भिवानी: अपनी मांगों को लेकर हरियाणा के किसान लगातार प्रदेश के विभिन्न जिलों में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं, भिवानी में आज संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसान संगठनों ने हरियाणा में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से बर्बाद फसलों की गिरदावरी कर मुआवजा देने और गेहूं की गुणवत्ता में रेट कटौती न करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. इसके साथ ही किसान संगठनों ने उपायुक्त कार्यालय भिवानी के सामने प्रदर्शन किया और मांगों से संबंधित ज्ञापन पत्र सौंपा.
संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य व किसान सभा के जिला उप प्रधान ने कहा कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2023-24 की गेहूं खरीद के संबंध में दाने के आकार और लस्टर वैल्यू के आधार पर समर्थन मूल्य में कटौती के निर्देश जारी किए जाने से किसानों में भारी गुस्सा है. इस वर्ष बेमौसमी बारिश, ओले और तीव्र गति से चली हवाओं से प्रदेश के सभी जिलों में गेहूं और रबी की अन्य फसलों को भारी नुकसान हुआ है.
किसान संगठनों का कहना है कि केंद्र सरकार ने किसानों को राहत देने की बजाए उन्हें दंडित करने का फरमान जारी कर दिया. उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा इस किसान विरोधी निर्देश को वापस लेने की मांग करता है. इसी तरह राज्य सरकार से भी मांग करता है कि वह रबी फसल की प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की जल्द विशेष गिरदावरी कराकर उचित मुआवजा पीड़ित किसानों को घोषणा के अनुरूप मई माह में दिलवाए.
उन्होंने कहा कि गेहूं की फसल कट रही है और घोषणा के अनुरूप गिरदावरी नहीं हो रही है. इस मौके पर उन्होंने अनाज मंडियों में सरसों और गेहूं की सरकारी खरीद प्रक्रिया तेज करने और बारिश से बचाने के लिए तिरपालों की व्यवस्था करने की मांग की. इसके साथ ही उन्होंने लस्टर वैल्यू के आधार पर कोई कटौती नहीं करने की मांग की.
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