भिवानी: जिला बाल कल्याण परिषद की जमीन आवंटन धांधली मामले में अब राज्य सूचना आयोग ने कड़ा संज्ञान लिया है. आयोग ने जिला बाल कल्याण अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
इतना ही नहीं राज्य सूचना आयोग ने मांगी गई सूचनाएं भी दो सप्ताह के अंदर दिए जाने के कड़े आदेश दिए हैं. इसी के साथ सूचना आयोग ने अपने आदेश में 25 हजार रुपये जुर्माना लगाने का भी हवाला दिया है.
दरअसल जिला बाल कल्याण की जगह पर स्वीमिंग पुल निर्माण में व्यापक स्तर पर धांधली के उजागर होने के बाद मामले की जांच राज्य बाल कल्याण परिषद ने जांच करवाने के आदेश दिए थे. स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने 12 जून 2018 को जिला बाल कल्याण परिषद कार्यालय से स्वीमिंग पुल निर्माण से जुड़े तथ्यों की आरटीआई के जरिए जानकारी मांगी थी. इस पर निर्धारित अवधि में कोई सूचना उपलब्ध नहीं कराई.
इसके बाद पहली अपील 30 जुलाई को जिला उपायुक्त के समक्ष की गई. इसके बाद सूचना में गलत तथ्य उपलब्ध कराए गए. इसी मामले में 19 सितम्बर को राज्य सूचना आयोग के समक्ष अपील की गई.
मामले की सुनवाई 7 फरवरी 2019 को हुई. जिस पर राज्य सूचना आयुक्त हेमंत अत्री ने इस मामले में कड़ा संज्ञान लेते हुए जिला बाल कल्याण अधिकारी को सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराने पर कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए दो सप्ताह के अंदर सूचनाएं उपलब्ध कराने के आदेश दिए. इसी के साथ राज्य सूचना आयुक्त ने सूचनाएं नहीं उपलब्ध कराने पर 25 हजार रुपये जुर्माना लगाने की भी कड़ी चेतावनी दी है.