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भिवानी का बड़सी सुसाइड मामला: पंचायत के फैसले का स्कूलों पर दिखा असर

बड़सी सुसाइड मामले में ग्राम प्रचायत ने फैसला लिया था कि गांव के बच्चे स्कूल नहीं जाएंगे. सोमवार को इस फैसले का असर देखने को मिला है. परीक्षा होने के बावजूद आधे से भी कम विद्यार्थी स्कूल पहुंचे थे.

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Published : Aug 5, 2019, 7:03 PM IST

बड़सी सुसाइड मामला

भिवानी: जिले के गांव बड़सी में सुसाइड के मामले में रविवार को हुई पंचायत द्वारा लिए गए फैसले का सोमवार को असर देखने को मिला. गांव के स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या आधे से भी कम थी.

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आपको बता दें कि गांव बड़सी में सुसाइड के मामले को 5 दिन बीत चुके हैं और आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने के कारण ग्रामीणों में रोष है. परिजनों और ग्रामीणों का कहना है कि जब तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, तब तक वे शव नहीं लेंगे.

क्या है मामला?
बड़े भाई के प्रेम प्रसंग के कारण जिले के बड़सी गांव के 23 साल के युवक बिट्टू ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली. परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि हांसी पुलिस ने युवक को तीन दिन तक अवैध कस्टडी में रख उसे टॉर्चर किया. जिसकी वजह से उसने आत्महत्या कर ली. परिजनों के अनुसार बिट्टू पुलिस के टॉर्चर को झेल न सका और उसने तंग हो जहर खाकर सुसाइड कर ली.

इस पूरे मामले पर गाव के सरपंच सुनील ने कहा कि गांव में एक लड़के ने पुलिस की प्रताड़ना से तंग होकर आत्महत्या कर ली थी, जिस पर पुलिस प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि हमारी मांग थी की दोषियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए.

ये भी पढ़ें- बड़े भाई के प्रेम प्रसंग में छोटे भाई ने की आत्महत्या, परिजनों ने किया प्रदर्शन

उन्होंने कहा कि मामले में हम भिवानी में एसपी से भी मिले थे, जहां से उन्हें 7 दिन का आश्वासन दिया गया था और स्कूलों में बच्चे भेजने का फैसले का मकसद उनका यही था कि बच्चों को स्कूलों में पढ़ाकर क्या करेंगे, जब पुलिस ही उन्हें मार रही है.

भिवानी: जिले के गांव बड़सी में सुसाइड के मामले में रविवार को हुई पंचायत द्वारा लिए गए फैसले का सोमवार को असर देखने को मिला. गांव के स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या आधे से भी कम थी.

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आपको बता दें कि गांव बड़सी में सुसाइड के मामले को 5 दिन बीत चुके हैं और आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने के कारण ग्रामीणों में रोष है. परिजनों और ग्रामीणों का कहना है कि जब तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, तब तक वे शव नहीं लेंगे.

क्या है मामला?
बड़े भाई के प्रेम प्रसंग के कारण जिले के बड़सी गांव के 23 साल के युवक बिट्टू ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली. परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि हांसी पुलिस ने युवक को तीन दिन तक अवैध कस्टडी में रख उसे टॉर्चर किया. जिसकी वजह से उसने आत्महत्या कर ली. परिजनों के अनुसार बिट्टू पुलिस के टॉर्चर को झेल न सका और उसने तंग हो जहर खाकर सुसाइड कर ली.

इस पूरे मामले पर गाव के सरपंच सुनील ने कहा कि गांव में एक लड़के ने पुलिस की प्रताड़ना से तंग होकर आत्महत्या कर ली थी, जिस पर पुलिस प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि हमारी मांग थी की दोषियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए.

ये भी पढ़ें- बड़े भाई के प्रेम प्रसंग में छोटे भाई ने की आत्महत्या, परिजनों ने किया प्रदर्शन

उन्होंने कहा कि मामले में हम भिवानी में एसपी से भी मिले थे, जहां से उन्हें 7 दिन का आश्वासन दिया गया था और स्कूलों में बच्चे भेजने का फैसले का मकसद उनका यही था कि बच्चों को स्कूलों में पढ़ाकर क्या करेंगे, जब पुलिस ही उन्हें मार रही है.

