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साइबर क्राइम के खिलाफ हरियाणा पुलिस की मुहिम, भिवानी में हुए सेमिनार में आईजी ने पढ़ाया पाठ

भिवानी के वैश्य महाविद्यालय में हुए सेमिनार (seminar in Vaishya Mahavidyalaya Bhiwani) में गुरुग्राम अपराध शाखा की पुलिस महानिरीक्षक डॉ. राजश्री ने आमजन से साइबर क्राइम के प्रति जागरूक होने की अपील की. इस दौरान उन्होंने विद्यार्थियों को साइबर क्राइम के संबंध में जानकारी भी दी.

seminar in Vaishya Mahavidyalaya Bhiwani
साइबर क्राइम के खिलाफ हरियाणा पुलिस की मुहिम
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Published : Mar 6, 2023, 3:32 PM IST

भिवानी: दिनों-दिन बढ़ रहे डिजिटल लेन-देन के साथ ही साइबर क्राइम में भी बढ़ोतरी हो रही है. झारखंड, उत्तर प्रदेश, गंगानगर, नूंह आदि स्थानों से अनेक साइबर अपराधी भोले-भाले लोगों से संपर्क कर उन्हें झांसा देकर उनकी निजी जानकारी हासिल कर उनके बैंक अकाउंट खाली कर रहे हैं. हरियाणा पुलिस ने साइबर क्राइम के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए पहल की है. इसी कड़ी में गुरुग्राम अपराध शाखा की पुलिस महानिरीक्षक डॉ. राजश्री के निर्देशन में भिवानी में साइबर क्राइम रोकने को लेकर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. वैश्य महाविद्यालय भिवानी में हुई इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में दक्षिण हरियाणा के 150 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया.

अपराध शाखा गुरुग्राम की महानिरीक्षक डॉ. राजश्री ने साइबर जागरूकता अभियान के दौरान कहा कि बदलते समय में मोबाइल की उपयोगिता बढ़ी है. अब अधिकांश कार्य कार्य ऑनलाइन किए जाने लगे हैं. जिसके कारण साइबर टेररिज्म शब्द उभकर कर आया है, क्योंकि अब सीधी लड़ाई नहीं है बल्कि ऑनलाइन माध्यम से लड़ाई लड़ी जाने लगी है.

पढ़ें: पहलवान नैना कैनवाल राजस्थान पुलिस से सस्पेंड, हरियाणा पुलिस ने आर्म्स ऐक्ट में किया था गिरफ्तार

इसमें कुछ अपराधिक प्रवृत्ति के लोग मोबाइल के माध्यम से आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक डिटेल व अन्य व्यक्तिगत सूचनाएं लिंक भेजकर या स्पैम ई-मेल के माध्यम से ले लेते हैं और बैंक खाते से रुपए निकाल लेते हैं. इतना ही नहीं निजी जानकारी और फोटोग्राफ हासिल करने के बाद साइबर अपराधी इन्हें सार्वजनिक करने की धमकी देकर लोगों को ब्लैकमेल भी करते हैं.

उन्होंने कहा कि लोगों को साइबर क्राइम के प्रति जागरूक होना चाहिए. छोटी-छोटी जानकारी हासिल कर साइबर क्राइम से काफी हद तक बचा जा सकता है. जैसे किसी भी व्यक्ति से अपने बैंक संबंधी जानकारी साझा नहीं करें. पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि किसी भी साइबर अपराध के लिए सेल के नंंबर 1930 या पुलिस को 112 नंबर पर तुरंत सूचना दें, ताकि साइबर क्राइम पर अंकुश लगाया जा सके.

पढ़ें: करनाल में दो मोटरसाइकिल चोर गिरफ्तार, चोरी की गई 17 बाइकें बरामद

इस अवसर पर महानिरीक्षक ने होली के त्योहार को देखते हुए आमजन से पानी के सीमित प्रयोग के साथ ही कानून व्यवस्था बनाए रखने की भी अपील की. उन्होंने कहा कि होली का त्योहार आपसी भाईचारे व प्रेम के साथ मनाएं. होली खेलते समय सामने वाले की इच्छा को देखते हुए व्यवहार करें, ताकि आपसी भाईचारा बना रह सके. सेमिनार में साइबर अपराध विषय पर कार्य करने वाले डॉ. कृष्ण व महाविद्यालय से जुड़े सुरेश गुप्ता व संजय गोयल ने बताया कि डिजिटल लेन-देन बढ़ने के कारण साइबर क्राइम भी बढ़ा है.

