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ये है हरियाणा सरकार का 'सुपर ब्रेन योगा', स्कूलों में बच्चों ने शुरू की कान पकड़कर 'उठक-बैठक

'सुपर ब्रेन योगा' करने से बच्चों को कितना फायदा हो रहा है. इसका पता बच्चों के रिजल्ट से पता चलेगा. अगर ऐसा करने से बच्चों के रिजल्ट अच्छे होते हैं तो इसे हरियाणा के दूसरे स्कूलों में भी जल्द शुरू किया जाएगा.

'सुपर'तेज होंगे हरियाणा के बच्चे ! सरकारी स्कूलों में 'सुपर ब्रेन योगा' शुरू
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Published : Jul 8, 2019, 7:22 PM IST

Updated : Jul 8, 2019, 7:55 PM IST

भिवानी: हरियाणा शिक्षा विभाग की नई पहल 'सुपर ब्रेन योगा' प्रयोग शुरू हो चुका है. इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर भिवानी के सर्वपल्ली राधाकृष्णन लैब स्कूल में शुरू किया गया है. अगर ये प्रोजेक्ट सफल रहा तो इसे दूसरे सरकारी स्कूलों में भी अगले साल से शुरू किया जाएगा.

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गर्मी की छुट्टियां खत्म होने के बाद स्कूल के पहले दिन से 'सुपर ब्रेन योगा' को शुरू किया गया है. इसके तहत बच्चों ने हाथों को क्रॉस करके कानों को पकड़ा और फिर 1 मिनट तक उठक-बैठक यानी की 'सुपर ब्रेन योगा' किया. छात्रों ने बताया कि ऐसा करने से उनका मन पढ़ाई में और ज्यादा लगेगा और वो ज्यादा अच्छे से पढ़ाई कर पाएंगे.

शिक्षा बोर्ड के सचिव राजीव प्रसाद ने बताया कि पुराने समय में बच्चों को उठक-बैठक लगवाकर, हाथ खड़े कराकर या मुर्गा बना कर सजा दी जाती थी. इस सजा का मतलब बच्चों को परेशान करना नहीं था, बल्कि इसके पीछे वैज्ञानिक कारण था. ऐसा करने से बच्चों में पढाई के प्रति रुचि बढ़ती है और याद रखने की क्षमता भी बढ़ती है.

'सुपर ब्रेन योगा' करने से बच्चों को कितना फायदा हो रहा है. इसका पता बच्चों के रिजल्ट से पता चलेगा. अगर ऐसा करने से बच्चों के रिजल्ट अच्छे होते हैं तो हरियाणा के दूसरे सरकारी स्कूलों में भी इसे अगले साल से शुरू किया जाएगा.

भिवानी: हरियाणा शिक्षा विभाग की नई पहल 'सुपर ब्रेन योगा' प्रयोग शुरू हो चुका है. इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर भिवानी के सर्वपल्ली राधाकृष्णन लैब स्कूल में शुरू किया गया है. अगर ये प्रोजेक्ट सफल रहा तो इसे दूसरे सरकारी स्कूलों में भी अगले साल से शुरू किया जाएगा.

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गर्मी की छुट्टियां खत्म होने के बाद स्कूल के पहले दिन से 'सुपर ब्रेन योगा' को शुरू किया गया है. इसके तहत बच्चों ने हाथों को क्रॉस करके कानों को पकड़ा और फिर 1 मिनट तक उठक-बैठक यानी की 'सुपर ब्रेन योगा' किया. छात्रों ने बताया कि ऐसा करने से उनका मन पढ़ाई में और ज्यादा लगेगा और वो ज्यादा अच्छे से पढ़ाई कर पाएंगे.

शिक्षा बोर्ड के सचिव राजीव प्रसाद ने बताया कि पुराने समय में बच्चों को उठक-बैठक लगवाकर, हाथ खड़े कराकर या मुर्गा बना कर सजा दी जाती थी. इस सजा का मतलब बच्चों को परेशान करना नहीं था, बल्कि इसके पीछे वैज्ञानिक कारण था. ऐसा करने से बच्चों में पढाई के प्रति रुचि बढ़ती है और याद रखने की क्षमता भी बढ़ती है.

