भिवानी: अपनी बहाली की मांग को लेकर बर्खास्त पीटीआई जून महीने के पहले सप्ताह से ही धरने पर बैठे हैं. रविवार को कोर्ट के आदेश पर 23 अगस्त को इन पीटीआई अध्यापकों की फिर से परीक्षा ली जाएगी. जिसके विरोध में पीटीआई यूनियन ने शनिवार को बसों में बैठाकर पीटीआई अध्यापकों को परीक्षा केंद्र से दूर पलवल और गुरुग्राम के लिए रवाना कर दिया. पीटीआई यूनियन का आरोप है कि पैसे लेकर पीटीआई अध्यापकों की भर्ती की जा रही है. ऐसे में वो बिल्कुल भी पीटीआई की परीक्षा नहीं देंगे.
बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों ने ये निर्णय लिया है कि वे भर्ती बोर्ड द्वारा पीटीआई के फिर से ली जाने वाली परीक्षा में हिस्सा नहीं लेंगे. इसलिए शनिवार को भिवानी के पीटीआई महिला व पुरुष अध्यापक भिवानी के हुड्डा पार्क में इकट्ठे हुए और वहां से प्राइवेट बसों में एकत्रित होकर पलवल व गुड़गांव के लिए रवाना हो गए. हालांकि प्रदेश सरकार ने इनके लिखित टेस्ट लेने के लिए करनाल ,पानीपत, कैथल ,हिसार व कुरुक्षेत्र में कुल 5 सेंटर बनाए हैं. जिसके विरोध में पीटीआई अध्यापक इन सेंटरों से अलग जिलों में चले गए हैं.
पीटीआई जिला प्रधान बलवान ने कहा कि सरकार दोबारा पीटीआई अध्यापकों की भर्ती परीक्षा लेने के लिए टेस्ट आयजित कर रही है. जिसका वो विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि एक बार जब हम परीक्षा में पास हो गए और दस साल अध्यापन कार्य कराया. उसके बाद भी उनको निकाल दिया गया. तो क्या गारंटी है कि इस बार उन्हें रखा जाएगा. बलवान ने कहा कि सरकार के नुमाइंदे पीटीआई अध्यापकों की नियुक्ति के रेट फिक्स कर रखे हैं. कोई 10 लाख मांग रहा है, तो कोई 15 लाख. जिसका पीटीआई विरोध करते हैं. इसलिए सभी पीटीआई अध्यापक इन पीटीआई सेंटरों वाले जिलों से निकल कर अलग जिलों में चले गए हैं.
गौरतलब है कि बर्खास्त 1983 पीटीआई ने योजनाबद्ध तरीके से प्रदेश के सभी पीटीआई महिला अध्यापकों को गुड़गांव व पुरुष अध्यापकों को पलवल में भेजा है. ताकि वे इन परीक्षा केंद्रों से दूर रहे. यदि बर्खास्त पीटीआई अपने साथियों को परीक्षा केंद्र से दूर रखते हैं. तो पीटीआई की परीक्षा ना देने की बात पूरी होगी. जिससे सरकार पर दबाव बनेगा. ऐसा पीटीआई अध्यापकों का मानना है.
क्या है पूरा मामला?
हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन ने अप्रैल 2010 में 1983 पीटीआई को प्रदेशभर में भर्ती किया था. इस दौरान नियुक्तियों में असफल रहे अभ्यर्थियों में संजीव कुमार, जिले राम और एक अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगा चुनौती दी थी. याचिका में कहा गया था कि ऐसे उम्मीदवारों को भी नियुक्ति दी गई थी, जिनके शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी हैं.
हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने याचिका पर सुनवाई कर पीटीआई की भर्ती को रद्द कर दिया था. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला बरकरार रखा था. वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानते हुए हरियाणा सरकार ने इसी साल 1983 पीटीआई शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है. जिसके बाद से प्रदेशभर में पीटीआई शिक्षकों की बहाली को लेकर प्रदर्शन जारी है.
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