भिवानी: जिले के गांव बड़सी में सुसाइड के मामले में रविवार को हुई पंचायत द्वारा लिए गए फैसले का सोमवार को असर देखने को मिला. गांव के स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या आधे से भी कम थी.
आपको बता दें कि गांव बड़सी में सुसाइड के मामले को 5 दिन बीत चुके हैं और आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने के कारण ग्रामीणों में रोष है. परिजनों और ग्रामीणों का कहना है कि जब तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, तब तक वे शव नहीं लेंगे.
क्या है मामला?
बड़े भाई के प्रेम प्रसंग के कारण जिले के बड़सी गांव के 23 साल के युवक बिट्टू ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली. परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि हांसी पुलिस ने युवक को तीन दिन तक अवैध कस्टडी में रख उसे टॉर्चर किया. जिसकी वजह से उसने आत्महत्या कर ली. परिजनों के अनुसार बिट्टू पुलिस के टॉर्चर को झेल न सका और उसने तंग हो जहर खाकर सुसाइड कर ली.
इस पूरे मामले पर गाव के सरपंच सुनील ने कहा कि गांव में एक लड़के ने पुलिस की प्रताड़ना से तंग होकर आत्महत्या कर ली थी, जिस पर पुलिस प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि हमारी मांग थी की दोषियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए.
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उन्होंने कहा कि मामले में हम भिवानी में एसपी से भी मिले थे, जहां से उन्हें 7 दिन का आश्वासन दिया गया था और स्कूलों में बच्चे भेजने का फैसले का मकसद उनका यही था कि बच्चों को स्कूलों में पढ़ाकर क्या करेंगे, जब पुलिस ही उन्हें मार रही है.