'सुपर ब्रेन योगा' करने से बच्चों को कितना फायदा हो रहा है. इसका पता बच्चों के रिजल्ट से पता चलेगा. अगर ऐसा करने से बच्चों के रिजल्ट अच्छे होते हैं तो हरियाणा के दूसरे सरकारी स्कूलों में भी इसे अगले साल से शुरू किया जाएगा.

Intro:रिपोर्ट इन्द्रवेश दुहन भिवानी
दिनांक 8 जुलाई।
शुरू हुआ ‘सुपर ब्रेन योग
कान पकड़कर बैठक उठक लगाने से होता है सुपर ब्रेन योग
प्रार्थना के समय शुरू हुआ ‘सुपर ब्रेन योगा
शिक्षा बोर्ड ने अपने राधा कृष्णन लैब स्कूल से की शुरूआत
सभी बच्चों के कान पकड़ा कर करवाई गई उठक बैठक
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने एक अनुठी पहल शुरु की है। अगर आपके बच्चे का दिमाग कम चलता है, उसका पढाई में मन नहीं लगता या फिर पढने के बाद कुछ याद नहीं रहता तो, शिक्षा बोर्ड की ये पहल आपके बच्चों के लिए वरदान साबित हो सकती है। सुपर ब्रौन योगा के नाम से ये पहल शुरु की गई है। क्या है पूरा माजरा...देखिये भिवानी से ये रिपोर्ट...
ये बच्चे हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के राधा कृष्णन लैब स्कूल के बच्चे हैं। स्कूल के सभी बच्चे अपने दोनों कान पकङ कर उठक बैठक लगाते इन बच्चों ने ना तो गलती कि है और ना ही कोई सरारत। ये सब बच्चे अपने योग कोच के आदेश पर ये सब कर रहे हैं और योगा कोच शिक्षा बोर्ड प्रशासन के निर्देश पर ये सब करवा रहे हैं। आपको बताते हैं कि दरअसल शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने बच्चों का मन पढाई में लगाने तथा यादास्त तेज करने के लिए सुपर ब्रौन योगा के नाम से ये अनुठी पहल शुरु की है।
Body: शिक्षा बोर्ड सचिव राजीव प्रसाद ने बताया कि पूराने समय में बच्चों को कान पकङवाना, उठक-बैठक लगवाना, हाथ खङे करना या मूर्गा बना कर सजा दी जाती थी। इस सजा का मतलब बच्चों को परेशान करना नहीं था, बल्कि इसके पिछे वैज्ञानिक कारण था। बच्चों द्वारा अपने कान पकङने, हाथ खङे करने, उठक-बैठक करने या मूर्गा बनने से रक्त संचार बढता है और उनमें एकाग्रता आती है। इससे बच्चों में पढाई के प्रति रूची बढती है और याद रखने की क्षमता बढती है। सचिव राजीव प्रसाद ने बताया कि इसी को लेकर लैब स्कूल में प्रयोग के तौर पर सुपर ब्रौन योगा शुरु किया है ताकि बच्चों में पढने, सिखने व याद करने की क्षमता बढे। उन्होने बताया कि दंड के रूप में दिखने वाला ये योग हर रोज एक से तीन मीनट करवाया जाएगा और इसके परिणाम सकारात्मक आने पर इसे पूरे प्रदेश के स्कूलों में शुरु किया जाएगा।
Conclusion: सुपर ब्रौन योगा के तहत लंबी छूट्टी के बाद स्कूल आकर प्रार्थना में अपने दोनों कान पकङ उठक बैठक लगाने वाले बच्चों ने भी इस पहल की बुराई की बजाय सरहाना की। बच्चों ने बताया कि जो बच्चे कम पढते हैं या कम याद रहता है उनका मन पढाई में लगेगा और याद रहेगा। वहीं जो बच्चे अच्छे पढते हैं और याद भी रहता है उनकी पढाई व यादास्त और तेज होगी। बच्चों ने बताया कि सुपर ब्रौन योगा करते समय उन्हे कोई परेशानी नहीं हुई।
बाइट- राजीव प्रसाद (शिक्षा बोर्ड सचिव) & स्कूली बच्चे
Last Updated : Jul 8, 2019, 7:55 PM IST
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