भिवानी: प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में जहां पहले लड़कियों को बोझ समझा जाता था और घर से बाहर नहीं निकलने दिया जाता था वहीं इसको लेकर अब लोगों की सोच में व्यापक बदलाव देखने को मिल रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में अब लड़की के जन्म पर भी लड़कों की तरह कुआं पूजन की रस्म अदा की जाने लगी हैं. इसके साथ ही लड़कियों की घुड़चड़ी (girls ghudchadi in bhiwani) की रस्म भी की जा रही है.
ताजा मामला भिवानी जिले के हसान गांव का है, जहां इन दिनों दो बहनों की घुड़चढ़ी (ghudchadi of two daughters in bhiwani) कर रस्म चर्चा का विषय बनी हुई है. 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' नारे का असर ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्पष्ट दिखाई देने लगा है. ऐसा ही नजारा भिवानी जिले के हसान गांव में देखने को मिला, जहां दो लड़कियों ने घोड़े पर बैठकर बनवारा निकाला. घुड़चढ़ी की यह रस्म इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है.
हसान गांव की बेटी नितिका व दीपिका की शादी से पहले बेटों की तरह घुड़चढ़ी की रस्म अदा की गई. इस दौरान इनके माता पिता खुशी में जमकर थिरके. दोनों बहनों ने ग्रेजुएट तक की पढ़ाई की हुई है.
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नितिका की शादी काकड़ोंली निवासी नीरज व दीपिका की भैसली निवासी सुरेंद्र के साथ तय हुई है. इनके पिता बलबीर व माता विनोद ने अपनी बेटियों का पालन-पोषण बेटों की तरह किया था. उनका सपना था कि वे शादी में भी लड़कों की तरह से इनकी रस्में अदा करें. इसी सोच के चलते शादी से पहले गांव हसान में दोनों लड़कियों की घुड़चढ़ी की रस्म अदा की गई.इस खुशी के अवसर पर परिवार के सदस्यों के साथ ही यहां आए हुए मेहमान भी उत्साहित थे.