ऐसे में इसकी जागरूकता को लेकर काम करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि साइबर अपराध से बचने के लिए मोबाइल उपयोगकर्ता को अपने एंड्रॉयड फोन की सेटिंग में जाकर डिजिटल वेलबीइंग को नियंत्रित करना चाहिए. इसके तहत आप अपने मोबाइल फोन की ऐप को नियंत्रित कर सकते हैं. जिससे उनका उपयोग नहीं होने पर उन पर आने वाले नोटिफिकेशन आपको परेशान नहीं करेंगे. इसके साथ ही कोई व्यक्ति आप के फोन से जानकारी भी नहीं चुरा सकेगा.

भिवानी: दिनों-दिन बढ़ रहे डिजिटल लेन-देन के साथ ही साइबर क्राइम में भी बढ़ोतरी हो रही है. झारखंड, उत्तर प्रदेश, गंगानगर, नूंह आदि स्थानों से अनेक साइबर अपराधी भोले-भाले लोगों से संपर्क कर उन्हें झांसा देकर उनकी निजी जानकारी हासिल कर उनके बैंक अकाउंट खाली कर रहे हैं. हरियाणा पुलिस ने साइबर क्राइम के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए पहल की है. इसी कड़ी में गुरुग्राम अपराध शाखा की पुलिस महानिरीक्षक डॉ. राजश्री के निर्देशन में भिवानी में साइबर क्राइम रोकने को लेकर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. वैश्य महाविद्यालय भिवानी में हुई इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में दक्षिण हरियाणा के 150 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया.

अपराध शाखा गुरुग्राम की महानिरीक्षक डॉ. राजश्री ने साइबर जागरूकता अभियान के दौरान कहा कि बदलते समय में मोबाइल की उपयोगिता बढ़ी है. अब अधिकांश कार्य कार्य ऑनलाइन किए जाने लगे हैं. जिसके कारण साइबर टेररिज्म शब्द उभकर कर आया है, क्योंकि अब सीधी लड़ाई नहीं है बल्कि ऑनलाइन माध्यम से लड़ाई लड़ी जाने लगी है.

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इसमें कुछ अपराधिक प्रवृत्ति के लोग मोबाइल के माध्यम से आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक डिटेल व अन्य व्यक्तिगत सूचनाएं लिंक भेजकर या स्पैम ई-मेल के माध्यम से ले लेते हैं और बैंक खाते से रुपए निकाल लेते हैं. इतना ही नहीं निजी जानकारी और फोटोग्राफ हासिल करने के बाद साइबर अपराधी इन्हें सार्वजनिक करने की धमकी देकर लोगों को ब्लैकमेल भी करते हैं.

उन्होंने कहा कि लोगों को साइबर क्राइम के प्रति जागरूक होना चाहिए. छोटी-छोटी जानकारी हासिल कर साइबर क्राइम से काफी हद तक बचा जा सकता है. जैसे किसी भी व्यक्ति से अपने बैंक संबंधी जानकारी साझा नहीं करें. पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि किसी भी साइबर अपराध के लिए सेल के नंंबर 1930 या पुलिस को 112 नंबर पर तुरंत सूचना दें, ताकि साइबर क्राइम पर अंकुश लगाया जा सके.

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इस अवसर पर महानिरीक्षक ने होली के त्योहार को देखते हुए आमजन से पानी के सीमित प्रयोग के साथ ही कानून व्यवस्था बनाए रखने की भी अपील की. उन्होंने कहा कि होली का त्योहार आपसी भाईचारे व प्रेम के साथ मनाएं. होली खेलते समय सामने वाले की इच्छा को देखते हुए व्यवहार करें, ताकि आपसी भाईचारा बना रह सके. सेमिनार में साइबर अपराध विषय पर कार्य करने वाले डॉ. कृष्ण व महाविद्यालय से जुड़े सुरेश गुप्ता व संजय गोयल ने बताया कि डिजिटल लेन-देन बढ़ने के कारण साइबर क्राइम भी बढ़ा है.

ऐसे में इसकी जागरूकता को लेकर काम करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि साइबर अपराध से बचने के लिए मोबाइल उपयोगकर्ता को अपने एंड्रॉयड फोन की सेटिंग में जाकर डिजिटल वेलबीइंग को नियंत्रित करना चाहिए. इसके तहत आप अपने मोबाइल फोन की ऐप को नियंत्रित कर सकते हैं. जिससे उनका उपयोग नहीं होने पर उन पर आने वाले नोटिफिकेशन आपको परेशान नहीं करेंगे. इसके साथ ही कोई व्यक्ति आप के फोन से जानकारी भी नहीं चुरा सकेगा.

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