भिवानी: पैरा ताइक्वांडो खिलाड़ी अरुणा तंवर का टोक्यो पैरा ओलंपिक में चयन हुआ है. अरुणा टोक्यो पैरा ओलंपिक में क्वालीफाई करने वाली भारत की पहली ताइक्वांडो खिलाड़ी होंगी. उनकी इस उपलब्धि पर उनके गांव, और परिवार में खुशी का माहौल है. वहीं उनको देश और प्रदेश की बड़ी-बड़ी हस्तियों की ओर से बधाई और शुभकामनाएं मिल रही हैं.
अरुणा के चयन से तो पूरा देश खुश है, लेकिन इसके पीछे उनके स्वयं और परिवार का संघर्ष भी छिपा है. भिवानी जिले के गांव दिनोद की 21 वर्षीय अरुणा तंवर टोक्यो पैरा ओलंपिक के ताइक्वांडो खेल में 49 किलोग्राम भार वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी. पैरा खिलाड़ी अरुणा तंवर ने बताया कि उन्होंने एक साधारण परिवार से उठकर ओलंपिक तक का सफर तय किया है. अरुणा को इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए उनके पिता ने ना केवल कर्ज लिया, बल्कि परिवार के गहने तक बेचें.
अरुणा तंवर ने बताया कि कई बार परिस्थितियों के साथ समझौता किया मगर हार नहीं मानी, और अब परिवार की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए उन्होंने पैरा ओलंपिक तक का सफर तय किया है. उन्होंने कहा कि इस दौरान कई ऐसे लोग भी मिले जिन्होंने मनोबल तोड़ने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने ऐसे लोग और मनोबल तोड़ने वाली बातों पर ध्यान नहीं दिया और अपने खेल पर ध्यान दिया.
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अरुणा की माता सोनिया देवी ने बताया कि अरुणा ने बचपन में ही खेल की शुरूआत की थी. वर्ष 2016 में उन्होंने ताइक्वांडो खेल को अपनाया. इससे पहले वो दिव्यांग होते हुए भी सामान्य वर्ग में खेलती रही थी. उन्होंने बताया कि लोग बोलते थे कि इसको घर के कामों में लगाओ मगर हमनें किसी की ना सुनकर अपनी बेटी को खेलने दिया और आज उसने हमारे साथ-साथ पूरे देश और प्रदेश का नाम रोशन किया है.
अरुणा के पिता एक निजी कंपनी में ड्राइवर हैं और माता घरेलू महिला हैं. बता दें कि, टोक्यो पैरा ओलंपिक 24 अगस्त से पांच सितंबर तक खेले जायेंगे. ऐसे में पांच बार की राष्ट्रीय चैम्पियन अरुणा तंवर से उम्मीद है कि पैरा ओलंपिक में वो स्वर्ण पदक जीतकर अपने देश का नाम रोशन करेंगी.
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