भिवानी: भिवानी: हरियाणा के सरकारी स्कूलों की स्थिति को आरटीआई में बड़ा खुलासा हुआ है. दरअसल स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत हरियाणा के निजी स्कूलों की सूचना मांगी थी.जिसका जवाब चौंकाने वाला मिला है.
आरटीआई में मिले जवाब के मुताबिक हरियाणा में करीब 8500 निजी स्कूल हैं. जिसमें से दस साल पूरा होने के बाद महज 25 निजी स्कूलों ने ही मान्यता रिव्यू के लिए आवेदन किया है. इनमें से तीन स्कूलों को मान्यता मिली है. हैरानी की बात तो ये भी है कि निजी स्कूलों की मान्यता को रिव्यू करने के लिए अधिकारियों ने कब-कब निरीक्षण किया. इसका कोई रिकॉर्ड ही मौजूद नहीं है.
बता दें कि हरियाणा में करीब 8500 निजी स्कूल हैं. सरकार ने नियम बनाया कि दस साल पूरे होने पर निजी स्कूलों को मान्यता रिन्यू करवाने के लिए आवेदन करना पड़ेगा. जिसके बाद सरकार स्कूल का रिव्यू कर ये तय करेगी कि स्कूल तय मानकों पर खरा उतरता है या नहीं, अगर स्कूल तय मानकों पर खरा नहीं उतरा तो उसकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी.
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि संगठन की शिकायत के बाद शिक्षा निदेशालय ने 6 नवंबर 2018 को एक पत्र जारी किया था, जिसमें दस साल पुराने सभी निजी स्कूलों को अपनी मान्यता रिव्यू कराने के आदेश दिए थे, लेकिन अभी तक निजी स्कूलों ने मान्यता को रिव्यू नहीं करवाया है. शिक्षा विभाग ने भी इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया है.