से ऐसा चल रहा हो बल्कि ये मामला पिछले कई साल से प्रशासन की नाक के नीचे चल रहा था और नियुक्त कर्मचारी अपने यहां से तनख्वाह के पैसे डकार रहा है.
'पशुओं की सुरक्षा के हों सही इंतजाम'
ग्रामीणों का साथ देने के लिए भाकियू बहल इकाई से जुड़े नेता भी पहुंचे और लोगों की मांग को जायज ठहराते हुए उनके साथ धरने पर बैठ गए. लोगों ने कहा कि लंबे समय से न तो अस्पताल में नियुक्त कर्मचारी ड्यूटी करने आ रहे हैं और न हीं दवाइयों की कोई व्यवस्था है. उनको मजबूरन निजी पशु चिकित्सकों से महंगा इलाज करवाना पड़ रहा है.
वहीं सरकार पशुपालन को बढ़ावा देने के नाम पर लाखों रुपये खर्च कर रही है. जबकि धरातल पर पशुओं की चिकित्सा, सुरक्षा के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. लोगों ने कहा कि वे सरकार और प्रशासन से मांग करते हैं कि उनके पशुओं की सुरक्षा के लिए सही इंतजाम किए जाएं.