Intro:रिपोर्ट इन्द्रवेश दुहन भिवानी
दिनांक 5 अगस्त।
बड़सी सुसाइड मामला :
पंचायत के फैसले का स्कूलों पर दिखा असर
परीक्षा होने के बावजूद आधे से भी कम विद्यार्थी पहुंचे स्कूल
कुल 212 में से मात्र 70-80 विद्यार्थी ही पहुंचे स्कूल
बड़सी में 9 गांव के ग्रामीणों ने पंचायत कर लिया था फैसला
भिवानी जिला के गांव बड़सी में सुसाईड के मामले में रविवार को हुई पंचायत द्वारा लिए गए फैसले का सोमवार को असर देखने को मिला। गांव के स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या आधे से भी कम थी। परीक्षा एव पंचायत के फैसले के बावजूद भी स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या 212 में से केवल 70-80 के आसपास थी। आपको बता दे की गांव बड़सी में सुसाईड के मामले को 5 दिन बीत चुके है और आरोपित की गिरफ्तारी नहीं होने के कारण ग्रामीणों में रोष है। परिजनों और ग्रामीणों का कहना है कि जब तक आरोपितों को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, तब तक वे शव नहीं लेंगे।
बता दे कि गांव बड़सी के बिट्टू की जहर निगलने से 4 दिन पहले मौत हो गई थी। मगर यह सुसाइड किसी और कारण से नहीं, बल्कि पुलिस की प्रताडऩा से तंग होकर किया गया था। जहर निगलने के बाद युवक को हिसार के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल भिवजा दिया था। बिट्टू को लगतार तीन दिनों से पुलिस थाने में उठाकर ले जाती थी। सवाल पर सवाल किए जाते थे और मानसिक रूप से प्रताडि़त कर शाम को वापस घर जाने के लिए कह दिया जाता था। कुछ ऐसे ही आरोप मृतक के परिजनों ने लगाए हैं। मृतक के भाई ने हांसी सदर थाना के पांच पुलिसकर्मियों पर टॉर्चर करने का आरोप लगाया है। परिजनों के अनुसार बिट्टू पुलिस के टॉर्चर को झेल न सका और उसने तंग हो जहर खाकर अपनी जीवनलीला ही समाप्त कर ली थी।
Body:स्कूल प्राचार्या संतोष मलिक ने बताया कि हमे आज सुचना मिली थी की गांव में पंचायत द्वारा बच्चों को स्कूल नहीं भेजने का निर्णय लिया गया है। गांव में सुसाईड के मामले को लेकर जिससे कि आज स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या भी आधे से कम है और परीक्षा होने की वजह से भी स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या कम है।
गाव के सरपंच सुनील ने कहा कि गांव में एक लडक़े ने पुलिस की प्रताडऩा से तंग होकर आत्महत्या कर ली थी, जिस पर पुलिस प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी हमारी मांग थी की दोषियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कार्रवाही की जाए। मामले में हम भिवानी में एसपी से भी मिले थे, जहां से उन्हे 7 दिन का दिन का आश्वासन दिया गया था और स्कूलों में बच्चे भेजने का फैसले का मकसद उनका यही था कि बच्चो का स्कूलों में पढ़ाकर क्या करेंगे, जब पुलिस ही उन्हें मार रही है, पीट रही है यह केवल रोष पूर्ण फैसला था।
Conclusion: वही ग्रामीण माया देवी का कहना था की बड़सी गांव में पुलिस प्रताडऩा से तंग हो युवक द्वारा सुसाइड के मामले में रविवार को पंचायत ने स्कूलों और बैंकों को बंद करने का फैसला लिया था, जिससे की आज स्कूल में बच्चे नहीं जा पाए।
बाईट : माया देवी ग्रामीण, सुनील सरपंच गांव बड़सी एवं संतोष मलिक स्कूल प्राचार्या।
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